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Jammu Kashmir News: अब नई मुश्किल में फंसा इंजीनियर राशिद, निर्वाचन आयोग ने बारामूला के सांसद को क्यों भेजा नोटिस?

टेरर फंडिंग के मामले में जेल में बंद इंजीनियर राशिद को अब निर्वाचन आयोग ने चुनावी खर्चे के विवरण में विसंगति पर नोटिस भेजा है। इंजीनियर राशिद को अदालत ने बतौर सांसद शपथ लेने के लिए दो घंटे के पैरोल की अनुमति दी है। इंजीनियर राशिद ने बारामूला से जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को एक लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।

By Rajiv Mishra Edited By: Rajiv Mishra Published: Thu, 04 Jul 2024 03:11 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2024 03:11 PM (IST)
निर्वाचन आयोग ने इंजीनियर राशिद को भेजा नोटिस (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। चुनाव आयोग ने बारामुला लोकसभा सीट से निर्वाचित शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद को उनके चुनाव प्रचार में व्यय के ब्यौरे में विसंगतियों का संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है।

उसे दो दिन के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। टेरर फंडिग के आरोपित इंजीनियर राशिद बीते पांच वर्ष से तिहाड़ जेल में बंद हैं।

बारामूला में उमर अब्दुल्ला को दी थी शिकस्त

इंजीनियर राशिद ने बारामुला सीट पर नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया है। बता दें कि इंजीनियर राशिद को यह नोटिस ऐसे समय जारी किया गया है, जब उसे अदालत ने लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करने के लिए दो घंटे के पैरोल की अनुमति दी है। इंजीनियर राशिद पांच जुलाई को शपथ लेंगे।

निर्वाचन अधिकारी ने इसलिए भेजा नोटिस

इंजीनियर राशिद को यह नोटिस बारामुला के जिला चुनाव अधिकारी मिंगा शेरपा ने बुधवार को जारी किया है। उन्होंने अपने नोटिस में बताया है कि इंजीनियर रशीद की तरफ से चुनाव संबंधी व्यय का जो बही खाता जमा कराया गया है, उसके मुताबिक सिर्फ 2.10 लाख रुपये खर्च हुए हैं, जबकि पर्यवेक्षकों के शैडो रजिस्टर में यह खर्च 13.78 लाख रुपये है।

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...नहीं तो तीन वर्ष के लिए अयोग्य घोषित

नोटिस में इंजीनियर राशिद को या फिर उनके प्रतिनिधि को जिला व्यय निगरानी समिति के समक्ष दो दिन के भीतर उपस्थित होकर व्यय में विसंगति को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और समय पर चुनाव आयोग को व्यय रिपोर्ट उपलब्ध कराने को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा गया है।

अगर वह समय रहते चुनाव खर्च की रिपोर्ट संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं तो चुनाव आयोग जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उसे तीन वर्ष के लिए अयोग्य घोषित कर सकता है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी इंजीनियर रशीद जेल में थे। वहीं बारामुला संसदीय क्षेत्र में उसके बेटे ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी थी।

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