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Jammu Kashmir News: डल झील में अब हाउसबोटों की आग और पानी से होगी रक्षा, लोगों की इस पहल से मिलेगी कामयाबी

Srinagar News अब डल के भीतर किसी भी समय आग बुझाने के लिए एक मोटरबोट हमेशा उपलब्ध रहेगी। यह सिर्फ आग ही नहीं बुझाएगी बल्कि किसी किश्ती या हाउसबोट को पानी में डूबने से बचाने में भी मदद करेगी। कश्मीर में अपनी तरह की यह पहली और निजी फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बोट है जिसे लगभग हर हाउसबोट मालिक के सहयोग से तैयार किया गया है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Mon, 22 Jan 2024 11:33 AM (IST)
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Srinagar News: डल झील में हाउसबोटों को आग से बचाएगी इमरजेंसी सर्विस बोट। फाइल फोटो
नवीन नवाज, श्रीनगर। प्रसिद्ध डल झील में हाउसबोट जब लपटों में घिर जाते हैं तो फिर आग उन्हें राख में बदलने के बाद थमती है। आग बुझाने के लिए पानी की दिक्कत नहीं होती, लेकिन न दमकल कर्मी मौके पर समय रहते पहुंच पाते और न आग को ठंडा करने के लिए पानी फेंकने के संसाधन उपलब्ध हो पाते हैं। अब डल के भीतर किसी भी समय आग बुझाने के लिए एक मोटरबोट हमेशा उपलब्ध रहेगी।

निजी फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बोट

यह सिर्फ आग ही नहीं बुझाएगी बल्कि किसी किश्ती या हाउसबोट को पानी में डूबने से बचाने में भी मदद करेगी। कश्मीर में अपनी तरह की यह पहली और निजी फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बोट है, जिसे बेशक एक व्यक्ति ने तैयार किया है,लेकिन सहयोग लगभग हर हाउसबोट मालिक ने किया है। तारिक अहमद पटलू ने इस बोट को तैयार किया है।

हर हाउसबोट मालिक ने की मदद 

जो यह बोट है, इसे तैयार करने में हर हाउसबोट मालिक ने मदद की है। किसी ने पांच तो किसी ने 10 हजार का अंशदान किया है। यह सामुदायिक प्रयास है और सामुदायिक बोट है। उन्होंने कहा कि वह भी एक हाउसबोट वाले हैं। हाउसबोट के निर्माण में देवदार, चीड़ और अखरोट की लकड़ी का इस्तेमाल होता है। एक हाउसबोट को तैयार करने में 25 लाख से पांच करोड़ तक का खर्च आता है जो हाउसबोट के आकार पर निर्भर करता है।

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मई 2022 में हुआ दर्दनाक हादसा

गत वर्ष डल में घाट नंबर नौ के सामने लगभग पांच हाउसबोट और छह अन्य इमारती ढांचे जल गए। तीन बांग्लादेशी पर्यटक भी इस हादसे में मारे गए। हाउसबोट मालिक का करोड़ों का नुकसान हुआ। मई 2022 में भी घाट-16 के सामने बशीर अहमद के हाउसबोट में आग लग गई थी। हाउसबोट भी जल गया और उसकी आठ वर्ष की मासूम बेटी की मौत हुई। यहां ऐसे एक नहीं कई हादसे हुए हैं।

पीएम मोदी भी कर चुके हैं तारीफ

प्रधानमंत्री कर चुके तारीफ कोविड पीड़ितों के लिए डल में एंबुलेंस नाव की निश्शुल्क सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना पा चुके तारिक ने कहा कि हम हर बात के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते। हमने फायर एंड इमेरजेंसी बोट तैयार करने का फैसला किया। हमारी नाव किसी भी आपात स्थिति में झील के किसी भी हिस्से में पहुंच सकती है। इसमें पांच पंप हैं।

बोट तैयार करने पर 30 लाख का आया खर्च 

इनमें तीन फ्लोटिंग पंप हैं जो पानी में डूबेंगे नहीं। यह पंप पेट्रोल चलते हैं। हमने दो डिवाटरिंग पंप भी रखे हैं जो किसी भी नाव या हाउसबोट में पानी भरने पर उससे पानी की निकासी कर उसे डूबने से बचाएंगे। बोट तैयार करने पर 30 लाख का खर्च आया है।

बशीर ने कहा कि जब मुझे पता चला कि तारिक ने अब फायर सर्विस वाला बोट तैयार करने का फैसला किया तो मुझे खुशी हुई। यह बोट अगर पहले होती तो शायद मेरी बेटी नादिया आज मेरे साथ खेल रही होती। मेरे ही हाउसबोट में लगभग पौने दो साल पहले आग लगी थी।

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