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'बीजेपी और एनसी खेल रहे लुका-छिपी का गेम', इंजीनियर रशीद ने उमर सरकार को घेरा; आर्टिकल 370 पर फिर बवाल

Jammu Kashmir News बारामूला से सांसद शेख अब्दुल रशीद ने जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 की जगह केवल राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करने वाले प्रस्ताव को पारित करने की खबर पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी और नेकां लुका-छिपी का गेम खेल रही हैं। ये दोनों मिले हुए हैं।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 18 Oct 2024 07:14 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में इंजीनियर रशीद प्रेसकर्मियों को संबोधित करते हुए (जागरण फोटो)

पीटीआई, श्रीनगर। बारामूला से सांसद शेख अब्दुल रशीद ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 की जगह केवल राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करने वाले प्रस्ताव को पारित करने की खबर काफी दर्दनाक है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) अपने सैद्धांतिक रुख से भटक रही है।

इंजीनियर रशीद के नाम से मशहूर बारामूला के सांसद की यह टिप्पणी जम्मू के एक अखबार 'डेली एक्सेलसियर' द्वारा एक रिपोर्ट प्रकाशित किए जाने के बाद आई है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि कैबिनेट ने केंद्र से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रस्ताव का मसौदा सौंपने के लिए दिल्ली जाएंगे। हालांकि, रिपोर्ट की कोई आधिकारिक पुष्टि या खंडन नहीं किया गया है।

'एनसी ने आर्टिकल 370 और 35 ए पर लड़ा था चुनाव'

रशीद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ऐसी खबरें हैं कि राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। कुछ भी पारित करना उनका अधिकार है।

लेकिन, हम अब्दुल्ला को याद दिलाना चाहते हैं कि आपने अनुच्छेद 370 और 35ए तथा राज्य के दर्जे पर चुनाव लड़ा था। इसलिए ये खबरें कि केवल राज्य के दर्जे पर प्रस्ताव पारित किया गया है, बहुत दुखद है। इसका मतलब है कि उनकी पार्टी के सैद्धांतिक रुख से भटक रही है।

बारामूला सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। तो उमर वही मांग क्यों कर रहे हैं? ये तो भाजपा पहले से ही देने के लिए तैयार है? इसका मतलब है कि वह (अनुच्छेद) 370 और 35ए के बारे में बात करने के लिए तैयार नहीं हैं। यह केवल दिखावा है और वह उस एजेंडे से भटक रहे हैं जिस पर उन्होंने चुनाव लड़ा था।

अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के प्रमुख ने कहा कि ऐसा लगता है कि एनसी और भाजपा के बीच कुछ चल रहा है। वे लुका-छिपी का खेल खेल रहे हैं। केंद्र को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार राज्य का दर्जा बहाल करना है।

रशीद ने शपथ समारोह पर भी किया था कटाक्ष

रशीद ने कहा कि अब्दुल्ला सिर्फ शहीदों में गिने जाना चाहते हैं, वे अन्य मुख्य मुद्दों से भागना चाहते हैं। यह शेख मोहम्मद अब्दुल्ला द्वारा प्रधानमंत्री से मुख्यमंत्री बनने पर किए गए विश्वासघात जैसा है।

शपथ ग्रहण के दिन कथित तौर पर तीन बार अपनी पोशाक बदलने के लिए अब्दुल्ला पर कटाक्ष करते हुए एआईपी प्रमुख ने कहा कि इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री शपथ लेने में बहुत खुश थे, जबकि उन्हें उस दिन गंभीर होना चाहिए था।

मैं इस पर उन पर हमला नहीं कर रहा हूं। यह उनका निजी मामला है और उन्हें जो करना है करने की स्वतंत्रता है। लेकिन, चूंकि वे मुख्यमंत्री हैं, इसलिए हमें इन बातों पर ध्यान देना होगा।

उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि उन्हें असली मुद्दों की परवाह नहीं है। ऐसा लगता है कि वह भाजपा के साथ अपनी दोस्ती को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की तारीफ की थी।

जम्मू-कश्मीर को केंद्र के सपोर्ट की जरूरत: रशीद

बारामूला के सांसद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार को केंद्र से समर्थन की जरूरत है और हम चाहते हैं कि केंद्र प्रशासनिक और विकास संबंधी मुद्दों पर जम्मू-कश्मीर सरकार का समर्थन करे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अब्दुल्ला को अपना रुख बदलना होगा।

उन्होंने कहा कि वह मोदी और भाजपा सरकार के साथ अपने रिश्ते को बेहतर बनाने का बहाना ढूंढ रहे हैं। अब्दुल्ला को स्पष्ट करना चाहिए कि अगर भाजपा 100 साल तक सत्ता में रही, तो क्या कश्मीरियों को अपने अधिकार मांगने के लिए 100 साल तक इंतजार करना चाहिए।

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