Jammu Kashmir News: दक्षिण कश्मीर में किसानों को अब मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी, कुलगाम में लगाई गई ये आधुनिक तकनीक
Srinagar News गांव-गांव तक किसानों को मौसम की सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में अत्याधुनिक मौसम केंद्र स्थापित किया गया है। मौसम के पूर्वानुमान से किसान अब पहले की तुलना में बेहतर व उचित फसलों की खेती कर सकेंगे। यह सब जानकारी उन किसानों तक वाट्सएप से पहुंचाई जा रही हैजो यहां इस कृषि विज्ञान केंद्र में पंजीकृत हैं।
रजिया नूर, श्रीनगर। गांव-गांव तक किसानों को मौसम की सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में अत्याधुनिक मौसम केंद्र स्थापित किया है। मौसम के पूर्वानुमान से किसान बेहतर व उचित फसलों की खेती कर सकेंगे। साथ ही कैसी मिट्टी किस फसल के लिए उपयोगी है और उसमें खाद व रसायन का प्रयोग करना है, की जानकारी उपलब्ध होगी।
एचएडीपी के तहत पोमई इलाके में किया स्थापित
कृषि वैज्ञानी मंजूर अहमद गनई ने कहा कि इस केंद्र को होलेस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम(एचएडीपी) तहत पोमई इलाके में स्थापित किया है। इसके माध्यम से किसानों तक मौसम संबंधित जानकारी के साथ हवा की दिशा, गति, उमस, जमीन का तापमान,जमीन की नमी तथा कीट गतिविधयों संबंधित जानकारी किसानों को उपलब्ध करा रहे हैं।
किसानों को फलों-फसलों को लगने वाली बीमारियों के बारे में बताना
मौसम संबंधित जानकारी के साथ इस केंद्र का मुख्य काम किसानों को फलों और फसलों को लगने वाली विभिन्न बीमारियों के बारे में अग्रिम जानकारी देना है ताकि किसान फसलों को उक्त बीमारियों से सुरक्षित रखने के लिए पहले से ही तैयारी कर लें। मिट्टी की नमी, इसके तापमान तथा अच्छी फसल के लिए मिट्टी के बाकी गुणों संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध हो रहा है।यह भी पढ़ें: Srinagar: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने एक जनसभा में कहा 'उन्हें हिंदुस्तान में रहना या पाकिस्तान में'...
आठ दिनों में 2000 किसानों ने कराया पंजीकरण
यह सब जानकारी उन किसानों तक वाट्सएप से पहुंचाई जा रही है,जो यहां इस कृषि विज्ञान केंद्र में पंजीकृत हैं। अभी इस विशेष मौसम केंद्र को शुरू हुए चंद ही दिन हुए हैं लेकिन इसका लाभ उठाने के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र के साथ जुड़ रहे हैं। बीते आठ दिनों में जिले के 2000 किसानों ने पंजीकरण कराया।घाटी में भीषण ठंड के चलते कृषि गतिविधियां ठप
हमें खुशी है कि किसान इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। हालांकि घाटी में भीषण ठंड के चलते कृषि गतिविधियां ठप हैं। बता देते हैं कि इससे पूर्व जिले में अधिकांश किसानों को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर कृषि आयुर्विज्ञान अनुसंधान का रुख कर जानकारी लेनी पड़ती थी।
किसान आशिक ने कहा कि हमें अभी तक मुख्य मौसम केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता था। उससे हमें यह पता चलता कि कब वर्षा या बर्फबारी होगी,या कब आंधी तूफान आएगा, हम उसी हिसाब से कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।
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