Jammu News: सरकार के खिलाफ धरना देंगे फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, विधानसभा चुनाव की कर रहे मांग
जम्मू कश्मीर में विपक्ष के नेता लोकतंत्र की बहाली और पंचायत-विधानसभा चुनाव कराए जाने की मांग के समर्थन में धरने पर बैठ रहे हैं। यह धरना शरदकालीन राजधानी में तवी नदी किनारे स्थित हरि सिंह पार्क में होगा।
By naveen sharmaEdited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 10 Oct 2023 05:30 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर के सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को प्रदेश में लोकतंत्र की बहाली और पंचायत व विधानसभा चुनाव कराए जाने की मांग के समर्थन में धरने पर बैठ रहे हैं। यह धरना शरदकालीन राजधानी में तवी नदी किनारे स्थित हरि सिंह पार्क में होगा। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रमुख विकार रसूल वानी भी धरने में शामिल होंगे।
धरने में ये बड़े नेता होंगे शामिल
नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस, पीडीपी,अकाली दल अमृतसर, डोगरा सदर सभा, शिवसेना उद्धव ठाकरे,माकपा, अवामी नेशनल कान्फ्रेन्स समेत विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के नेता और प्रतिनिधि मंगलवार को धरने पर बैठ रहे हैं। इस धरने का फैसला गत सप्ताह फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक में लिया गया है। बैठक में महबूबा मुफ्ती भी शामिल थी।
फारूक अब्दुल्ला ने साधा भाजपा पर निशाना
फारूक अब्दुल्ला ने धरने का एलान करते हुए कहा था जम्मू कश्मीर में नागरिकों के सभी संवैधानिक अधिकार निलंबित रखे गए हैं, जम्मू कश्मीर के लोगों को जानबूझकर एक निर्वाचित सरकार के हक से वंचित किया जा रहा है। भाजपा को जम्मू कश्मीर में अपनी हार सामने नजर आ रही है, इसलिए विधानसभा चुनावों के साथ-साथ नगर निकाय और पंचायत चुनाव भी टाल दिए गए हैं।उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य लगातार बिगड़ रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है। लोगों पर संपत्ति कर, स्मार्ट मीटर का बोझ डाला जा रहा है। विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मियों को वेतन भी समय पर नही मिल रहा है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ और जम्मू कश्मीर मे लोकतंत्र की बहाली के लिए सभी विपक्षी दल धरने में शामिल होंगे।यह भी पढ़ें- फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने फलस्तीन विवाद सुलझने की जताई उम्मीद, कही ये बातें
गुलाम नबी आजाद की पार्टी नहीं होंगे शामिल
अलबत्ता, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद या उनका कोई प्रतिनिधि इस धरने में नहीं होगा, क्योंकि उन्हें भाजपा का सहयोगी मानकर नहीं बुलाया गया है।धरने की तैयारियों के लिए गठित समिति के संयोजक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रविंद्र शर्मा ने कहा कि हमने प्रशासन को धरने के संदर्भ में आवश्यक अनुमति के लिए एक पत्र लिखा था। प्रशासन ने इसकी अनुमति दे दी है। यह पूछे जाने पर कि क्या सुबह डा फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती धरने में शामिल होंगे तो उन्होंने कहा कि धरने का नेतृत्व वही करेंगे।
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