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Jammu Kashmir News: महात्‍मा गांधी पर टिप्पणी को लेकर पीएम पर भड़के फारूक अब्‍दुल्‍ला, बोले- चौंकाने वाली बात...

Jammu Kashmir News नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के अध्‍यक्ष फारूक अब्‍दुल्‍ला ने पीएम की महात्‍मा गांधी वाली टिप्पणी की आलोचना की है। उन्‍होंने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि (महात्मा) गांधी पर फिल्म बनने के बाद उन्हें पहचान मिली। यह चौंकाने वाली बात है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे विश्व नेताओं ने बापू से प्रेरणा ली है।

By Agency Edited By: Himani Sharma Updated: Thu, 30 May 2024 06:36 PM (IST)
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महात्‍मा गांधी पर टिप्पणी को लेकर पीएम पर भड़के फारूक अब्‍दुल्‍ला (फाइल फोटो)
पीटीआई, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने महात्मा गांधी के बारे में नरेंद्र मोदी की हालिया टिप्पणियों को चौंकाने वाला बताया है। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री को 'बापू' की प्रशंसा करने में शर्म महसूस होती है। जबकि वे दोनों ही गुजरात से आते हैं।

अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र को नहीं पता कि लोगों का दिल कैसे जीता जाता है। नेकां अध्‍यक्ष ने शाह की 'जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और पत्थरबाजों के परिजनों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी' वाली घोषणा को लेकर अलोचना भी की।

पीएम भूल गए भारत की आजादी में गांधी का योगदान: नेकां अध्‍यक्ष

नेकां अध्‍यक्ष ने कहा कि मोदी जी कहते हैं कि (महात्मा) गांधी पर फिल्म बनने के बाद उन्हें पहचान मिली। यह चौंकाने वाली बात है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग जूनियर जैसे विश्व नेताओं ने 'बापू' से प्रेरणा ली है। अब्‍दुल्‍ला ने आगे कहा कि उनकी प्रतिमाएं दुनिया भर में मौजूद हैं और हमारे पीएम भूल गए कि भारत की आजादी में गांधी का बहुत बड़ा योगदान है। मोदी और गांधी दोनों गुजरात से हैं और फिर भी, पीएम को गांधी की प्रशंसा करने में शर्म महसूस होती है।

एनसी अध्यक्ष ने कहा कि वह देश के लिए गांधी द्वारा दिए गए बलिदान को नहीं भूल सकते हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि साथ ही महात्‍मा गांधी भी चाहते थे कि हिंदू और मुस्लिम हमारे देश में खुशी से एक साथ रहें, लेकिन वर्तमान प्रधानमंत्री दोनों समुदायों के बीच अंतर बढ़ा रहे हैं।

कश्‍मीर मुद्दे पर भी पीएम पर भड़के फारूक अब्‍दुल्‍ला

नेकां प्रमुख ने कहा कि जब मैं कुछ साल पहले नई दिल्ली में प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि कश्मीर और कश्मीर के बीच विश्वास की कमी है। अब्‍दुल्‍ला ने आगे कहा कि अब शाह कहते हैं कि आतंकवादियों या पत्थरबाजों के परिवारों को नौकरियां नहीं दी जाएंगी, तो इससे अंतर बढ़ जाता है और वे फिर से गलत रास्ता चुन सकते हैं। पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई रास्ते से भटक रहा है, तो हमें उन्हें सही रास्ते पर वापस लाने की जरूरत है।

महबूबा मुफ्ती पर फारूक अब्‍दुल्‍ला ने दिया बयान

पीडीपी अध्‍यक्ष महबूबा मुफ्ती पर भी फारूक अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि हर व्यक्ति को विरोध करने का अधिकार है। उन्होंने कोई गलती नहीं की। उन्होंने अधिकारियों से केवल यह पूछा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में क्यों लिया गया। साथ ही उन्‍होंने आरोप लगाया कि मतदान से पहले उनकी पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में ले लिया गया।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार नहीं चाहती थी कि लोग हमें वोट दें। लेकिन, महबूबा मुफ्ती इसे सहन नहीं कर सकीं और अनंतनाग में एक पुलिस स्टेशन के सामने विरोध करने के लिए निकल आईं। मैं उन्हें बधाई देता हूं। एनसी प्रमुख ने यह भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों पर प्रधानमंत्री के बयान "आश्चर्यजनक" रहे हैं।

75 साल से हम अपने अधिकारों से वंचित: अब्‍दुल्‍ला

नेकां अध्‍यक्ष ने कहा कि 75 साल हो गए हैं और हम अभी भी अपने अधिकारों से वंचित हैं। कृपया मुझे बताएं कि कितने मुसलमान केंद्रीय सचिवालय या किसी सरकारी कार्यालय में काम कर रहे हैं? हमारा इस्लाम हमें अन्य धर्मों के प्रति सहिष्णुता दिखाना सिखाता है।

राफा में हवाई हमले पर भी बोले अब्‍दुल्‍ला

राफा में हवाई हमले पर एनसी अध्यक्ष ने कहा कि यह दुखद है कि दुनिया वहां हुई हत्याओं पर चुप है। हालांकि जर्मनी और स्पेन सहित कई देशों ने फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में स्वीकार कर लिया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। इजरायल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय भी चुप है। पता नहीं दबाव कहां से आ रहा है। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका खुद को एक देश कहता है, लोकतांत्रिक देश लेकिन हथियार खरीदने में इजरायल की मदद कर रहा है, वे दुनिया से मुस्लिम आबादी को भी मिटाना चाहते हैं।

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अब्दुल्ला ने कहा कि महात्मा गांधी फिलिस्तीन में किए गए अत्याचारों के बारे में मुखर थे। साथ ही उन्‍होंने फिलिस्तीन के लोगों के संघर्ष का भी समर्थन किया और चाहते थे कि इसे एक राज्य के रूप में मान्यता दी जाए। लेकिन हमारे वर्तमान प्रधान मंत्री ने फिलिस्तीनियों पर हवाई हमले के लिए इजराइल को बधाई दी। यह दुखद है।

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