Move to Jagran APP

Farooq Abdullah ने Amit Shah पर किया पलटवार, कहा- 'अनुच्छेद 370 के लिए नेहरू नहीं जिम्मेदार'; PM मोदी पर भी साधा निशाना

Jammu Kashmir नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू अनुच्छेद 370 के लिए बिल्कुल भी जिम्मेदार नहीं थे। उन्होंने इसे निरस्त करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर निराशा व्यक्त की थी। जब इस संबंध में फैसला लिया गया तब श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी वहां मौजूद थे। पत्रकारों नेजम्मू-कश्मीर में विकास को लेकर सवाल पूछा तो पढ़िए उन्होंने क्या कहा?

By AgencyEdited By: Monu Kumar JhaUpdated: Tue, 12 Dec 2023 05:29 PM (IST)
Hero Image
अनुच्छेद 370 के लिए नेहरू नहीं थे जिम्मेदार-फारूक अब्दुल्ला। फाइल फोटो
पीटीआई, श्रीनगर। Farooq Abdullah Reaction on Amit Shah Statement नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) अनुच्छेद 370 के लिए जिम्मेदार नहीं थे क्योंकि उन्होंने इसे निरस्त करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर निराशा व्यक्त की।

बता दें अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया तब आई जब संसद में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कश्मीर समस्या के लिए नेहरू को दोषी ठहराया। "असामयिक" युद्धविराम का आदेश देने और मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने की "गलतियों" की ओर इशारा किया।

जब अनुच्छेद (370) आया तो सरदार पटेल थे मौजूद-फारूक अब्दुल्ला

अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बातचीत में कहा-"मुझे नहीं पता कि उनके मन में नेहरू के खिलाफ जहर क्यों है। नेहरू जिम्मेदार नहीं हैं। जब अनुच्छेद (370) आया तो सरदार पटेल वहां थे।" तत्कालीन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि जब कैबिनेट की बैठक हुई तब नेहरू अमेरिका में थे।

जब निर्णय लिया गया तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी वहां मौजूद थे। जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या इस फैसले से जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ है? इस पर उन्होंने कहा-"वहां जाएं और खुद देखें"।

यह भी पढ़ें: Srinagar: अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद और पत्नी से तलाक मामले में उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर किया इमोशनल पोस्ट

हम चाहते हैं कि जल्द चुनाव हों-फारूक

उन्होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि चुनाव हों। हम उम्मीद कर रहे थे कि अगर सुप्रीम कोर्ट (अनुच्छेद) 370 को हटा देगा तो वे भी तुरंत चुनाव कराने के लिए कहेंगे। कोर्ट ने सितंबर तक का समय दिया है। इसका क्या मतलब है?

राज्य के दर्जे पर उन्होंने कहा कि इसके बारे में बाद में बात करूंगा। न्याय कहां है?'' पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर भारत के दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा "यह फैसला सरकार को लेना है। हमने कभी किसी को नहीं रोका। हम कुछ नहीं हैं।

जम्मू कश्मीर को नरक में ले जा रहे

आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। इसे लेकर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस में गर्मागर्मी का माहौल है। संसद भवन के बाहर आज नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आप वास्तव में जम्मू कश्मीर को नरक में लेकर जा रहे हैं, 'स्वर्ग' तो यह पहले से है ही।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है। मुझे बताएं कि अब तक क्या ही किया गया है?

केंद्र सरकार हमारा दिल नहीं जीत रही

उन्होंने आगे कहा कि हर राज्य में चुनाव हो रहे हैं लेकिन यह यहां नहीं हो रहा है। इसमें हमारी क्या गलती है। किस दूसरे राज्य को केंद्र शासित प्रदेश (UT) में बदल दिया गया। आप कहते हैं कि आतंकवाद को खत्म कर दिया गया है, लेकिन क्या ऐसा हुआ है? उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार हमारा दिल नहीं जीत रही है।

आपको हम पर भरोसा नहीं है और हमें आप पर

मैंने पीएम से साफ कहा कि आपको हम पर भरोसा नहीं है और हमें आप पर भरोसा नहीं है। तो हम उस विश्वास को कैसे जोड़ पाएंगे। उनके सवाल की पीएम ने जवाब दिया कि दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को दूर करना है। लेकिन क्या आज तक दूरियां कम हुई हैं।

यह हमारी गलती नहीं है। हम देश के साथ खड़े हैं और जब तक सांस रहेगी देश के साथ खड़े रहेंगे और किसी अन्य राष्ट्र के साथ खड़े नहीं होंगे। लेकिन हमारा भी सम्मान करो और हमारा भी दिल जीतने की कोशिश करो।

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले को रखा बरकरार 

इससे पहले सोमवार को जम्मू कश्मीर मामले में मोदी सरकार की बड़ी जीत मानी गई। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सर्वसम्मति से संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के 2019 के फैसले को बरकरार रखा।

जिसने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा दिया था। यहां तक ​​​​कि सितंबर के अंत तक वहां विधानसभा चुनाव के साथ ही राज्य का दर्जा जल्द मिले ऐसा आदेश दिया।

धारा 370 के विवादास्पद मुद्दे पर दशकों से चली आ रही बहस को 16 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद निपटाते हुए पांच न्यायाधीशों की पीठ ने धारा 370 को निरस्त करने को बरकरार रखते हुए तीन सहमति वाले फैसले दिए। जो केंद्र में शामिल होने पर जम्मू-कश्मीर को एक अद्वितीय दर्जा प्रदान करता था।

यह भी पढ़ें: Article 370: अनुच्छेद-370 पर SC के फैसले का चंदौली में स्वागत, व्यवसायियों से लेकर शिक्षकों ने कही ये बात

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।