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J&K News: 'हर धर्म की करें रक्षा, कुछ भी स्थायी नहीं', असम सीएम के फैसले पर ऐसा क्यों बोले फारूक अब्दुल्ला

Farooq Abdullah जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमें सभी धर्मों की रक्षा करनी चाहिए। कुछ भी स्थायी नहीं है। समय के साथ हर चीजें बदल जाती हैं। हिमंत बिस्व सरमा ने मुस्लिम विधायकों को नमाज पढ़ने के लिए मिलने वाले ब्रेक को खत्म कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sat, 31 Aug 2024 06:21 PM (IST)
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Jammu Kashmir News: असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के फैसले पर फारूक अब्दुल्ला ने किया पलटवार।

पीटीआई, श्रीनगर। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मुस्लिम विधायकों को विधानसभा में शुक्रवार को नमाज पढ़ने के लिए मिलने वाली दो घंटे की छुट्टी को खत्म कर दिया है। इस मामले पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है और सरकारों को हर धर्म की रक्षा करनी चाहिए।फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि असम विधानसभा ने शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों को प्रदान की जाने वाली दो घंटे की 'नमाज' छुट्टी को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ भी स्थायी नहीं है और समय आने पर चीजें बदल जाती हैं।

'ऐसी गतिविधि में न हों शामिल'

उन्होंने कहा कि हमारे पास हर धर्म और हर भाषा है, चाहे वह तमिलनाडु हो, कश्मीर हो, बंगाल हो या महाराष्ट्र हो, कोई भी राज्य हो, हर राज्य की एक अलग संस्कृति है और यही कारण है कि भारत एक संघीय ढांचा है और हमें हर धर्म की रक्षा करनी है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि समय आने पर यह बदल जाएगा। कुछ भी स्थायी नहीं है। अच्छी चीजें फिर से प्रबल होंगी।

हम उनसे कहेंगे कि हमारी सरकार आने दीजिए, ऐसी गतिविधियों में शामिल न हों। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी हर धर्म के लोगों का सम्मान और सुरक्षा करनी चाहिए। असम सीएम ने बताया कि यह नियम अगले सत्र से लागू कर दिया जाएगा।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का एलान हो गया है। इस बार तीन चरणों में मतदान होगा। वहीं, वोटों की गिनती अब आठ अक्टूबर को होगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर फैसला हो चुका है। 18 सितंबर को पहले चरण का मतदान होगा। 

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