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Article 370 निरस्तीकरण के पांच साल पूरे, जम्‍मू कश्‍मीर में हाई अलर्ट; महबूबा मुफ्ती ने नजरबंद करने का किया दावा

जम्‍मू कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 (Article 370) निरस्‍तीकरण के पांच साल पूरे हो गए हैं। जम्‍मू कश्‍मीर हाई अलर्ट जारी है। पूर्व मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि उन्‍हें नजर बंद कर दिया गया है। साल 2019 को पांच अगस्त के दिन ही संसद ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को पारित किया था।

By naveen sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Mon, 05 Aug 2024 01:15 PM (IST)
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आतंकी हमले की आशंका देखते हुए सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। अनुच्छेद 370 (Article 370) के निरस्तीकरण की पांच वर्ष पूरे होने पर सोमवार को पूरे जम्मू कश्मीर में आतंकियों द्वारा किसी बड़े हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। सुरक्षाबलों के काफिलों की राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य कुछ मार्गों पर आवाजाही के अलावा श्री अमरनाथ की यात्रा को भी एक दिन के लिए स्थगित किया गया है।

गैर भाजपा दलों का काला दिवस मनाने का एलान

इस अवसर पर जहां भारतीय जनता पार्टी एकातम दिवस मना रही है, वहीं गैर भाजपा दलों ने काला दिवस मनाने का एलान किया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, नेशनल कान्फ्रेंस के प्रमुख प्रवक्ता तनवीर सादिक समेत विभिन्न नेताओं ने उन्हें उनके घरों में नजरबंद करने का आरोप लगाया है।

गैर भाजपा दलों ने अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के खिलाफ रैलियों की योजना बनाई थी, लेकिन कश्मीर में वह इन रैलियों के आयोजन में सफल नहीं हो पाए, जम्मू में पीडीपी कायकर्ताओं ने पार्टी मुख्यालय के बाहर एक रोष रैली निकाली।

एकातम दिवस के उपलक्ष्य में महारैली का आयोजन

भाजपा ने पाकिस्तान के साथ सटी सीमा पर स्थित आरएसपुरा में एकातम दिवस के उपलक्ष्य में महारैली का आयोजन किया। इसमें कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने संबोधित करते हुए अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद जम्मू कश्मीर में शांति, सुरक्षा एवं विश्वास के वातावरण की बहाली के लिए सभी को बधाई दी।

पांच साल पहले हटाई गई थी अनुच्छेद 370 और 35ए

वर्ष 2019 को पांच अगस्त के दिन ही संसद ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाते हुए जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को पारित किया था। इसी अधिनियम के तहत जम्मू कश्मीर का अलग संविधान और निशान समाप्त हुआ और जम्मू कश्मीर में सभी केंद्रीय कानून लागू हुए। इसके अलावा जम्मू कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित हुआ।

केंद्र सरकार के इस फैसले से कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के पारिस्थितिक तंत्र पर चोट पहुंची। उन्हें मुंह की खानी पड़ी। इससे हताश आतंकी व अलगाववादी तत्वों का प्रयास रहता है कि वह पांच अगस्त के अवसर पर कोई बड़ी वारदात करें। कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दलों जिनकी राजनीति परोक्ष ष्प से अलगाववाद के तुष्टिकरण पर चलती थी, भी केंद्र के इस फैसले से नाराज हैं।

प्रशासन ने सावधानी के तौर पर बढ़ाई सुरक्षा

अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के पांच वर्ष पूरे होने पर प्रशासन ने सावधानी के तौर पर पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई ताकि आतंकयों को उनके इरादों में कामयाब होने का मौका नहीं मिले। सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात करने के साथ ही सुरक्षाबलों की गश्त बढ़ाई गई। राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर सुरक्षाबलों के काफिलों की आवाजाही को स्थगित किया गया है।

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विभिन्न स्थानों पर विशेष नाके लगाए गए हैं। राजौरी-पुंछ, डोडा, रामबन-किश्तवाड़ और रियासी के दूर दराज इलाकों में विशेष चौकसी बरती जा रही है। वादी में सभी अल्पसंख्यक बस्तियों और उन इलाकों में जहां प्रवासी श्रमिक रहते हैं, सुरक्षाबलों की गश्त को बढ़ाया गया है। सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और सुरक्षा शिविरों की सुरक्षा की समीक्षा कर उसे और बेहतर बनाया गया है।

विपक्षी दलों ने की थी भाजपा के निर्णय की निंदा

कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, नेशनल कान्फ्रेंस समेत विभिन्न गैर भाजपा दलों ने पांच अगस्त पर एकातम दिवस मनाने के भाजपा के निर्णय की निंदा की है। पीडीपी ने काला दिवस मनाने का एलान करते हुए रैली का एलान किया था,जिसे पुलिस ने विफल बना दिया।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है कि उन्हें उनके घर में नजरबंद बनाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके घर के बाहरी गेट पर ताला लगाा गया है। उनके पार्टी कार्यालय पर भी ताला लगाया गया है ताकि हम लोग जम्मू कश्मीर के साथ हुए हुए अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज न उठा सकें। पांच अगस्त का दिन जम्मू कश्मीर के लिए काला दिन है।

जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी का कार्यालय बंद

कश्मीर में भाजपा की बी टीम कहलाने वाली जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के कार्यालय को भी बंद रखा गया है। नेशनल कान्फ्रेंस के प्रमुख प्रवक्ता तनवीर सादिक ने अपने एक्स हैंडल पर अपने घर के बाहर पुलिस बंदोबस्त की तस्वीरें साझा करते हु लिखा हे कि उन्हें उनके घर में नजरबंद किया गया है। उन्होंने दावा किया कि नेशनल कान्फ्रेंस के श्रीनगर में सभी प्रमुख नेताओं को पुलिस ने नजरबंद रखा हुआ है।

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उन्होंने कहा कि मैं किसी निजि कार्य से बाहर जाना चाहता था, लेकिन मुझे नहीं जाने दिया गया। पांच अगस्त 2019 को लिया गया फैसला असंवैधानिक और अवैध था और हमेशा रहेगा। पांच अगस्त 2019 को भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात किया। संविधान की अनदेखी करके भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के भारत के साथ संवैधानिक, नैतिक और कानूनी संबंधों को कमजोर किया है।

कश्मीरियों को निशक्तिकरणी की याद दिलाएगा दिन: गनी लोन

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि पांच अगस्त का दिन कश्मीरियों को उनके निशक्तिकरणी की याद दिलाएगा। जम्‍मू कश्मीर में पांच साल बाद भी कोई निर्वाचित विधानसभा नहीं है और स्थानीय लोगों को अपने मामलों को चलाने में कोई अधिकार नहीं है। दुख की बात है कि देश केाई भी इतनी सशक्त और मजबूत आवाज नहीं है जो जो यह सवाल उठाए कि कि जम्मू-कश्मीर के साथ इस तरह का अपमानजनक, असंवैधानिक और उसके अस्तित्व को मिटाने वाला व्यवहार क्यों किया गया।

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