भारत को कूटनीतिक स्तर पर लाभ पहुंचाता नजर आ रहा जी-20 सम्मेलन, अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान
जी-20 का आयोजन कश्मीर मुद्दे पर भारत को कूटनीतिक स्तर पर लाभ पहुंचाता नजर आ रहा है। चीन और सऊदी अरब इससे दूरी बनाने के चलते जी-20 में अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं। विश्व समुदाय में कोई भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान को तरजीह देने के लिए तैयार नहीं है।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi VinodiyaUpdated: Tue, 23 May 2023 11:57 PM (IST)
श्रीनगर, नवीन नवाज : जी-20 शिखर सम्मेलन का कश्मीर में आयोजन कश्मीर मुद्दे पर भारत को कूटनीतिक स्तर पर लाभ पहुंचाता नजर आ रहा है। चीन और सऊदी अरब इससे दूरी बनाने के चलते जी-20 में अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं।
यही नहीं, विश्व समुदाय में कोई भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान को तरजीह देने के लिए तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह के मुताबिक इस सम्मेलन से दूर रहने वालों ने भारत का नहीं, बल्कि अपना ही नुकसान किया है। रिपब्लिक ऑफ कोरिया के राजदूत ने कहा कि हर देश की किसी न किसी विषय पर अपनी एक नीति होती है, इसलिए किसी को इससे फर्क नहीं पड़ता। हम भारत के साथ हैं।
पाक ने J&K में चलाया दुष्प्रचार का अभियान
कश्मीर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन, तुर्किये और सऊदी अरब शामिल नहीं हुए हैं। यह तीनों कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के एजेंडे का समर्थन करते हैं। पाकिस्तान ने कश्मीर में जी-20 सम्मेलन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुष्प्रचार का अभियान चला रखा है।Fact Check : नेपाल के बीरगंज बाजार स्थित क्लॉक टावर को श्रीनगर का बताकर किया जा रहा वायरल
5 अगस्त 2019 के बाद कश्मीर का पहला बड़ा सम्मेलन
वह जी-20 सदस्य राष्ट्रों को इसके बहिष्कार के लिए उकसा रहा था, लेकिन उसके तीन समर्थक देशों को छोड़कर अन्य सभी कश्मीर पहुंचे हैं। इस कश्मीर मुद्दे पर भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। पांच अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 के विभिन्न प्रावधानों को हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर (विशेषकर कश्मीर में) होने वाला पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है।चीन, सऊदी के न रहने का कोई असर नहीं
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चीन, सऊदी अरब और तुर्किये की अनुपस्थिति से कोई अंतर नहीं पड़ता। यह उनका अपना नुकसान है, भारत का नहीं। अगर चीन नहीं आया है तो यह चीन की कमी है। पाकिस्तान के दुष्प्रचार पर अब जम्मू-कश्मीर में तो क्या पूरी दुनिया में कोई ध्यान नहीं देता। आप खुद महसूस करेंगे कि आम लोगों के चेहरे पर आतंकियों का भय अब खत्म हो चुका है।
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