G-20 सम्मेलन आज से शुरू, 25 देशों के 60 प्रतिनिधि होंगे शामिल; दुनिया खुद देखेगी कश्मीर में बदलाव की तस्वीर
जी-20 सम्मेलन की शुरुआत आज से शुरू होगी। बैठक में 25 देशों के 60 प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।देशभर से पर्यटन से जुड़े विभिन्न संगठनों के करीब 65 प्रतिनिधि भी कश्मीर पहुंच रहे हैं। तीन दशक में यह पहला अवसर है जब कश्मीर में इस स्तर का आयोजन हो रहा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पाकिस्तान के दुष्प्रचार और आतंकी धमकियों के बावजूद श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की बैठक सोमवार से शुरू होगी। बैठक में 25 देशों के 60 प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। इसके अलावा देशभर से पर्यटन से जुड़े विभिन्न संगठनों के करीब 65 प्रतिनिधि भी कश्मीर पहुंच रहे हैं। तीन दशक में यह पहला अवसर है जब कश्मीर में इस स्तर का आयोजन हो रहा है। पर्यटन की संभावनाओं पर विदेशी मंथन करेंगे हीं पहली बार नए जम्मू कश्मीर की उज्ज्वल तस्वीर से रूबरू होंगे।
विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए अभूतपूर्व प्रबंध किए हैं। डल झील किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजन हो रहा है। कश्मीर में 1986 के बाद पहला कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय स्तर का आयोजन है। उस दौरान भारत व आस्ट्रेलिया में क्रिकेट मैच खेला गया था। तब भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। जी-20 सम्मेलन को शांत, सुरक्षित कराने के लिए नौसेना के मार्कोस कमांडो, एनएसजी कमांडो, पुलिस, सीआरपीएफ व अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियां जुटी हुई हैं।
भारत की अध्यक्षता में हो रहे आयोजन के दौरान पर्यटन कार्यसमूह हरित पर्यटन के विकास और पर्यटन के साथ रोजगार के अवसर जुटाने के विषय पर चर्चा करेगा। जी-20 राष्ट्रों के प्रतिनिधि व अन्य अतिथि पर्यटन क्षेत्र का रोडमैप तैयार करेंगे। जी-20 पर्यटन मंत्रियों के घोषणापत्र को तैयार करने पर सुझाव देते हुए प्रारूप तैयार करेंगे। फिल्म पर्यटन की संभावनाओं और फिल्म पर्यटन नीति पर विशेष सत्र होगा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी और पीएमओ में मंत्री डा. जितेंद्र सिंह, पर्यटन और फिल्म जगत की हस्तियां और अधिकारी उपस्थित रहेंगे। सम्मेलन के अंतिम दिन सभी मेहमान श्रीनगर में पोलो व्यू, झेलम रीवर फ्रंट व कुछ अन्य स्थानों की सैर करेंगे। कश्मीर में आए सकारात्मक बदलाव को स्वयं अनुभव करेंगे।
जम्मू कश्मीर की लोक संस्कृति से रूबरू कराने का अवसर
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया है और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। जम्मू कश्मीर में दिल को छू लेने वाले जंगल, पहाड़, दरिया और झीले हैं। ऐसे में मुझे उम्मीद है कि मेहमानों को यहां सदियों पुरानी समृद्ध लोक संस्कृति, खान पान और आतिथ्य की परंपरा को समझने व अनुभव करने का मौका मिलेगा।
चीन और तुर्किए ने बनाई दूरी
सम्मेलन में जी-20 के बीस सदस्य देशों में से 17 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा मित्र देशों के भी आठ प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। सदस्य राष्ट्रों में सिर्फ चीन, तुकिये और सऊदी अरब ही इससे दूरी बनाए हुए हैं। चीन ने अरुणाचल प्रदेश में हुए जी-20 सम्मेलन से भी दूरी बनाए रखी थी। तुर्किए भी पाकिस्तान के रुख के कारण कश्मीर में शामिल नहीं हो रहा है।
प्रत्येक बैठक में सभी सदस्यों का शामिल होना अनिवार्य नहीं
बैठक में चीन पर न शामिल होने पर पर्यटन सचिव अरविंद सिंह ने कहा कि हर बैठक में सभी सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों का शामिल होना असंभव है। किसी के लिए आर्थिक मुद्दा हो सकता है किसी का लाजस्टिक मुद्दा हो सकता है, इसके अलावा उनकी अपनी व्यस्त्ताएं हो सकती हैं।
इसलिए सम्मेलन में कुछ सदस्यों की अनुपस्थिति का विवाद नहीं बनाना चाहिए। यह सम्मेलन भारत के पर्यटन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह जम्मू कश्मीर के लिए भी बहुत महत्व रखता है,क्योंकि जब सम्मेलन में आए विदेशी प्रतिनिधि यहां के हालात देखेंगे तो निश्चित तौर पर उनके दिल में कश्मीर के लेकर अगर कोई नकारात्मक भाव होगा तो वह दूर होगा।
इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
1. हरित पर्यटन
2. पर्यटन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक समावेश व स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलीकरण
3. पर्यटन क्षेत्र में रोजगार व उद्यमिता के लिए युवाओं का कौशल विकास करते हुए सशक्त बनाना
4. पर्यटन क्षेत्र में नवाचार और गतिशीलता लाने के लिए पर्यटन एमएसएमई
5. पर्यटन क्षेत्रों का विकास