हिरासत में 40 संदिग्ध, छानबीन में जुटी NIA... गांदरबल आतंकी हमले के बाद हर पहलू की जांच में एजेंसियां
गांदरबल के गगनगीर में हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की मौत हो गई और 5 घायल हो गए। जांच टीमों ने 40 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। एनआईए ने घटनास्थल की छानबीन की है। हमलावरों ने मजदूरों के मेस को निशाना बनाया। लश्कर से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
पीटीआई, श्रीनगर। बीते रविवार गांदरबल के गगनगीर में हुए आतंकी हमले में 7 लोगों की जान गई थी, जबकि पांच लोग घायल हो गए थे। अब इस मामले में जांच टीमों ने 40 संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
जानकारी के अनुसार, पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हमलावरों ने हमले की योजना बहुत सोच-समझकर बनाई थी और आतंकी सहयोगी नेटवर्क के समर्थन के कारण वे अपने मंसूबों को अंजाम देने में सफल रहे।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम उन्हें (आतंकवादियों को) जल्द पकड़ लेंगे। हमने पूछताछ के लिए कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
NIA ने घटनास्थल पर की छानबीन
सुरंग निर्माण स्थल पर हुए भीषण आतंकी हमले के एक दिन बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार को पर्यटक स्थल सोनमर्ग से सटे इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एजेंटों ने महत्वपूर्ण साक्ष्यों के लिए घटनास्थल की छानबीन की है, जबकि सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की टुकड़ियां निर्माण क्षेत्र के आसपास की पहाड़ियों में फैली हुई हैं ताकि कश्मीर घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हुए सबसे घातक हमलों में शामिल अपराधियों और उनके साथियों का पता लगाया जा सके।
मजदूरों के मेस को बनाया निशाना
हमलावरों, जिन्हें पाकिस्तानी आतंकवादी माना जाता है, ने अपनी योजना को अंजाम देने से पहले साइट लेआउट का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया। उन्होंने अधिकारियों के क्वॉर्टर में जाने से पहले सबसे पहले मजदूरों के मेस को निशाना बनाया।अधिकारियों को संदेह है कि हमलावरों को साइट के बारे में पहले से जानकारी थी, संभवतः वे पहले भी वहां काम कर चुके थे या उन्हें उस स्थान पर मौजूद स्थानीय लोगों से समर्थन प्राप्त था।
अधिकारियों ने कहा कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक छाया संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस बर्बर कृत्य की जिम्मेदारी ली है।यह भी पढ़ें- गांदरबल आतंकी हमले पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने ऐसा क्या कह दिया कि भड़क गए लोग, सोशल मीडिया पर जमकर हुई ट्रोलिंग
तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद से त्रस्त इस क्षेत्र में पहले कभी ऐसी हिंसक घटना नहीं हुई थी। यह हमला उस समय हुआ जब कर्मचारी सुरंग परियोजना पर काम करने के बाद देर शाम अपने शिविर में वापस लौटे थे।
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