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जम्मू-कश्मीर से खत्म होगा आतंकियों का नेटवर्क? LG मनोज सिन्हा ने सुरक्षाबल को दी खुली छूट

गांदरबल में आतंकी (Ganderbal Terror Attack) हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने आतंकियों और उनके स्थानीय नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट करने का निर्देश दिया है। साथ ही घुसपैठ और आतंकी संगठनों में स्थानीय भर्ती पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की रणनीति बनाई गई है।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 25 Oct 2024 03:53 PM (IST)
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उपराज्यपाल ने एकीकृत मुख्यालय की बैठक में सुरक्षा की रणनीति पर चर्चा की। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश में सुरक्षा और आतंकरोधी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए सभी संभव उपाय लागू किए जाएं। उन्होंने आतंकियों व उनके स्थानीय नेटवर्क को पूरी तरह नष्ट करने का निर्देश भी दिया। उपराज्यपाल ने राजभवन में एकीकृत मुख्यालय की बैठक में प्रदेश के सुरक्षा परिदृश्य की स्थिति जांची।

उन्होंने कहा कि आतंकमुक्त जम्मू-कश्मीर हमारा संकल्प है और आम आदमी के लिए सुरक्षित, शांतिपूर्ण और स्थिर जीवन सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य और सर्वोच्च प्राथमिकता है।

आतंकियों से निपटने की बनाई गई रणनीति

जम्मू-कश्मीर में विशेषकर कश्मीर में गगनगीर आतंकी हमले से उपजे हालात के बीच हुई एकीकृत मुख्यालय की बैठक में सुरक्षा, शांति और विश्वास का वातावरण सुनिश्चित करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में घुसपैठ और आतंकी संगठनों में स्थानीय भर्ती पर पूरी तरह अंकुश लगाने व सर्दियों में आतंकी घटनाओं से निपटने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।

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इसके अलावा घाटी में जारी विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सुरक्षा और अल्पसंख्यकों व कश्मीर में रहने वाले अन्य राज्यों के नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई है। अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बैठक में प्रदेश के आंतरिक और बाहरी सुरक्षा परिदृश्य का जायजा लेते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों में सहयोग-संवाद-समन्वय को और मजबूत बनाने का निर्देश दिया।

आतंकियों के नेटवर्क को नष्ट करने के दिए निर्देश

एलजी ने खुफिया तंत्र पूरी तरह सक्रिय बनाए रखने पर जोर देते हुए कहा कि आतंकियों व उनके हैंडलरों के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए पूर्व सक्रियता की नीति को अपनाया जाए। सभी शीर्ष सुरक्षा अधिकारी नियमित तौर पर सुरक्षा व्यवस्था का आकलन करते हुए आतंकरोधी अभियानों की एक व्यापक रणनीति तैयार करें।

आतंकियों और उनके स्थानीय नेटवर्क को नष्ट करने के लिए सभी आवश्यक उपाय लागू किए जाए। बैठक में डीजीपी समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी, जम्मू-कश्मीर में तैनात सेना, सीआरपीएफ और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भाग लिया।

परियोजनाओं की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश

सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सुरक्षा बढ़ाएं गांदरबल हमले पर उपराज्यपाल ने कहा कि इस तरह की घटनाएं भविष्य में नहीं होनी चाहिए। कश्मीर में अन्य राज्यों के श्रमिकों या महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर हमला कश्मीर में विकास के रथ को रोक देगा। हमले में लिप्त आतंकियों को जल्द चिह्नित कर पकड़ा जाए। सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की सुरक्षा बढ़ाई जाए।

आतंकरोधी और घुसपैठरोधी तंत्र की नियमित समीक्षा कर उसे और बेहतर बनाया जाए। आतंकियों और देश के दुश्मनों के नापाक इरादे को विफल करने के लिए महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर चौबीसों घंटे निगरानी जरूरी है। ओजीडब्ल्यू नेटवर्क और नार्को-टेरर इकोसिस्टम को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।

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