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Omar Abdullah: 'विधानसभा चुनाव से पहले J&K को दें राज्य का दर्जा', आतंकवाद सहित कई मामलों पर बोले उमर अब्दुल्ला

मुहर्रम जुलूस में भाग लेने के लिए जदीबल में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की बात कही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को विधानसभा चुनाव से पहले राज्य का दर्जा बहाल कर देना चाहिए। वहीं उन्होंने आतंकवाद से निपटने सहित विकास में केंद्र विफल साबित हुई है। साथ ही उन्होंने राज्यपाल की शक्तियां बढ़ाए जाने पर भी चर्चा की।

By Agency Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 17 Jul 2024 05:50 PM (IST)
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आतंकवाद सहित कई मामलों पर बोले उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो)।

पीटीआई, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि केंद्र को विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कर देना चाहिए क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश आतंकवाद से निपटने सहित सभी मोर्चों पर विफल रहा है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश विफल रहा है... यह जम्मू में विफल रहा है, यह आतंकवाद के खिलाफ विफल रहा है, यह विकास में विफल रहा है। यह हर पहलू में विफल रहा है।

उपराज्यपाल की शक्तियों को लेकर बोले उमर अब्दुल्ला

मुहर्रम जुलूस में भाग लेने के लिए जदीबल में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश होने का खतरा यह है कि सत्ता लोगों के पास नहीं है। उन्होंने हाल ही में एलजी को कई शक्तियां देने वाली अधिसूचना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश होने के ये खतरे हैं। सत्ता लोगों के पास नहीं है। हालांकि, यह बहुत कम समय के लिए है क्योंकि पीएम और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिल जाएगा। डोडा में हुए हमले पर अब्दुल्ला ने कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा है।

उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि पिछले एक साल में जम्मू क्षेत्र में कई हमले हुए हैं। शायद जम्मू में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र हो जो आतंकवाद से मुक्त हो। पीर पंजाल क्षेत्र, चिनाब घाटी, जम्मू, कठुआ और सांबा में हमले हुए हैं। अगर हमारी जानकारी सही है तो पिछले एक साल में इन हमलों में 55 सैनिकों और सुरक्षा बलों के जवानों ने अपनी जान गंवाई है। ऐसे में हमें यह पूछने पर मजबूर होना पड़ रहा है कि सरकार क्या कर रही है।

आतंकवाद खात्मे को लेकर भी दी अपनी प्रतिक्रिया

अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार आतंकवाद के अंतिम चरण में होने का दावा कर रही है, लेकिन जमीनी हालात इसकी पुष्टि नहीं करते। उन्होंने कई दावे किए हैं। हर हमले के बाद वे कहते हैं कि आतंकवाद अपने अंतिम चरण में है। उन्हें आतंकवाद खत्म होता दिख रहा है, लेकिन हमें नहीं दिख रहा। उन्हें यह कैसे दिख रहा है, यह हम नहीं समझ पा रहे। और किसी ने यह नहीं बताया कि इन हत्याओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे।

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डीजीपी स्वैन के बयान पर भी दी अपनी प्रतिक्रिया

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सुरक्षा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोग स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। डीजीपी आर आर स्वैन द्वारा हाल ही में दिए गए विवादास्पद बयान के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि शीर्ष पुलिस अधिकारी ने राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखा है और एक राजनीतिक भाषण दिया है। बेहतर होगा कि वह राजनीति को राजनेताओं पर छोड़ दें और स्थिति को सुधारने और उग्रवाद से निपटने का अपना काम करें।

उन्होंने कहा कि हम राजनेता कानून और व्यवस्था की देखभाल नहीं कर सकते, हम उग्रवाद से नहीं लड़ सकते, भले ही हमारी पार्टी ने अधिकतम बलिदान दिए हों। हम उग्रवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठा सकते हैं, हम सरकार के प्रयासों में मदद कर सकते हैं, लेकिन उग्रवाद से लड़ना डीजीपी का काम है। उन्हें अपना काम करने दें, हम अपना काम करेंगे।

शिया शोक मनाने वालों की गिरफ्तारी पर भी साधा निशाना

अब्दुल्ला ने शिया शोक मनाने वालों को गिरफ्तार करने के लिए प्रशासन पर भी निशाना साधा। उन्हें शोक मनाने वालों को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए था। मुझे नहीं पता कि उन्हें मुसलमानों को निशाना बनाना इतना आसान क्यों लगता है। वे किसी अन्य धार्मिक समूह के साथ ऐसा नहीं करते हैं।

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