खुशखबरी: 2.85 KM लंबी जवाहर सुरंग अपने नए रूप में फिर से तैयार, पर्यटक के लगेंगे पंख, जल्द ही फर्राटे भरेंगे यात्री
जवाहर सुरंग का नवीनीकरण पूरा हो गया है। जल्द ही यात्री इस सुरंग में फर्राटे भरते नजर आएंगे। इससे पर्यटकों के भी पंख लगेंगे। जवाहर सुरंग का नामकरण देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर किया गया है। यह सुरंग 2.85 किलोमीटर लंबी है और इसका निर्माण 1954 में जर्मनी के एक कंपनी द्वारा किया गया था।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। समुद्रतल से करीब 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जवाहर सुरंग अगले कुछ ही दिनों में अपने नए रूप में एक बार फिर यात्रियों का स्वागत करने के लिए तैयार हो जाएगी। जम्मू प्रांत को कश्मीर प्रांत से अलग करने वाली पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में बनी यह सुरंग ही आजादी के बाद से वर्ष 2009 तक कश्मीर को देश के अन्य भागों से जोड़ने का एकमात्र माध्यम था।
मुगल रोड की बहाली के बावजूद 2022 तक यही सुरंग घाटी आने जाने का मुख्य मार्ग रहा है। नवयुग सुरंग के निर्माण के बाद इस सुरंग का आवाजाही के लिए प्रयोग लगभग समाप्त हो गया था। जवाहर सुंरग के नवीनीकरण की परियोजना 62.50 करोड़ रुपये की लागत से रिकॉर्ड 18 महीनों के भीतर पूरी की गई है।
2.85 किलोमीटर लंबी है सुरंग
जवाहर सुरंग का नामकरण देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के नाम पर किया गया है। यह सुरंग 2.85 किलोमीटर लंबी है और इसका निर्माण 1954 में जर्मनी के एक कंपनी द्वारा किया गया था। इस काम हालांकि 1960 में पूरा हुआ था, लेकिन इसे यातायात के लिए दिसंबर 1956 में खोल गया था। जब यह सुरंग बनाई गई थी तो उस समय इसकी क्षमता प्रतिदिन 170 वाहन थी।बनिहाल कस्बे में पहाड़ की तलहट्टी में सुरंग
समय के साथ-साथ यातायात का दबाव बढ़ता गया और इसमें एक दिन में सात हजार से ज्यादा वाहन गुजरने लगे जो इसकी निर्धारित क्षमता से कहीं ज्यादा थे।ट्रैफिक के बढ़ते दबाव और जवाहर सुरंग की हालत काे देखते हुए पीर पंजाल में एक नयी सुरंग का निर्माण कार्य शुरू किया गया जो मौजूदा सुरंग से लगभग 400 मीटर नीचे बनिहाल कस्बे में पहाड़ की तलहट्टी में बनी है। इसे नवयुग सुरंग कहते हैं। इस सुरंग की बहाली से जवाहर सुरंग में वाहनों की आवाजाही लगभग समाप्त हो गई।
बंद होने से प्रभावित हुआ रोजगार
जवाहर सुरंग में वाहनों की आवाजाही लगभग बंद होने से कई लोगों को रोजगार प्रभावित हुआ। इसक अलावा नवयुग सुरंग में से ज्वलनशील पदार्थाें से लदे वाहनों व अन्य कुछ विशिष्ट वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है।इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने सीमा सड़क संगठन को जवाहर सुरंग के जीर्णाेद्धार का जिम्मा सौंपा। सीमा सड़क संगठन को निर्देश दिया गया कि वह जवाहर सुरंग को सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही के लिए एक सुरक्षित सुरंग मार्ग के रूप में विकसित करें बल्कि इसे पर्यटन की दृष्टि से भी तैयार करें।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।