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जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले गुलाम नबी आजाद को बड़ा झटका, वफादार साथी ताज मोहिउद्दीन ने DPAP से दिया इस्तीफा

Jammu Kashmir Election 2024 जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) को झटका लगा है। डीपीएपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन (Taj Mohiuddin) ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। बीते शुक्रवार को केंद्रशासित प्रदेश में निर्वाचन आयोग ने चुनावों की घोषणा की थी। ताज ने बताया कि वह अब कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करेंगे।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 17 Aug 2024 07:15 PM (IST)
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Jammu Kashmir Election 2024: गुलाम नबी आजाद फाइल फोटो (जागरण फाइल फोटो)
एजेंसी, कश्मीर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का एलान हो चुका है। इसी क्रम में गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी (DPAP) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री ताज मोहिउद्दीन ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज संगठन की सभी जिम्मेदारियों से रिजाईन दिया।

मोहिउद्दीन ने एएनआई को बताया कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल होंगे। उन्होंने कांग्रेस में अपनी वापसी को "घर वापसी" बताया। ताज मोहिउद्दीन ने यह भी बताया कि वह गुलाम नबी आजाद की सहमति से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रहे हैं और उनकी इच्छा है कि आजाद भी पार्टी में वापस आएं।

चुनाव लड़ने के इच्छुक ताज

पूर्व जम्मू-कश्मीर मंत्री ने चुनाव लड़ने की इच्छा भी जताई और कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देती है, तो वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

ज्ञात हो कि, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में होंगे। इस बाबत मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शुक्रवार को घोषणा की थी।

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घोषणा के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के मतदाता 18 सितंबर और 25 सितंबर को वोट डालेंगे और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को हरियाणा के साथ होगा। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में 4 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी।

जम्मू-कश्मीर में 87.09 लाख मतदाता हैं

मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता हैं। इनमें से 44.46 लाख पुरुष, 42.62 महिलाएं, 169 ट्रांसजेंडर, 82,590 दिव्यांग, 73943 अति वरिष्ठ नागरिक, 2660 सौ वर्ष से ऊपर, 76092 सेवा मतदाता और 3.71 लाख पहली बार मतदाता हैं।

पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 30 सितंबर, 2024 तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था। जम्मू-कश्मीर में दस साल के अंतराल के बाद चुनाव होंगे क्योंकि पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार जून 2018 में गिर गई थी जब महबूबा मुफ्ती ने तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से समर्थन वापस ले लिया था।

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