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JKCA Case: जेकेसीए मामले में फारूक अब्दुल्ला सहित अन्य को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने ED के आरोपपत्र किए खारिज

जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य लोगों को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने इस मामले में ईडी के दायर आरोप पत्र को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि व्यक्तियों के खिलाफ कोई ठोस अपराध नहीं हैं। बता दें कि जेकेसीए मामले में ईडी फारूक अब्दुल्ला को कई बार पूछताछ के लिए बुला चुकी है।

By Agency Edited By: Deepak Saxena Updated: Wed, 14 Aug 2024 06:52 PM (IST)
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जेकेसीए मामले में फारूक अब्दुल्ला सहित अन्य को बड़ी राहत।

पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) में कथित अनियमितताओं से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बड़ा एक्शन लिया है। कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और अन्य के खिलाफ दायर आरोपपत्र खारिज कर दिए हैं।

न्यायमूर्ति संजीव कुमार द्वारा पारित एकल पीठ के आदेश में कहा गया कि व्यक्तियों के खिलाफ कोई ठोस अपराध नहीं किया गया है और इसलिए ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र और पूरक आरोपपत्र खारिज किए जाते हैं। ईडी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख अब्दुल्ला, अहसान अहमद मिर्जा (जेकेसीए के पूर्व कोषाध्यक्ष), मीर मंजूर गजनफर (जेकेसीए के एक अन्य पूर्व कोषाध्यक्ष) और कुछ अन्य को आरोपपत्र में आरोपी बनाया था।

आरोपपत्र को लेकर हाईकोर्ट का किया था रुख

आरोपपत्र में सूचीबद्ध लोगों ने इसे खारिज करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। मिर्जा और गजनफर का प्रतिनिधित्व करने वाले शारिक जे रेयाज ने उच्च न्यायालय का रुख करते हुए कहा था कि ईडी के पास इस मामले पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और उनके मुवक्किलों के खिलाफ दायर आरोप पत्र को रद्द किया जाना चाहिए। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद 7 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था। ईडी का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने वर्चुअल मोड के जरिए किया।

रेयाज ने कहा कि अदालत ने "हमारी दलील को स्वीकार कर लिया है कि कोई भी अपराध नहीं बनता है" और ईडी के पास इस मामले पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। मिर्जा को ईडी ने सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया था और उसी साल नवंबर में उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और उस शिकायत पर मुकदमा चल रहा है।

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इस मामले में एजेंसी ने अब्दुल्ला से की थी कई बार पूछताछ

संघीय जांच एजेंसी ने पिछले दिनों अपने द्वारा जारी तीन अलग-अलग आदेशों के तहत अब्दुल्ला और अन्य की 21.55 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। एजेंसी का मामला उसी आरोपी के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर 2018 के आरोप पत्र पर आधारित है। अब्दुल्ला, मिर्जा, गजनफर और पूर्व एकाउंटेंट बशीर अहमद मिसगर और गुलजार अहमद बेग के खिलाफ दायर सीबीआई के आरोपपत्र में 2002 से 2011 के बीच तत्कालीन राज्य में खेल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा दिए गए अनुदान से "जेकेसीए के 43.69 करोड़ रुपये के फंड की हेराफेरी" का आरोप लगाया गया है।

BCCI से 94.06 करोड़ को कई बैंकों में हुए थे ट्रांसफर

ईडी ने पहले कहा था कि उसकी जांच में पाया गया है कि जेकेसीए को वित्तीय वर्ष 2005-2006 से 2011-2012 (दिसंबर 2011 तक) के दौरान तीन अलग-अलग बैंक खातों में बीसीसीआई से 94.06 करोड़ रुपये मिले थे। इसने आरोप लगाया था कि जेकेसीए के नाम पर कई अन्य बैंक खाते खोले गए थे, जिनमें धन हस्तांतरित किया गया था। मौजूदा बैंक खातों के साथ बैंक खातों का इस्तेमाल बाद में जेकेसीए के फंड को लूटने के लिए किया गया था।

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