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JK Weather: जमने लगी ऐतिहासिक डल झील-शीत लहर की चपेट में पूरा प्रदेश, जम्मू में नहीं छंट रहा कोहरा; जानें आज का मौसम

Jammu Kashmir Weather Update कश्मीर में नए साल पर न वर्षा हुई और न ही हिमपात। न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से दो से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। आसमान साफ रहने के कारण श्रीनगर सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आई है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी मौसम के मिजाज शुष्क बने रहने की संभावना जताई है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Tue, 02 Jan 2024 08:41 AM (IST)
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Jammu Kashmir Weather Today: शीत लहर की चपेट में प्रदेश, जम्मू में नहीं छंट रहा कोहरा

जागरण संवाददाता, जम्मू/श्रीनगर। कश्मीर में नए साल की शुरुआत शुष्क रही। न वर्षा हुई और न ही हिमपात। इसी बीच शीत लहर तेज हो गई है और न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से दो से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। जम्मू में दोपहर को कुछ घंटों के लिए धूप निकली, लेकिन ठंडी हवाओं ने परेशान किया। सुबह देर तक धुंध रही और शाम को भी दृश्यता कम ही रही।

सर्दी के इस सीजन में जम्मू कश्मीर के अधिकांश क्षेत्रों में बर्फबारी नहीं हुई है। कश्मीर के मैदानी क्षेत्र तो अछूते ही रहे। घाटी के ऊपरी इलाकों में भी दिसंबर के अंत तक सामान्य से कम ही बर्फबारी हुई है। सोमवार को श्रीनगर समेत कश्मीर के अधिकांश इलाकों में हल्के बादल छाए रहे। जम्मू में भी ऐसा ही मौसम रहा।

आसमान साफ रहने के कारण श्रीनगर सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आई है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भी मौसम के मिजाज शुष्क बने रहने की संभावना जताई है। विभाग ने छह जनवरी तक मौसम में कोई खास परिवर्तन न आने की संभावना जताई है।

इस दौरान ठंड और अधिक होने की बात कही है। बता दें कि वर्तमान में कश्मीर में सबसे अधिक ठंडे 40 दिनों का चिल्ले कलां चल रहा है। यह 21 दिसंबर से शुरू हुआ था। इस अवधि के दौरान पूरे कश्मीर में शीत लहर चलती है और तापमान काफी गिर जाता है। इससे डल झील समेत अधिकांश जल निकायों का पानी जम जाता है।

कई हिस्सों में जल आपूर्ति लाइनें ठप पड़ जाती हैं। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और अधिकांश क्षेत्रों विशेषकर ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी होती है, किंतु इस बार चिल्ले कलां के पहले 12 दिन सूखे ही गुजरे हैं। कड़ाके की ठंड के बीच शीत लहर भी शुरू हो गई है। न्यूनतम तापमान लगातार जमाव बिंदु से नीचे बने रहने के चलते श्रीनगर की ऐतिहासिक डल झील समेत कई जलस्रोत जमने लगे हैं।

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