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'जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने में इनका सबसे बड़ा हाथ', शाह ने गांधी-अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार पर साधा निशाना

अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक चुनावी रैली में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पाकिस्तान को डर है जिससे सीमा पर शांति है। उन्होंने कहा कि पहले के शासक पाकिस्तान से डरते थे लेकिन अब पाकिस्तान मोदी से डरता है। सरकार जम्मू क्षेत्र की पहाड़ियों में बंदूकों की गूंज नहीं होने देगी और युवाओं के हाथों में लैपटॉप देकर आतंकवाद का सफाया करेगी।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 21 Sep 2024 02:28 PM (IST)
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मेंढर में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी

पीटीआई, मेंढर। Jammu and Kashmir Election News: विधानसभा चुनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं। यहां उन्होंने पुंछ जिले के मेंढर से जनसभा को संबोधित किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पर शांति है। क्योंकि पाकिस्तान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डर है और वह गोलीबारी करने की हिम्मत कर सकता है।

शाह केंद्र शासित प्रदेश के पुंछ जिले के सीमावर्ती इलाके में भाजपा उम्मीदवार मुर्तजा खान के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने युवाओं के हाथों में बंदूकें और पत्थर की जगह लैपटॉप देकर आतंकवाद का सफाया करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की सराहना की और कहा कि उनकी सरकार जम्मू क्षेत्र की पहाड़ियों में बंदूकों की गूंज नहीं होने देगी।

शाह ने विपक्ष पर साधा निशाना

केंद्रीय गृह मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन परिवार जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। यह चुनाव गांधी, अब्दुल्ला और मुफ्ती की राजनीति को खत्म करने के लिए है।

अमित शाह ने कहा कि हम लोगों की सुरक्षा के लिए सीमा पर और बंकर बनाएंगे। मैं आपको सन् 1990 के दशक में सीमा पार से होने वाली गोलीबारी की याद दिलाना चाहता हूं। क्या आज भी सीमा पार से गोलीबारी हो रही है?

ऐसा इसलिए क्योंकि यहां पहले के शासक पाकिस्तान से डरते थे, लेकिन अब पाकिस्तान मोदी से डरता है। शाह ने कहा कि वे गोली चलाने की हिम्मत नहीं करेंगे लेकिन अगर उन्होंने ऐसा किया तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

चार जिलों में करेंगे जनसभा को संबोधित

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर हैं और पुंछ के सुरनकोट, राजौरी जिले के थानामंडी और राजौरी और जम्मू जिले के अखनूर में चार और चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के बाद पहली बार जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।

बता दें कि पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को हुआ था। दूसरा चरण 25 सितंबर को होगा, उसके बाद तीसरा और अंतिम चरण 1 अक्टूबर को होगा। चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। 

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