Amarnath Yatra 2024: अमरनाथ यात्रा पर गृह मंत्रालय रख रहा है नजर, मार्ग की हर तीन घंटे में होगी सुरक्षा समीक्षा
Amarnath Yatra Update श्री अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है। इस यात्रा की सुरक्षा को लेकर कई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठकें हो चुकी है। अब अमरनाथ यात्रा पर गृह मंत्रालय (Home Ministry) भी नजर रखेगा। जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कोई कमी न हो। निर्धारित समय के बाद श्रद्धालुओं के वाहन को जाने की अनुमति नहीं होगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। आतंकी संगठनों द्वारा भगवान श्री अमरेश्वर की तीर्थयात्रा को निशाना बनाने के षड्यंत्र को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा रणनीति में व्यापक बदलाव किया है। दक्षिण कश्मीर के नुनवन (पहलगाम) में स्थित आधार शिविर की सुरक्षा का जिम्मा आइजी रैंक के अधिकारी को सौंपा गया है।
पहले यह जिम्मेदारी एसपी या एसएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी जाती थी। यात्रा मार्ग और सभी यात्री शिविरों की लगभग हर तीन घंटे बाद सुरक्षा समीक्षा होगी। तीर्थयात्रा या पर्यटकों से संबंधित वाहन को निर्धारित समयावधि के बाद यात्रा की अनुमति नहीं होगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों की लगातार निगरानी कर रहा है।
29 जून से शुरू होगी यात्रा
श्री अमरनाथ यात्रा 29 जून से आरंभ होकर 19 अगस्त तक चलेगी। कश्मीर में सक्रिय आतंकी तीर्थयात्रा को निशाना बनाने की तलाश में रहते हैं। पिछले 35 वर्षों में इस तीर्थयात्रा पर लगभग तीन दर्जन आतंकी हमले हो चुके हैं।
इनमें 53 लोग मारे गए थे व 167 अन्य जख्मी हुए थे। हाल में श्रद्धालुओं को निशाना बनाने की घटना के बाद प्रशासन किसी भी प्रकार की चूक की गुंजाइश नहीं छोड़ना चाह रहा।
सुरक्षा के रहेंगे पुख्ता प्रबंध
सुरक्षा प्रबंध से जुड़े के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, इस वर्ष आतंकी खतरा कुछ वर्षों की तुलना में ज्यादा है। बीते कुछ दिनों में डोडा और ऊधमपुर में आतंकियों ने हमले किए हैं और घुसपैठ की घटनाएं के चलते खतरे की आशंका बताती हैं।
उन्होंने बताया कि पठानकोट से लेकर जम्मू और ऊधमपुर व बनिहाल के रास्ते श्रीनगर तक यात्रा मार्ग पर सुरक्षाबल चौकस रहेंगे, वहीं सीसीटीवी और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस, सेना व सीआरपीएफ के त्वरित कार्रवाई दस्तों को तैनात किया गया है।
यह दस्ते किसी भी आतंकी हमले से निपटने में पूरी तरह समर्थ हैं। किसी भी यात्री शिविर में अनधिकृत व्यक्ति को दाखिल होने की अनुमति नहीं है। यात्रा मार्ग पर दुकानदारों की भी जांच की जा रही है। साधुओं और मजदूरों की भी जांच होगी।
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नुनवन शिविर पर अतिरिक्त चौकसी
बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा ध्यान नुनवन शिविर पर केंद्रित है। इस शिविर पर आतंकी हमले का खतरा ज्यादा है। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय के आदेश पर पहली बार शिविर की सुरक्षा का जिम्मा आइजी रैंक के अधिकारी को सौंपा गया है।
फिलहाल, आइजी एमएन तिवारी ने कार्यभार नहीं संभाला है और उनके कार्यभार संभालने तक सेंट्रल कश्मीर रेंज के डीआइजी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने बताया नुनवन शिविर में यात्रियो के दाखिल होने के लिए सुरंगनुमा आवरण के अलावा एक ओवरहेड पुल तैयार किया गया है और श्रद्धालु पुलिस जांच से गुजरने के बाद इसी रास्ते से ही शिविर में दाखिल हो पाएंगे।
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