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Jammu Kashmir News: 'पीडीपी के साथ की होती बात तो छोड़ देते कश्‍मीर की सीटें...', नेकां पर जमकर बरसें रहमान परा

जम्‍मू कश्‍मीर में राजनीतिक दलों की खींचतान और बढ़ गई है। पीडीपी नेता रहमान परा ने नेकां पर निशाना साधा है। उन्‍होंंने कहा कि हम तो एकता बनाए रखने के पक्षधर हैं। अगर पीएजीडी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने हमारी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से बात की होती तो हम कश्मीर की तीन क्या पूरे प्रदेश की पांच और लद्दाख की एक सीट पर भी अपना दावा छोड़ देते।

By Jagran News Edited By: Himani Sharma Updated: Thu, 21 Mar 2024 10:49 PM (IST)
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नेकां पर जमकर बरसें पीडीपी नेता रहमान परा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर में सीटों के तालमेल पर नेशनल कान्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के बीच जारी खींचतान और तेज हो गई है। पीडीपी की युवा इकाई के प्रधान वहीद उर रहमान परा ने वीरवार को नेकां को यह गलतफहमी हो चुकी है कि वह कश्मीर की ठेकेदार है।

नेकां ने भाजपा के खिलाफ लड़ाई को कश्मीरियों को आपस में लड़ाने का प्रयास करते हुए भाजपा को लाभ पहुंचाया है। कश्मीरियों का सही प्रतिनिधित्व सिर्फ महबूबा मुफ्ती कर सकती हैं, नेकां नहीं। पीडीपी नेता के बयान पर नेकां के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि भाजपा को कश्मीर में लाने वाले उपदेश न दें। वहीद परा ने जो कहा है, वह उनकी हताशा है।

अनंतनाग-राजौरी सीट पर भी नेकां ही लड़ेगी चुनाव

उल्लेखनीय है कि आइएनडीआइ एलांयस और पीएजीडी में पीडीपी का साथ होने के बावजूद नेकां उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमत्री उमर अब्दुल्ला ने साफ कर दिया है कि कश्मीर प्रांत की दोनों सीटों को साथ साथ अनंतनाग-राजौरी सीट पर भी नेकां ही चुनाव लड़ेगी।

उन्होंने कहा कि पीडीपी के लिए वह यह सीटें नहीं छोड़ेंगे,क्योंकि पीडीपी का कोई जनाधार नहीं है और वह तीसरे नंबर की पार्टी है। पिछले संसदीय चुनाव में नेकां ने ही यह तीन सीटें जीती थी। अलबत्ता, नेकां ने अभी तक इन तीनों सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की अधिकारिक घोषणा नहीं की है।पीडीपी-नेकां के बीच जारी गतिरोध को दूर करने के लिए कांग्रेस के अलावा पीएजीडी के अन्य घटक लगातार प्रयास कर रहे हैं।

पीडीपी ने नेकां को सुनाई खरी-खरी

पीडीपी की युवा इकाई के प्रधान वहीद उर रहमान परा, जिन्हें नेकां के साथ समझौता न होने की स्थिति में पुलवामा-श्रीनगर-गांदरबल सीट से पीडीपी द्वारा उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना है, ने आज पत्रकारों से बातचीत में नेकां को जमकर खरी-खरी सुनाई।

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उन्होंने कहा कि हम तो एकता बनाए रखने के पक्षधर हैं। अगर पीएजीडी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने हमारी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती से बात की होती तो हम कश्मीर की तीन क्या पूरे प्रदेश की पांच और लद्दाख की एक सीट पर भी अपना दावा छोड़ देते। हमारा एक ही मकसद है कि कश्मीर और कश्मीरियों के हितों का संरक्षण हो। इसके लिए हमने हमेशा प्रयास किया है।

उमर अब्‍दुल्‍ला को लिया आड़े हाथ

रहमान ने कहा कि उमर अब्दुल्ला ने जिस तरह से कहा है कि पीडीपी यहां कहीं नहीं है, यह उनका घमंड और गलतफहमी है। उन्हें लोग ही इसका जवाब देंगे। वर्ष 2002 में भी नेकां को यही लगता था कि कश्मीर में सिर्फ नेकां ही है,लेकिन लोगों ने जवाब दिया था। इन्हें लगता है कि यह लोगों पर अहसान कर रहे हैं। हम हमेशा एकता और एकजुटता के पक्षधर रहे हैं और रहेंगे।

कश्‍मीरियों के मुद्दों पर मुफ्ती ने उठाई आवाज: रहमान

उमर अब्दुल्ला कहते हैं कि पिछले चुनाव में इन्होंने तीन सीटें जीती थी, इनके तीन सांसदों ने क्या उखाड़ लिया? इन्होंने कश्मीरियों के हक में कहां आवाज उठाई, पूरे देश में जब कहीं कश्मीरियों के साथ मारपीट होती है, या कश्मीरियों का कोई मुद्दा होता है तो यह चुप रहते हैं। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर भी यह चुप रहे। डॉ. फारूक अब्दुल्ला को जब ईडी का नोटिस आता है तो भी महबूबा मुफ्ती ही आवाज उठाती हैं।

पीडीपी अध्‍यक्ष ने नहीं किया कोई समझौता: वहीद उर रहमान

पीडीपी अध्यक्ष ने कहीं कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने हर जगह कश्मीरियों के हक में आवाज उठाई है। दिल्ली में भी धरना दिया। कश्मीरियों के हक में महबूबा मुफ्ती से बेहतर कोई दूसरी आवाज नहीं है। नेकां और इसके नेता यहां भाजपा के खिलाफ जारी लड़ाई को कश्मीरियों के बीच की लड़ाई में बदलना चाहते है। यह गोलपोस्ट बदलना चाहते हैं और इसमे यह कामयाब हो गए हैं। लेकिन लोग इन्हें सबक सिखाएंगे।

नेकां प्रवक्त इमरान नबी डार ने कहा कि पीडीपी नेता ने जो कहा उसका जवाब उन्हें चुनाव में मिल जाएगा। वह हताश हो चुके हैं,क्योंकि भाजपा को सत्ता में पहुंचाने वाली पीडीपी के पास जनता के सवालो का जवाब नहीं है।

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