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Independence Day 2023: न बंद का ऐलान, न आतंकियों का खौफ... कश्मीर में इस तरह से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

जम्मू-कश्मीर में आज हालात बिल्कुल बदल चुके हैं। यह बात हम नहीं कह रहे बल्कि इस स्वतंत्रता दिवस पर ऐसा ही देखने को मिला है। कई सालों बाद कश्मीर में हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर आतंकी हिंसा और पथराव के लिए नहीं बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से ओत प्रोत एक शांत और सुरक्षित प्रदेश के रूप में जाना जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 15 Aug 2023 06:17 PM (IST)
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न बंद का ऐलान, न आतंकियों का खौफ... कश्मीर में इस तरह से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। Jammu Kashmir Independence Day चार वर्ष पूर्व जिस बदलाव की शुरुआत हुई थी, वह अब कश्मीर में चारों तरफ नजर आने लगा है। बीते कई वर्षों के बाद मंगलवार को देश के अन्य राज्यों की तरह कश्मीर में भी स्वतंत्रता दिवस समारोह पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कहीं कोई बंद का आह्वान नहीं, कहीं कोई राष्ट्रविरोधी रैली नहीं। न इंटरनेट पर रोक और न कहीं आने-जाने पर कोई प्रतिबंध। कई सालों बाद घाटी में चारों तरफ देश की स्वतंत्रता की 77वीं वर्षगांठ के उल्लास में तिरंगा थामे उल्लासित जनसमूह नजर आया।

तिरंगे के तरंगों में उमड़े जनसैलाब से प्रभावित हो उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर आतंकी हिंसा और पथराव के लिए नहीं बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य से ओत प्रोत एक शांत और सुरक्षित प्रदेश के रूप में जाना जाता है। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में मुख्य समारोह बख्शी स्टेडियम में मनाया गया, जहां उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली।

छात्रों ने प्रस्तुत किए रंगारंग कार्यक्रम

समारोह में सुरक्षाबलों और स्कूली छात्रों की विभिन्न टुकड़ियों ने मार्च पास्ट किया। जम्मू-कश्मीर बहुरंगी संस्कृति, जम्मू-कश्मीर के बहुलवाद को दर्शाते कई रंगारंग कार्यक्रम भी छात्रों और कलाकारों ने प्रस्तुत किए। स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखने के लिए बख्शी स्टेडियम में सुबह आठ बजे ही लोगों का आगमन शुरू हो गया था।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों को सराहते हुए कहा कि सुरक्षाबल आतंक और उसके इको-सिस्टम के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पड़ोसी देश द्वारा समर्थित आतंक ने समाज के लिए कैंसर के रूप में काम किया। हम जम्मू-कश्मीर को आतंक मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

'मैंने नया जम्मू-कश्मीर बनाने का वादा किया था'

अपने कार्यकाल की उपलब्धियों और जम्मू-कश्मीर के हालात में आए सुखद बदलाव का जिक्र करते हुए मनोज सिन्हा ने कहा कि तीन साल पहले आज ही के दिन मैंने लोगों के सामने एक नया जम्मू-कश्मीर बनाने के अपने सपने का जिक्र किया था, जो आधुनिकता, आध्यात्मिकता, संकल्प, एकता, मानवता, जीने की आजादी आदि का प्रतीक है। अपने संकल्पों को पूरा करने में बहुत हद तक सफल भी रहा हूं। लेकिन मैं जानता हूं कि मंजिल तक पहुंचने के लिए हमें अभी भी लंबा सफर तय करना है।

'प्रशासन अब 1.30 करोड़ जनता के लिए काम कर रहा है'

उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है कि प्रत्येक नागरिक बिना किसी चिंता और भय एक सुरक्षित, शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण में अपनी इच्छानुसार जिंदगी जी सके। आज प्रदेश प्रशासन प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का प्रयास कर रहा है। आज पूरे प्रदेश में नई सड़कें, रेल लाइनें, नई बिजली परियोजनाएं, हवाई अड्डे के टर्मिनल, सिनेमा हॉल, रिवर फ्रंट बन रहे हैं। अब यहां विकास और जनकल्याण की योजनाएं चंद लोगों तक सीमित नहीं रही हैं। प्रशासन अब प्रदेश की 1.30 करोड़ जनता के लिए काम कर रहा है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि एक लंबे अंतराल के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या कश्मीर में फिर से बढ़ने लगी है। कुछ मुल्कों ने कश्मीर में अपने नागरिकों की यात्रा के लिए नेगेटिव एडवाइजरी जारी की है। उम्मीद है कि वह जल्द ही इस एडवाइजरी को वापस लेंगे। इस वर्ष यहां जी-20 पर्यटन कार्यसमूह के सम्मेलन के सफल आयोजन ने भी जम्मू-कश्मीर को वैश्विक स्तर पर एक शांति और सुरक्षित स्थान के रूप में अपनी प्रतिष्ठा बहाल करने में मदद की है।

लालचौक में बिना किसी भय के पर्यटकों ने फहराया तिरंगा

कश्मीर की पहचान का पर्याय बन चुके लालचौक में कई पर्यटक राष्ट्रध्वज फहराते हुए नजर आए। एक उत्साही पर्यटक ने खुद को तिरंग के रंग में रंग लिया था। ऑल इंडिया हिंदु महासभा के अध्यक्ष बलवीर भारतीय के नेतृत्व में आए एक दल ने घंटाघर के नीचे खड़े हो राष्ट्रध्वज फहराया और राष्ट्रगान गाया। इस अवसर पर 'वंदे मातरम' और 'जय हिंद-जय भारत' के नारे भी गूंजे। कई पर्यटकों ने राष्ट्रध्वज के साथ लालचौक में सेल्फी भी ली। अपने परिजनों के साथ सेल्फी ले रहे एक पर्यटक ने कहा कि हम तो हैरान हैं कि यहां बिल्कुल शांति और सुरक्षा का माहौल है। हमने तो सुना था कि लालचौक में कोई तिरंगा नहीं फहरा सकता, हमें तो किसी ने नहीं रोका, कोई ज्यादा सिक्योरिटी भी यहां नजर नहीं आती।

बरसों बाद स्वतंत्रता दिवस समारोह देखने जुटी लोगों की भीड़

बख्शी स्टेडियम में वर्ष 2018 में अंतिम बार स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया था। उसके बाद स्टेडियम को मरम्मत व जीर्णोद्धार कार्य के लिए बंद कर दिया गया था। इस दौरान स्वतंत्रता दिवस समारोह शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित किया जाता रहा। बख्शी स्टेडियम बीते वर्ष ही दोबारा खोला गया है और आज यहां एक बार फिर स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया। आज के स्वतंत्रता दिवस समारोह में दर्शकों की भीड़ भी बीते तीन दशकों में सबसे ज्यादा रही।

सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त

स्वतंत्रता दिवस के दौरान शरारती और राष्ट्रविरोधी तत्व किसी जगह कोई गड़बड़ी न कर सकें, इसके लिए पूरी वादी में सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त रहा। बख्शी स्टेडियम समेत वादी के सभी जिलों और कस्बों में जहां भी समारोह स्थल था, सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए थे। इसके अलावा, सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की गश्त भी बढ़ाई गई थी और सभी चिन्हित स्थानों पर किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षाबलों के क्यूआरटी, क्यूएटी और सीआरटी दस्तों केा तैनात किया गया था। इसके अलावा, ड्रोन के जरिए भी आसमान से नीचे जमीन पर हालात की निगरानी की जा रही थी।

'मोदी और सिन्हा के नेतृत्व में कश्मीर में मानवाधिकारों की स्थिति सुधरी'

अक्सर कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाने वाली शेहला राशिद ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि कुछ लोगों के लिए यह असुविधाजनक हो सकता है, लेकिन सच यही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के प्रशासन में मानवाधिकारों की स्थिति में सुधार आया है। सरकार की स्पष्ट नीतियों ने कई लोगों की जिंदगी बचाने में मदद की है और यही मेरा विचार है।

कश्मीरियों ने भारत को खुशी से गले लगाया है- शाह फैसल

डॉ. शाह फैसल ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि आज जो कुछ कश्मीर में हो रहा है, वह अभूतपूर्व है। सिर्फ मैने ही नहीं कश्मीर में हम जैसों ने इस तहर का पहले कुछ नहीं देखा है। पहली बार 15 अगस्त के अवसर पर लोगों में वही जोश और उत्साह नजर आया है जो पहले ईद जैसे त्यौहार पर ही नजर आता था। कश्मीर और कश्मीरियों ने गर्व एवं खुशी के साथ भारत को गले लगा लिया है।

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