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Independence Day 2023: पूर्व आतंकी कमांडर ने लाल चौक पर फहराया तिरंगा, कहा- आज ऐसा लगा कि मैं हीरो हूं

जम्मू-कश्मीर में पूरे हर्षोल्लास के साथ मंगलवार को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इस खास मौके पर श्रीनगर स्थित लौल चौक पर भारी भीड़ जुटी। वहीं पूर्व आतंकी कमांडर सैफुल्लाह फारूक ने भी आजादी दिवस के मौके पर राष्ट्रध्वज फहराया। सैफुल्लाह ने इस दौरान आतंकियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील भी की। उसने कहा कि हथियार छोड़कर यहां आ जाएं।

By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Tue, 15 Aug 2023 08:34 PM (IST)
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पूर्व आतंकी कमांडर ने लाल चौक पर फहराया तिरंगा, कहा- आज ऐसा लगा कि मैं हीरो हूं

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। लाल चौक, जहां कभी अलगाववादियों और आतंकियों के डर से कोई आम आदमी तिरंगा नहीं फहरा सकता था, मंगलवार को उसी लाल चौक में घंटाघर के नीचे पूर्व आतंकी कमांडर सैफुल्लाह फारूक ने अपने साथियों संग राष्ट्रध्वज फहराया। इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों से कश्मीर घूमने आए पर्यटक भी घंटाघर पर तिरंगा फहराने से खुद को नहीं रोक पाए।

राष्ट्रध्वज फहराने और राष्ट्रगान के बाद एक संक्षिप्त बातचीत में सैफुल्ला फारुक ने कहा, "मैं आज यहां खड़े होकर सभी आतंकियों और अलगाववादियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील करता हूं। उनसे कहना चाहता हूं कि जम्मू कश्मीर में अब खुशहाली, तरक्की और अमन को कोई नहीं रोक सकता। अब आप लोग जंगल में छिप-छिपकर जिंदगी गुजारने के बजाय अपने वतन की हिफाजत के लिए और कश्मीर में अमन और खुशहाली का माहौन बनाए रखने के लिए हथियार छोड़कर यहां आएं।"

'यह 2023 का हिंदुस्तान है'

वर्ष 2018 में भाजपा के टिकट पर नगर निकाय के चुनावों में भाग ले चुके सैफुल्लाह फारूक ने कहा कि आज यहां तिरंगा फहराते हुए मुझे लगा कि मैं जैसे कोई हीरो हूं। आज यहां जो माहौल है, वैसा पहले कभी नहीं था। चाहे स्थानीय आतंकी हैं या फिर पाकिस्तान से आए आतंकी हैं, जो भी यहां आतंक फैला रहे हैं, उन्हें मैं एक ही बात कहूंगा कि यह 1965 और 1971 का हिंदुस्तान नहीं है, यह 2023 का हिंदुस्तान है।

'अब कश्मीरी जाग चुका है'

सैफुल्लाह फारूक ने आगे कहा कि अब कश्मीरी जाग चुका है। मुझे बहुत पहले होश आ गया था और मैंने उसी समय बंदूक छोड़ दी थी। आपके पास अभी भी वक्त है, अगर बंदूक उठानी है तो फिर वतन की हिफाजत के लिए उठाओ, इस झंडे के लिए उठाओ।

कौन है सैफुल्लाह फारूक?

बता दें कि सैफुल्लाह फारूक उन आतंकी कमांडरों में एक है, जिन्होंने 1989 के दौरान बंदूक उठाई थी और पाकिस्तान ट्रेंनिंग लेने गए थे। हब्बाकदल, बरबरशाह का रहने वाले सैफुल्लाह ने कुछ समय तक सक्रिय रहने के बाद ही सुरक्षाबलों के समक्ष सरेंडर कर दिया था।

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