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जय श्री राम, 5 अगस्त जिंदाबाद... जैसे नारों से गूंज उठा सदन, आर्टिकल-370 पर जमकर हुआ हंगामा

Jammu Kashmir Assembly जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। यह हंगामा उस दौरान और ज्यादा बढ़ गया जब नेकां की ओर से विशेष दर्जे का प्रस्ताव पारित किया गया। भाजपा सदस्यों ने दस्तावेज की प्रतियां फाड़ दीं और जमकर नेकां सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। भाजपा सदस्यों के अनियंत्रित दृश्यों और जोरदार विरोध के कारण कार्यवाही में बार-बार व्यवधान आया

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 06 Nov 2024 06:39 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल-370 पर जमकर हुआ हंगामा (जागरण फोटो)
पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में बुधवार को 'जय श्री राम' के नारे गूंजे। वहीं, पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली के लिए केंद्र और निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की मांग करने वाले प्रस्ताव को पारित करने पर हंगामा हुआ।

विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद हंगामा हुआ, क्योंकि भाजपा सदस्य सदन के वेल में आ गए। उन्होंने दस्तावेज की प्रतियां फाड़ दीं और स्पीकर और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) सरकार के खिलाफ नारे लगाए।

भाजपा सदस्यों के अनियंत्रित दृश्यों और जोरदार विरोध के कारण कार्यवाही में बार-बार व्यवधान आया, जिसके बाद स्पीकर ने आखिरकार सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। जबकि एनसी और भाजपा ने एक-दूसरे के खिलाफ तीखे हमले किए। विपक्षी सदस्यों ने जमकर जय श्री राम सहित कई नारे लगाए।

विधानसभा में जमकर लगाए गए नारे

भाजपा सदस्यों द्वारा लगाए गए नारों में 5 अगस्त जिंदाबाद, जय श्री राम, वंदे मातरम, राष्ट्र-विरोधी एजेंडा नहीं चलेगा, जम्मू-विरोधी एजेंडा नहीं चलेगा, पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा, और स्पीकर हाय-हाय शामिल थे।

स्पीकर पर पक्षपातपूर्ण होने का आरोप लगाते हुए भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि हमारे पास रिपोर्ट है कि आपने (स्पीकर) कल मंत्रियों की बैठक बुलाई और खुद ही प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया। भाजपा के एक अन्य विधायक शाम लाल शर्मा ने कहा कि प्रस्ताव अध्यक्ष के साथ मिली-भगत करके एक गेस्ट हाउस में तैयार किया गया था।

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'स्पीकर को स्वतंत्र रूप में करना चाहिए काम'

शर्मा ने कहा कि (विधानसभा चुनावों का) जनादेश अनुच्छेद 370 को हटाने के पक्ष में था, क्योंकि हमें (भाजपा को) 26 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि एनसी को 23 प्रतिशत वोट मिले थे।

शर्मा ने कहा कि स्पीकर को स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए। आज उन्होंने एनसी नेता के रूप में काम किया है। इससे पहले, विधानसभा ने भाजपा सदस्यों के हंगामे के बीच ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया।

विशेष दर्जे के बहाल को 2019 में किया गया रद्द

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था।

चौधरी द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया है, यह विधानसभा विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी के महत्व की पुष्टि करती है, जिसने जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा की और उनके एकतरफा हटाने पर चिंता व्यक्त की।

इसमें कहा गया है कि विधानसभा भारत सरकार से विशेष दर्जे और संवैधानिक गारंटी की बहाली के लिए जम्मू-कश्मीर के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू करने और इन प्रावधानों को बहाल करने के लिए संवैधानिक तंत्र तैयार करने का आह्वान करती है।

प्रस्ताव में कहा गया है कि यह विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि बहाली की किसी भी प्रक्रिया को राष्ट्रीय एकता और जम्मू-कश्मीर के लोगों की वैध आकांक्षाओं दोनों की रक्षा करनी चाहिए।

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