जमीन-नौकरी और संसाधन...इन तीनों पर जम्मू-कश्मीर की जनता का पहला अधिकार, बैठक में बोले CM उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों और चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को जमीन नौकरी और संसाधनों पर पहला अधिकार होना चाहिए। उन्होंने ड्रग्स के बढ़ते इस्तेमाल को एक गंभीर चुनौती बताया और समाज से नशे की बुराई को खत्म करने के लिए सहयोग मांगा।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को जमीन, नौकरी और संसाधनों पर पहला अधिकार होना चाहिए। हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के मान सम्मान के लिए उनके अधिकारों की बहाली के लिए लड़ेंगे।
'जम्मू-कश्मीर में ड्रग्स गंभीर चुनौती'
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एक भयमुक्त वातावरण और एक विकसित व सशक्त समाज के लिए जनसहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में ड्रग्स का बढ़ता इस्तेमाल और कारोबार एक बड़ी गंभीर चुनौती है, हम सभी को मिलकर इसका मुकाबला करना है। हमें अपने समाज को नशामुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।
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वह आज यहां शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर एसकेआइसीसी में कश्मीर प्रांत के विभिन्न सामाजिक, व्यापारिक ,धामिक और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। यह सम्मेलन प्रदेश सरकार ने अपने जनपहुंच कार्यक्रम के तहत जनता के साथ सीधा संवाद बढ़ाने और जनता से उसके मुद्दों की जानकारी लेने के लिए ही आयोजित किया था।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी, कैबिनेट मंत्री जावेद डार, जावेद राणा, सकीना इटू, सतीश शर्मा के अलावा मुख्य सचिव अटल डुल्लु, मंडलायुक्त कश्मीर वीके बिधुड़ी और कश्मीर रेंज के आइजीपी वीके बिरदी समेत सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।
'नौकरी, जमीन और संसाधनों पर होना चाहिए अधिकार'
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सम्मेलन में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों को यथासंभव हल करने का यकीन दिलाते हुए कहा कि आज यहां कई मुद्दों पर चर्चा हुई। भाषण दिए गए और जवाब में तालियां बजाई गईं। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रमुख डॉ. जीएन वसर द्वारा उठाए गए बिंदुओं ने सभी को प्रभावित किया। उनके बिंदु केवल उनके सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र तक सीमित नहीं थे, बल्कि वह पूरे समाज को, जीवन के हर पहलू को प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से प्रभावित करते हैं।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमारे लिए सबसे पहला सवाल हमारी गरिमा और हमारे आत्मसम्मान का है। क्या हमें सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार नहीं है। सड़क, बिजली और पानी कुछ ऐसी चीजें हैं जो हमें मिलेंगी। लेकिन अगर हमारा सम्मान नहीं है तो ये सभी चीजें निरर्थक हैं। यहां, मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इन सुविधाओं के लिए लड़ेंगे। लेकिन मैं चाहता हूं कि हमारा सम्मान बहाल हो। जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपनी नौकरी, जमीन और संसाधनों पर पहला अधिकार होना चाहिए।
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