जम्मू-कश्मीर में NC ने क्यों मिलाया कांग्रेस से हाथ? उमर अब्दुल्ला ने बताई वजह; गठबंधन के लिए अहम सीटें भी छोड़ी
Jammu Kashmir Election 2024 जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन (Congress NC Alliance) हुआ है। नेकां का कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की वजह बताते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव से पहले गठबंधन पर फैसला करना आसान नहीं था। क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को इसके लिए कई अहम सीटों का बलिदान भी देना पड़ा है।
पीटीआई, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन एक आसान फैसला नहीं था, क्योंकि पार्टी को कई सीटों का 'बलिदान' करना पड़ा।
एनसी मुख्यालय नवा-ए-सुबह में पार्टी के एक समारोह को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की बहाली के लिए संघर्ष एक सामूहिक लड़ाई है। यह सिर्फ हमारी लड़ाई नहीं है, बल्कि पूरे जम्मू-कश्मीर की लड़ाई है।
कांग्रेस से हाथ मिलाना आसान फैसला नहीं: उमर अब्दुल्ला
उन्होंने कहा कि अगर हमें अपने साथ हुई गलतियों को सुधारना है, तो इससे सिर्फ हमें ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक को फायदा होगा। हम जम्मू-कश्मीर के लिए मिलकर यह लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए हमने कांग्रेस से हाथ मिलाया।भले ही यह हमारे लिए आसान फैसला नहीं था। यह इसलिए क्योंकि हमें उन सीटों का त्याग करना पड़ा, जहां हमें पता था कि सिर्फ नेशनल कॉन्फ्रेंस ही कड़ी टक्कर दे सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन जरूरी था।
नेकां उपाध्यक्ष ने कहा...
अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव-पूर्व गठबंधन का पहला असर तब दिखा, जब कांग्रेस के पूर्व नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने घोषणा की कि वे चुनाव में अपनी पार्टी के लिए प्रचार नहीं करेंगे।कई सीटों पर, जैसे जम्मू, पुंछ और राजौरी के निचले इलाकों में, कांग्रेस और हम मिलकर उन शक्तियों से लड़ सकते हैं। इसलिए हमने कांग्रेस को नेशनल कॉन्फ्रेंस के खजाने से कुछ सीटें दीं।
बुधवार को आजाद ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए डीपीएपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने में असमर्थता जताई। आजाद ने कहा कि अप्रत्याशित परिस्थितियों ने मुझे चुनाव प्रचार से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया है।यह भी पढ़ें- Haryana Election 2024: विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस और सीआरपीएफ का फ्लैग मार्च, शांति व्यवस्था बनाए रखने का संदेश
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