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कश्मीर में लोकतंत्र का नया अध्याय: आतंक का गढ़ रहे इलाकों में दनादन वोटिंग, Photos में देखें मतदाताओं का उत्साह

Jammu Kashmir Assembly Election 2024 जम्मू-कश्मीर में आज पहले चरण का चुनाव जारी है। कश्मीर संभाग की उन सीटों पर भी जबरदस्त वोटिंग हो रही हैं जो कभी आतंकवाद का गढ़ कही जाती थीं। कड़ी सुरक्षा के बीच मतदाताओं में लोकतंत्र के महापर्व के प्रति खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर ये तस्वीरें बदलाव का प्रतीक हैं।

By Prince Sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 18 Sep 2024 01:37 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में आज पहले चरण का मतदान हो रहा है
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। Jammu Kashmir Assembly Elections: जम्मू-कश्मीर में आज पहले चरण का मतदान हो रहा है। ऐसे में कश्मीर संभाग (Jammu Kashmir Election Photos) की 16 सीटों पर भी वोटिंग जारी है। जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद हो रहे चुनाव (Jammu Kashmir Chunav Photos) में मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। अनंतनाग, पुलवामा, शोपियां और त्राल वे इलाके हैं, जो कभी आतंक का गढ़ रहे हैं। लेकिन यहां भी चुनाव को लेकर मतदाताओं में खासा उत्साह दिख रहा है।

कश्मीर संभाग में वोटिंग के बीच पोलिंग बूथ से आईं कुछ खास तस्वीरें...

शोपियां के एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए मतदाताओं की कतार लगी हुई है। तस्वीर में महिला वोटर्स में खासा उत्साह नजर आ रहा है।

पुलवामा में एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए मतदाताओं की कतार के बीच एक भारतीय सुरक्षाकर्मी। धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में पहली बार चुनाव हो रहा है। इससे पहले विधानसभा चुनाव साल 2014 में हुआ था।

दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान एक मतदान केंद्र पर वोट करने के लिए कतार में खड़ी कश्मीरी महिलाएं। केंद्रशासित प्रदेश में अलगाववाद, आतंकवाद और पाकिस्तान जैसे मुद्दों से हटकर मूलभूत और विकास से जुड़े मुद्दों को अहमियत दी जा रही है।

जम्मू संभाग के किश्तवाड़ में चुनाव के पहले चरण के दौरान मुस्लिम महिलाएं एक मतदान केंद्र पर वोट डालने पहुंचीं। चुनाव में न केवल कोई एक खास पार्टी या वर्ग बल्कि इस लोकतंत्र के पर्व में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के सदस्य भी मैदान में है।

दक्षिण कश्मीर के बिजबेहरा शहर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के दौरान एक मतदान केंद्र पर वोट डालने के बाद 90 वर्षीय आयशा अपनी स्याही लगी उंगली दिखाती हुईं। 

इस चुनाव में जिन नेताओं को पार्टी ने मौका दिया... ठीक, और जिन्हें अवसर नहीं दिया गया। वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। जानकर हैरानी होगी कि जम्मू-कश्मीर के चुनावी रण में 40 फीसदी से भी ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं। पिछले 57 साल में दूसरी बार इस तरह का रिकॉर्ड कायम हुआ है।

इस चुनाव में जम्मू-उधमपुर और दिल्ली के विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए स्पेशल पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। दिल्ली में चार, जम्मू में 19 तो उधमपुर में एक विशेष मतदान केंद्र बनाया गया है।

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