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सोमवार से जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र शुरू, सदन में गूजेंगे ये मुद्दे; BJP की अब्दुल्ला सरकार को घेरने की तैयारी पूरी

जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है। अनुच्छेद 370 राज्य का दर्जा बहाली दरबार मूव और आतंकी हमलों जैसे मुद्दों पर बहस होगी। भाजपा सरकार से वादे पूरे करने को लेकर सवाल उठाएगी। कांग्रेस राज्य का दर्जा बहाली का मुद्दा उठाएगी। पीडीपी अनुच्छेद 370 पर नेकां को घेरेगी। इस सभी मु्द्दों को लेकर बीजेपी उमर सरकार को घेरेनी की तैयारी की है।

By satnam singh Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 03 Nov 2024 06:45 PM (IST)
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सोमवार से जम्मू-कश्मीर विधानसभा का सत्र शुरू, सदन में गूजेंगे ये मुद्दे।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा का सत्र सोमवार से श्रीनगर में शुरू हो रहा है। पहले सत्र के ही हंगामेदार रहने की संभावना है। अनुच्छेद 370, जम्मू कश्मीर का राज्य का पूर्ण दर्जा बहाल करना, दरबार मूव, आतंकी हमलों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर तीखी बहस होने के पूरे आसार हैं।

नेकां व कांग्रेस की तरफ से चुनावी घोषणापत्र में लोगों से किए गए लोकलुभावन वायदों पर भी भाजपा के निशाने पर सरकार होगी। भाजपा सरकार से वायदों को पूरा करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस को निशाने पर लेगी।

यह तय है कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाने के मुद्दे को तूल देगी, क्योंकि कांग्रेस ने इसी शर्त पर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला किया हुआ है।

उपराज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत

उधर पीडीपी की कोशिश अनुच्छेद 370 पर नेकां को घेरने की होगी। ऐसी स्थिति में सत्र को सुचारू रूप से चलाना सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। भले ही नेकां को सहयोगियों का साथ मिला है और पूर्ण बहुमत है लेकिन भाजपा मजबूत विपक्ष की भूमिका में है।

विधानसभा का सत्र शुरू होते ही स्पीकर का चुनाव होगा। सत्र की शुरुआत उपराज्यपाल के अभिभाषण के साथ होगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सोमवार को साढ़े ग्यारह बजे सदस्यों को संबोधित करेंगे। इससे पहले साढे़ दस बजे स्पीकर का चुनाव होगा। सत्र पांच दिन तक चलेगा।

उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा छह व सात नवंबर को होगी। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के जवाब के साथ आठ नवंबर को सत्र समाप्त होगा।

कैसा रहेगा कांग्रेस का रवैया

बताते चलें कि जम्मू कश्मीर में कुल 90 सीटों के लिए चुनाव हुआ था, जिसमें नेशनल कांफ्रेंस ने 42 सीटें जीती थी, जिसमें उमर दो सीटों पर विजयी रहे थे। उमर ने बडगाम सीट को छोड़कर गांदरबल रखी है। इस तरह से विधानसभा में नेकां के सदस्यों की संख्या 41 रह गई है।

दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भाजपा ने 29 सीटें जीती थी, लेकिन नगरोटा से पार्टी के विधायक देवेंद्र राणा के निधन के बाद भाजपा की संख्या 28 रह गई है। कांग्रेस के 6, पीडीपी के 3, माकपा के 1, आम आदमी पार्टी का 1, अवामी इत्तेहाद पार्टी का 1, पीपुल्स कांफ्रेंस का 1 विधायक है। पांच निर्दलीय हैं। विधानसभा में नेकां के नेतृत्व वाली सरकार के पास पर्याप्त बहुमत है।

अगर नेकां अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रस्ताव लाने का प्रयास करेगी तो यह उसके लिए आसान नहीं होगा। भाजपा इसका पुरजोर विरोध करेगी तो कांग्रेस का रवैया ढुलमुल रहने की संभावना है।

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