Jammu Kashmir Election 2024: नेकां का कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना मजबूरी, गठबंधन के पीछे आखिर क्या रही वजह?
जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर चुनाव (Jammu Kashmir Election 2024) लड़ रही हैं। गौरतलब है कि दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव में भी मिलकर चुनाव लड़ा था। अब विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। चुनाव में अगर नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन नहीं करती तो भाजपा के साथ पर्दे के पीछे गठजोड़ का आरोप पक्का साबित हो जाता।
नवीन नवाज, श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) का विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन करने के पीछे बड़ा सियासी खेल है।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में काफी समय से भाजपा से गठजोड़ की चल रही हवा से कश्मीर में नुकसान होने की आशंका के चलते नेकां को चुनाव से पहले बड़ा दांव खेलना पड़ा।अगर नेकां ऐसा न करती तो भाजपा के साथ पर्दे के पीछे गठजोड़ का आरोप पक्का साबित होता। इससे उसकी जीत के बजाय हार की संभावना बढ़ जाती। इसी कारण यह गठजोड़ कांग्रेस से ज्यादा नेकां के लिए मजबूरी था।
जम्मू-कश्मीर में पांच साल पहले बदला राजनीतिक परिदृश्य
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेकां के बीच यह पहला चुनावी गठजोड़ नहीं है, लेकिन जिन हालात में यह हुआ है वह जरूर नए हैं। पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आया है। कल तक अकेले चुनाव लड़ने का दम भर रही नेकां ने कांग्रेस व अन्य दलों के साथ गठजोड़ के लिए बाकायदगी से अपना चार सदस्यीय दल बनाया।
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यह पहला अवसर है जब अब्दुल्ला परिवार ने गठबंधन की शर्तों को लेकर पूरी कमान अपने पार्टीजनों को सौंपी और सिर्फ उसके फैसले पर मुहर लगाई है।
गठबंधन का एलान करने से पहले नेकां के नेतृत्व ने चुप्पी साधे रखी। वीरवार दोपहर को राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ डॉ. फारूक और उमर ने घर में मुलाकात की।इसमें राजनीतिक परिदृश्य और गठबंधन को सहमति दी गई। इसके बाद राहुल ने कोई बात नहीं, लेकिन डॉ. फारूक ने सभी 90 सीटों पर गठजोड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि सभी शर्ते शीघ्र ही सार्वजनिक कर दी जाएंगी। इसमें माकपा भी शामिल है।
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