जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद विधानसभा (Jammu Kashmir Election 2024 ) चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय और स्थानीय पार्टियों में चुनाव को लेकर खासा उत्साह है। वहीं चुनावी माहौल के बीच राजनेताओं के दल-बदल का दौर भी जारी है। इस क्रम अपनी पार्टी के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री चौधरी जुल्फिकार अली ने आज भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता चौधरी जुल्फिकार अली रविवार को बीजेपी में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि वह क्षेत्र में शांति और विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ पार्टी में शामिल हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और जितेंद्र सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग और जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने जम्मू में मुख्यालय में अली का पार्टी में स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनके शामिल होने से जम्मू-कश्मीर में पार्टी की जमीनी स्तर पर मौजूदगी बढ़ेगी।
अपने समर्थकों और नेताओं के साथ आए अली ने बीजेपी में शामिल होने पर संतोष जताया और क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की प्रशंसा की।
अली ने संवाददाताओं से कहा...
मैंने अपने क्षेत्र को प्रगति, विकास और समृद्धि की ओर ले जाने के लिए भाजपा और मोदी जी तथा शाह साहब से जुड़ने का फैसला किया है। घाटी के राजनीतिक नेताओं द्वारा प्रचारित भावनात्मक राजनीति से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष अली ने हाल ही में क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और केंद्रीय समर्थन मांगने के लिए नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।उन्होंने राजौरी-पुंछ क्षेत्र में पर्यटन पहल को बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला और कश्मीर के बराबर एक पर्यटन स्थल के रूप में इसकी क्षमता को रेखांकित किया।
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उन्होंने कहा, मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा के लिए एक नया रास्ता खोजने की प्रक्रिया में था और आखिरकार मुझे भाजपा ही सही पार्टी लगी, जिसके माध्यम से क्षेत्र के लोगों के हितों को आगे बढ़ाया जा सकता है।जुल्फिकार ने कहा कि वह भाजपा के सभी शीर्ष नेताओं को राजौरी-पुंछ क्षेत्र में लाना चाहते हैं, ताकि वे लोगों की समस्याओं को सीधे सुन सकें।पूर्व मंत्री ने कहा, कल मैंने राजौरी-पुंछ के लिए हमारी मांगों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात की, खास तौर पर पर्यटन के क्षेत्र में।
कश्मीर जैसी खूबसूरती के बावजूद इस क्षेत्र में शायद ही कोई पर्यटक आता है, चाहे वह घरेलू हो या विदेशी। कोई भी हमारे 'सात झीलों वाले वंडरलैंड' में नहीं जाता है और हम इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल में बदलना चाहते हैं।क्षेत्रीय भावनाओं का कथित तौर पर शोषण करने के लिए कश्मीर आधारित पार्टियों की आलोचना करते हुए अली ने दशकों से प्रचारित भय के कथानक के लिए उन्हें दोषी ठहराया।
जुल्फिकार ने कहा...
70 से अधिक वर्षों से हमें बताया गया कि अगर मुसलमानों को जम्मू में जीवित रहना है, तो उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस को वोट देना होगा। नेताओं ने इस कथानक के साथ लोगों में भय पैदा करके हमें गुमराह किया।
लेकिन हमें दिल्ली से खुद को दूर क्यों रखना चाहिए? अगर दिल्ली सत्ता का केंद्र है, तो हमें इससे दूर क्यों रहना चाहिए? मैं अपने क्षेत्र को विकास के रास्ते पर लाने के लिए भाजपा में शामिल हुआ।
भाजपा को "हिंदू पार्टी" बताकर की जा रही आलोचनाओं का जवाब देते हुए अली ने कहा, भाजपा में शामिल होने के हमारे फैसले से हमारी आस्था में कोई बदलाव नहीं आया है। पार्टी ने पूरे क्षेत्र में शांति और विकास में ठोस सुधार किए हैं।
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