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J&K Election: अब तीन माह के अंदर पंचायत और नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारी, प्रशासन ने गृहमंत्री से की खास अपील

Jammu Kashmir Election 2024 जम्मू-कश्मीर में पंचायतों और ब्लाक विकास परिषदों का कार्यकाल इसी वर्ष नौ जनवरी को समाप्त हो गया था। जम्मू-कश्मीर में लगभग 28 हजार पंच-सरपंच और 310 ब्लाक विकास परिषद थीं। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर में दो नगर निगम 18 नगर परिषद और 56 नगर पालिका थीं। नगर निकायों का कार्यकाल बीते वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया था।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 04 Oct 2024 10:55 AM (IST)
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J&K Election: अब तीन माह के अंदर पंचायत और नगर निकाय चुनाव कराने की तैयारी।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। शांत, सुरक्षित और विश्वासपूर्ण वातावरण में विधानसभा चुनाव कराने के बाद प्रदेश प्रशासन और केंद्र सरकार अगले तीन माह के भीतर पंचायत और नगर निकाय के चुनाव भी संपन्न कराने पर गंभीरता से विचार कर रही है।

परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर इन दोनों संस्थानों के चुनाव एक साथ या फिर एक माह के अंतराल पर कराए जाएंगे, जिससे यह प्रक्रिया अगले वर्ष जनवरी तक भी जारी रह सकती है। पंचायत और नगर निकाय के चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से विधानसभा चुनाव के लिए तैनात सुरक्षाबलों की विभिन्न टुकड़ियों में से कुछ को वापस उनके मूल स्थान पर भेजने के बजाय जम्मू-कश्मीर में ही रखने का आग्रह किया है।

जनवरी में समाप्त हो गया कार्यकाल

जम्मू-कश्मीर में पंचायतों और ब्लाक विकास परिषदों का कार्यकाल इसी वर्ष नौ जनवरी को समाप्त हो गया था। जम्मू-कश्मीर में लगभग 28 हजार पंच-सरपंच और 310 ब्लाक विकास परिषद थीं। इनके अलावा जम्मू-कश्मीर में दो नगर निगम, 18 नगर परिषद और 56 नगर पालिका थीं। नगर निकायों का कार्यकाल बीते वर्ष नवंबर में समाप्त हो गया था।

हालांकि पंचायतों और नगर निकाय के चुनाव उनके कार्यकाल के सपंन्न होने के साथ कराए जाने थे, लेकिन पंचायत हल्कों और नगर निकायों के वोर्डों के परिसीमन की प्रक्रिया के लंबित होने के कारण इन्हें स्थगित किया गया था। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रविधान भी किया जाना था और उसके आधार पर नगर निकायों में वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया अगले चंद दिनों में पूरी होने की उम्मीद है।

चुनाव को लेकर तैयारी लगभग पूरी

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि पंचायत चुनाव प्रदेश चुनाव आयोग की निगरानी में कराए जाने हैं। प्रदेश चुनाव आयोग ने इस संदर्भ में अपनी तैयारी को लगभग पूरा कर लिया है और वह सुरक्षा संबंधी व अन्य कुछ मुद्दों पर प्रदेश प्रशासन की हरी झंडी का इंतजार कर रहा है। जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार पंचायत और नगर निकाय के चुनाव वर्ष 2018 में हुए थे। उस समय नेशनल कान्फ्रेंस और पीपुल्स कान्फ्रेंस ने इनसे दूरी बनाए रखी थी।

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आने वाली नई सरकार और होगी मजबूत

वहीं पंचायत व नगर निकाय चुनाव की तैयारियों पर पूर्व पंच-सरपंच व आम लोगों ने खुशी जताई है। श्रीनगर के निवासी इरशाद अहमद टाक ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव के बाद पंचायती व निकाय चुनाव कराए जाने से यहां बनने वाली नई सरकार और ज्यादा मजबूत होगी। वहीं बिलाल अहमद गगलू ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव के जरिए चुनी गई सरकार तब तक मजबूत नहीं होती, जब तक स्थानीय निकाय के चुनाव नहीं कराए जाते। यह एक अच्छा कदम होगा।

विधानसभा चुनाव के बाद पंचायत चुनाव करवाना बेहतर कदम होगा। इससे ग्रामीण लोकतंत्र और मजबूत होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य तेज होंगे और लोग खुद अपने निर्णय ले सकेंगे।

-अनिल शर्मा, पंचायत कान्फ्रेंस के प्रधान

अगर सरकार पंचायत चुनाव करवाने जा रही है तो यह अच्छा फैसला है। इससे जमीनी स्तर पर ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। पंचायती सिस्टम लागू होने से विकास कार्यों को भी गति मिलेगी। पूरी उम्मीद है कि इन चुनावों में भी लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे।

-गुलाम नबी बाबा, पूर्व सरपंच

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