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Jammu Kashmir Election 2024: एलओसी से लेकर डल झील पर होंगे पोलिंग बूथ, हर मतदाता को मिलेगा वोट देने का अधिकार

जम्मू-कश्मीर में उन जगहों पर भी पोलिंग बूथ (Jammu Kashmir Election 2024) बनाए जाएंगे जहां मतदाताओं की संख्या बेहद कम है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि जम्मू-कश्मीर में कोई मतदाता वोट देने से न चूके इसके लिए चुनाव आयोग काफी संजीदा है। यही कारण है कि नियंत्रण रेखा से लेकर डल झील के किनारे भी पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे।

By Agency Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 16 Aug 2024 08:14 PM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में डल झील पर भी होंगे तैरते मतदान केंद्र (जागरण फोटो)
पीटीआई, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। इसी के साथ चुनाव आयोग केंद्रशासित प्रदेश में चुनाव कराने को लेकर पूरी तरह तैयार है।

जम्मू-कश्मीर में कोई मतदाता पीछे न छूटे यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग डल झील पर तीन और नियंत्रण रेखा (LoC) पर एक मतदान केंद्र स्थापित करेगा। यहा इसलिए ताकि हर मतदाता को वोट देने का मौका मिले। खासतौर से उस इलाके में जहां 100 फीसदी अनुसूचित जनजाति के मतदाता रहते हैं।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इन "अनोखे" मतदान केंद्रों को स्थापित करने का उद्देश्य यह है ताकि हर मतदाता अपने अधिकार का उपयोग कर लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी निभा सके।

तीन मतदाताओं के लिए कड़ी मशक्कत

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि डल झील पर तीन तैरते मतदान केंद्रों के लिए मतदान दल को नौकाओं और शिकारे पर ले जाया जाता है। राजीव कुमार ने कहा कि तीन मतदान केंद्रों में शुमार खार मोहल्ला आबी करपोरा में केवल तीन मतदाता हैं।

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गुरेज विधानसभा क्षेत्र में कोरागबल मतदान केंद्र भारतीय और पाकिस्तानी क्षेत्रों के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर मौजूद है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस क्षेत्र में सौ फीसदी अनुसूचित जनजाति के मतदाता रहते हैं।  

कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनावों में, इस मतदान केंद्र ने 80.01 प्रतिशत मतदान दर्ज किया था। सीमारी कुपवाड़ा जिले का पहला मतदान केंद्र है। यहां बड़ी संख्या में मतदाता अपने मतदान का उपयोग करते हैं। 

10 साल बाद हो रहे चुनाव

जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद 18 सितंबर से तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे, जिससे 2019 में अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के लोगों के लिए सरकार चुनने का मंच तैयार हो जाएगा।

90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। पहले चरण में 24 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः 26 और 40 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए चुनाव होंगे।

जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2014 में पांच चरणों में हुआ था। चुनाव आयोग की ओर से यह एलान सुप्रीम कोर्ट द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखने और 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के निर्देश देने के महीनों बाद हुआ है।

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