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J&K Election 2024: मतदाताओं में गजब का उत्साह, आतंकवाद के खिलाफ जमकर वोटिंग, लोग बोले- खत्म हुआ डर

Jammu Kashmir 2024 वोट देने आए बुजुर्ग मतदाता ने कहा कि जम्हूरियत का राज बहाल करने के लिए यह चुनाव बहुत जरूरी है। सभी को समझदारी से मतदान करना चाहिए। देखो हम चाहते कि जमाते इस्लामी पर जो पाबंदी लगाई गई है वह हटाई जाए। इसलिए मैं यहां वोट डालने आया हूं। अरशद नामक एक युवक ने कहा कि बेरोजगारी एक मसला है राशन का कोट बढ़ाया जाना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Wed, 18 Sep 2024 04:09 PM (IST)
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J&K Election 2024: प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के गढ़ में शांति-विकास को मिला वोट।

नवीन नवाज, कुलगाम। पीरपंजाल के दामन में वेश्यु दरिया के किनारे स्थित कुलगाम में चुनाव बहिष्कार की राजनीति अब कहीं नजर नहीं आती। मतदान केंद्रों के बाहर सुबह सवेरे ही मतदाताओं का आगमन और पहले ही चार घंटे में सुबह 11 बजे तक 26 प्रतिशत मतदान बता रहा था कि अब यहां आतंकियों का फरमान और चुनाव बहिष्कार की राजनीति पूरी तरह दफन हो चुकी है।

ऐसा नहीं कि यहां पहले सिर्फ चुनाव बहिष्कार ही होता था। मतदान होता था, लेकिन बहुत कम और जिसका लाभ माकपा उम्मीदवार को पहुंचता था। प्रतिबंधित जमाते इस्लामी के समर्थक व अन्य मतदाता चुनाव प्रक्रिया से दूर रहते थे। अब समूचे निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केंद्रों में मतदाताओं की लंबी कतार इस बार चुनावी दंगल को दिलचस्प बना दिया है।

अपनी भावनाओं को छिपा नहीं पाए लोग

स्थानीय मतदाताओं के लिए यह चुनाव बीते पांच वर्ष के दौरान हुए विकास के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का भी अवसर था। बरोजगारी, राशन, विकास, जमात पर पाबंदी और राज्य का दर्जा ही वे मुद्दे हैं, जो मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने में कामयाब हुए हैं। कोई भी अपनी भावनाओं को छिपा नहीं रहा था, बल्कि खुलकर बात कर रहा था।

मतदाताओं में गजब का उत्साह

जिला मुख्यालय से करीब ढ़ाई किलोमीटर दूर कहरोट जागीर (कहरवट) में बीते तीन दशक में पहली बार मतदान को लेकर स्थानीय मतदाताओं में उत्साह देखेने को मिला। प्रतिबंधित जमाते इस्लामी के प्रभाव वाले इस क्षेत्र में जब भी कोई मतदान केंद्र में दाखिल होता तो वहां पहले से मौजूद मतदाताओं की भीड़ सीटियां, तालियां बजाकर माहौल को जीवंत बनाते।

खत्म हो गया डर

कुलगाम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में प्रतिबंधित जमाते इस्लामी के समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सैयार अहमद रेशी भी इसी गांव के रहने वाले हैं। उन्हें कुलगाम से चार बार निर्वाचित माकपा नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी के कुलगाम पर एक छत्र राज के लिए खतरा माना जा रहा है। अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद अब्दुल अहद बट नामक स्थानीय मतदाता ने कहा कि स्थिति में सुधार हुआ है, डर खत्म हो गया है, अब यहां जम्हूरियत का राज है।

यह चुनाव बहुत यादगार

पहले लोग अपनी जान को खतरा होने के कारण मतदान करने से बचते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी कह रहे हैं कि यह चुनाव बहुत अहम और यादगार है। क्योंकि बीते पांच वर्ष में हमने अपने इलाके में ग्राम सभाओं का आयोजन देखा है, अधिकारी लोग हमारे गांव में आए, उन्होंने गांव के विकास के बारे में हमसे राय ली और गांव में सड़क व नालियों को पक्का करने का काम पूरा किया।

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'जमाते इस्लामी पर प्रतिबंध हटाया जाए'

एक अन्य बुजुर्ग मतदाता ने कहा कि जम्हूरियत का राज बहाल करने के लिए यह चुनाव बहुत जरूरी है। सभी को समझदारी से मतदान करना चाहिए। देखो, हम चाहते कि जमाते इस्लामी पर जो पाबंदी लगाई गई है, वह हटाई जाए। इसलिए मैं यहां वोट डालने आया हूं।

अरशद नामक एक युवक ने कहा कि बेरोजगारी एक मसला है, राशन का कोट बढ़ाया जाना चाहिए। नशाखोरी पर काबू पाया जाए, लेकिन हम चाहते हैं कि जमाते इस्लामी पर प्रतिबंध हटाया जाए, कयोंकि आज अगर यहां मतदान केंद्रों में वोटरों की भीड़ है तो उसके पीछे कहीं न कहीं जमाते इस्लामी का प्रभाव भी है। जमाते इस्लामी के लोग चुनाव लड़ रहे हैं।

प्रतिबंधित जमाते इस्लामी के समथित उम्मीदवार सैयार अहमद रेशी ने अपना वोट डालने के बाद कहा कि मैंने भी बीते 35 वर्ष में पहली बार मतदान किया है। इसका अपना एक अलग ही मजा है। लोगों में जोश देखकर रुह को एक अलग ही सुकून मिला है।

हमारा वोट बदलाव के लिए...

कुलगाम के साथ सटे बुगाम में अपने मताधिकार का प्रयोग कर अपने घर की तरफ जा रहे निसार अहमद शेख ने कहा कि मैंने आज पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। मैं भी कभी बहिष्कार की राजनीति में कीन रखता था। हम लोगों को समझ आ चुका है कि बहिष्कार करने से कुछ हासिल नहीं होगा।

बेहतर यही है कि हम एक अच्छा नुमायंदा चुनें जो हमारे विकास के साथ साथ हम लोगों के लिए एक अच्छी जिंदगी के सुनिश्चित बनाए। अब्दुल अजीज नामक एक अन्य मतदाता ने कहा कि हमारा वोट बदलाव के लिए है। चुनाव बहिष्कार का निर्णय सही नहीं था। हमें वह उम्मीदवार को चुनना है जो हमारे बारे में सोचे, जिसे हम कल पूछ सकें।

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'कश्मीर दुश्मन ताकतों को नाकाम बनाएंगे'

तारीगाम, कुलगाम में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद माकपा नेता मोहम्मद युसुफ तारीगामी ने कहा कि लोगों ने यहां मेरा काम देखा है। लोग मेरे साथ हैं। कश्मीर में यह दिन हम लोगों को 10 साल बाद देखने को मिला है। बीते छह साल तो हमारे लिए बहुत कष्टकारी रहे हैं, आज लोग अपने वोट के साथ एक नयी कहानी लिखेंगे और कश्मीर दुश्मन ताकतों को नाकाम बनाएंगे।

वोट डालने आए रियाज अहमद खान ने कहा कि हम एक खुशहाल जिंदगी चाहते हैं, हम बेखौफ जिंदगाी जीना चाहते हैं। हमने बहुत खून खराबा देखा है। अब अमन बहाली का वक्त है। हमें उम्मीद है कि हमारा वोट यहां बदलाव लाए।

'यह वोट डर को हमेशा के लिए खत्म कर देगा'

50 वर्षीय सलीम वानी ने कहा कि आपको यहां बदलाव का क्या सुबूत चाहिए। बुगाम, फ्रिसल, रेडवनी और कोयमू में आपने वोट डालने वालों को देखा होगा। बुगाम में तो शतप्रतिशत चुनाव बहिष्कार होता था। कई मतदान केंद्रों में तो एक या दो ही वोट पड़ते थे।

मैंने खुद इस वर्ष पहली बार मतदान किया है। मुझे नहीं पता कि आपके साथ बातचीत में किसने क्या कहा है, लेकिन जहां तक मेरी बात है या मेरे जानने वालों की तो हम सभी यहां शांति, खुशहाली और भयमुक्त जीवन के लिए ही वोट डाला है।

हम यहां पहले बंदूक के डर के साए मे जी रहे थे और अब हमें यकीन है कि यह वोट यहां इस डर को हमेशा के लिए खत्म कर देगा। जब यह डर खत्म होगा तो रोजगार भी होगा, पढ़ाई भी होगी, सड़कें बनेंगी।

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