J&k Election News: गुलाम नबी आजाद बीमार, असमंजस में फंसे पार्टी नेता; उम्मीदवारों के नाम वापस लेने से कार्यकर्ता निराश
Jk Election News आजाद करीब डेढ़ साल तक लगातार जम्मू कश्मीर में सक्रिय रहे और जल्द विधानसभा चुनाव करवाने की मांग करते रहे। कुछ समय पहले यह अफवाहें भी फैली कि वह कांग्रेस में वापसी कर रहे हैं लेकिन आजाद ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया। चुनाव की घोषणा होने के बाद आजाद कश्मीर आए लेकिन कुछ दिनों तक उनकी प्रतिक्रिया नहीं थी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नेता व कार्यकर्ता पूरी तरह से असमंजस में फंस गए हैं। नेता व कार्यकर्ता निराश हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहे हैं कि वे क्या करें। दो उम्मीदवारों के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा व चार के नाम वापस लेने के बाद अन्य नेताओं का मनोबल भी गिरा है।
जीएम सरूरी इंद्रवाल से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं तो जुगल किशोर ने भी आजाद की पार्टी के निशान पर चुनाव न लड़ने की घोषणा कर दी है। जुगल किशोर ने निर्दलीय चुनाव लड़्ने या धर्मनिरपेक्ष सोच वाली पार्टी में शामिल होने के विकल्प खुले रखे हैं। गत दिनों गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि वह स्वास्थ्य कारणों से चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे।
आजाद को दस सितंबर तक आराम करने की सलाह
उन्होंने यह भी कहा था कि अगर कोई उम्मीदवार अपना नाम वापिस लेना चाहता तो वह स्वतंत्र है। उसके बाद वरिष्ठ एडवोकेट असलम गोनी सहित चार उम्मीदवारों ने नाम वापिस ले लिए। आजाद पिछले दिनों दिल्ली में अस्पताल में भर्ती रहे। वह दिल्ली में हैं और डाक्टरों की सलाह अनुसार विश्राम कर रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि गुलाम नबी आजाद को दस सितंबर तक आराम करने की सलाह दी गई है।पार्टी सूत्रों ने बताया कि फिलहाल चुनाव को लेकर कोई नई सूची जारी करने या नए दिशा निर्देश फिलहाल नहीं आए हैं। आजाद ने कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी का गठन 26 सितंबर 2022 को किया था। उनके साथ ही प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने कांग्रेस को अलविदा कहकर आजाद का दामन थाम लिया।
15 उम्मीदवारों की सूची जारी
बाद में कई नेता वापिस लौट आए। उसके बाद आजाद करीब डेढ़ साल तक लगातार जम्मू कश्मीर में सक्रिय रहे और जल्द विधानसभा चुनाव करवाने की मांग करते रहे। कुछ समय पहले यह अफवाहें भी फैली कि वह कांग्रेस में वापसी कर रहे हैं लेकिन आजाद ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया। चुनाव की घोषणा होने के बाद आजाद कश्मीर आए लेकिन कुछ दिनों तक उनकी प्रतिक्रिया नहीं थी। कार्यकर्ता या नेता चुनाव की कोई तैयारी नहीं कर रहे थे। फिर आजाद की तरफ से 15 उम्मीदवारों की सूची को जारी किया गया।डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी को धक्का
सूची जारी करने के बाद भी पार्टी की गतिविधियां ठप ही नजर आई। उसके बाद 25 अगस्त को उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और दिल्ली चले गए। कांग्रेस छोड़ कर आजाद की पार्टी में शामिल हुए नेताओं को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें क्योंकि चुनाव का बिगुल बज चुका है। पार्टियों ने उम्मीदवारों की सूचियां जारी कर दी है, प्रचार हो रहा है लेकिन डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी को धक्का लगा है।
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