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Kashmir में होम वोटिंग ने बढ़ाई लोकतंत्र की ताकत, घर से मतदान करने वाले नेत्रहीन मोहम्मद राथर बने पहले कश्मीरी मतदाता

Jammu Kashmir News जहां जम्मू में दो सीटें हैं वहीं कश्मीर में तीन लोकसभा की सीटे हैं। इनमें बारामूला अनंतनाग और श्रीनगर आते हैं। अनंतनाग में 7 मई को चुनाव होने थे। लेकिन यह तारीख मौसम की वजह से आगे कर दी गई। अब इस सीट पर 25 मई को चुनाव होंगे। वहीं। श्रीनगर संसदीय सीट पर 13 मई को चुनाव होने हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 08 May 2024 12:08 PM (IST)
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घर से मतदान करने वाले नेत्रहीन मोहम्मद राथर बने पहले कश्मीरी मतदाता
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Srinagar Lok Sabha Seat: नेत्रहीन अली मोहम्मद राथर की खुशी का मंगलवार को कोई ठिकाना नहीं रहा, जब उसे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए किसी की मिन्नत नहीं करनी पड़ी। उसने अपने ही घर में बैठकर अपना वोट डाला। घर से मतदान करने वाले कश्मीर में वह ऐसे पहले मतदाता बन गए हैं।

चुनाव आयोग ने 18वीं लोकसभा के गठन के लिए जारी मौजूदा चुनाव प्रक्रिया में दिव्यांगों और बुजुर्ग मतदाताओं की सुविधा के लिए घर बैठे ही मतदान की सुविधा शुरू की है।

श्रीनगर में 13 मई को होगा मतदान

श्रीनगर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान 13 मई को होना है और उससे पहले दिव्यांगों और बुजुर्ग मतदाताओं के घरों में जाकर मतदान कर्मी उनके मतदान को सुनिश्चित बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

बड़गाम जिले के अंतर्गत खानसाहब की रहने वाली 99 वर्षीय रहती बानो ने अपने घर से ही मताधिकार का प्रयोग किया है। वहीं, शोपियां के थेरियां केल्लर में 110 वर्षीय वृद्धा ने भी वोट डाला।

श्रीनगर जिले में लगभग 300 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने अपने घर से ही डाकमत के जरिए अपने मताधिकार की इच्छा जताई है। इनमें 202 की आयु 85 वर्ष से ज्यादा के हैं और 90 दिव्यांग मतदाता हैं।

घर-घर जाकर मतदान करानी की प्रक्रिया हुई शुरू

श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में मंगलवार को ही घर-घर जाकर बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं से मतदान कराने की प्रक्रिया शुरू हुई है। हजरतबल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत दारा का रहने वाले अली मोहम्मद राथर कश्मीर के पहले दिव्यांग हैं जिन्होंने घर से ही वोट डालने की सुविधा का लाभ उठाया।

वोट डालने से रोमांचित हुए अली मोहम्मद ने कहा कि पहले मुझे किसी की मिन्नत करनी पड़ती थी कि मुझे भी वोट डालने ले चलो और कई बार चुनाव में मैं इसलिए वोट डालने नहीं गया क्योंकि मतदान केंद्र घर से दूर होता था।

मोहम्मद राथर की आयु लगभग 75 वर्ष

अली मोहम्मद के एक स्वजन अरशद ने कहा कि अली मोहम्मद राथर की आयु लगभग 75 वर्ष है, उम्र भी ज्यादा है और दिव्यांग भी हैं, उनके लिए घर से बाहर वोट डालने जाना बहुत मुश्किल होता।

चुनाव आयोग का घर मे ही मतदान कर्मियों को भेजना हमारे लिए बहुत सुविधाजनक रहा है। अब एक रिकॉर्ड भी हमारे चाचा के नाम हो गया है, वह कश्मीर में घर से ही वोट डालने वाले पहले मतदाता हो गए हैं।

दिव्यांगों की संख्या 185

शोपियां विधानसभा क्षेत्र में विशेष रूप से दिव्यांग मतदाता जिनकी संख्या 185 है, अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस प्रक्रिया की निगरानी मजिस्ट्रेट, पर्यवेक्षक और सुरक्षा के साथ ईसीआइ और जिला प्रशासन की चुनाव मशीनरी कर रही है। इसी प्रकार आवश्यक सेवा कर्मचारियों के लिए डाक मतदान की सुविधा के लिए शोपियां में एक डाक मतदान केंद्र भी स्थापित किया गया था।

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