जम्मू-कश्मीर: मुबारक गुल बने प्रोटेम स्पीकर, सभी विधायक सोमवार को लेंगे शपथ, स्पीकर की रेस में अब्दुल रहीम सबसे आगे
जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायक 21 अक्टूबर को शपथ लेंगे। उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल उन्हें शपथ दिलाएंगे। स्पीकर पद की रेस में अब्दुल रहीम राथर का नाम सबसे आगे हैं। विधानसभा का सत्र नवंबर के पहले सप्ताह में बुलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को विभिन्न विभागों को लेकर पहली समीक्षा बैठक की।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की पहली विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायक 21 अक्टूबर को शपथ ग्रहण करेंगे। उन्हें शुक्रवार को उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत किए प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल शपथ दिलाएंगे। इसी बीच, स्पीकर पद के लिए अब्दुल रहीम राथर का नाम सबसे आगे है, लेकिन दौड़ में अली मोहम्मद सागर भी हैं।
डिप्टी स्पीकर का पद भाजपा को दिया जाएगा। विधानसभा का सत्र नवंबर के पहले सप्ताह में बुलाया जा सकता है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 24 के तहत प्रदत्त अपनी शक्तियों और अधिकारों का प्रयोग करते विधायक मुबारक गुल को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है।
वह विधानसभा सदस्यों को सोमवार 21 अक्टूबर की दोपहर दो बजे विधानसभा परिसर में शपथ दिलाएंगे। मुबारक गुल को एलजी मनोज सिन्हा ने आज शपथ दिलाई।
वित्त मंत्री रह चुके हैं अब्दुल रहीम राथर
नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) के वरिष्ठ नेता मुबारक गुल भी ईदगाह से निर्वाचित हुए हैं। नेकां से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चरार-ए-शरीफ से निर्वाचित विधायक अब्दुल रहीम राथर को स्पीकर बनाने पर विचार किया जा रहा है। वह पांच अगस्त 2019 से पहले के जम्मू-कश्मीर राज्य के वित्तमंत्री भी रह चुके हैं।
नेकां के दिग्गजों में गिने जाने वालों में अब्दुल रहीम राथर, अली मोहम्मद सागर और प्रोटेम स्पीकर बने मुबारक गुल मौजूदा विधानसभा में तीन ऐसे विधायक हैं, जो बार सात चुनाव जीते हैं। राथर पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन सरकार के समय जम्मू-कश्मीर में विपक्ष के नेता भी रहे हैं।
'CMO खुद सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा करेगा'
वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को विभिन्न विभागों को लेकर पहली समीक्षा बैठक की। इसमें विभाग के विकास कार्यों की स्थिति जांची गई और इन्हें समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय खुद अपने अधीन सभी विभागों के कार्यों की समीक्षा करेगा। उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगियों से अपने विभागों की सक्रियता से निगरानी और समीक्षा करने को कहा।
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