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Jammu-Kashmir: हिजबुल के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन और उसके बेटे की संपत्तियों को NIA ने किया कुर्क

आतंकी फंडिंग और गतिविधियों में संलिप्तता के आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने आज हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू चीफ कमांडर सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन और उसके पुत्र सैयद शकील की श्रीनगर व बडगाम में स्थित संपत्ति को अटैच किया है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Mon, 24 Apr 2023 07:26 PM (IST)
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हिजबुल के मुखिया सैयद सलाहुद्दीन और उसके बेटे की संपत्तियों को NIA ने किया कुर्क
जम्‍मू, जागरण संवाददाता: आतंकी फंडिंग और गतिविधियों में संलिप्तता के आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए ने सोमवार को हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू चीफ कमांडर सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन और उसके पुत्र सैयद शकील की श्रीनगर व बडगाम में स्थित संपत्ति को अटैच किया है।

इस संपत्ति में श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में स्थित दो मकान और बड़गाम के सोईबुग में दो कनाल (एक चौथाई हेक्टेयर) कृषि भूमि शामिल हैं। सलाहुद्दीन के दोनों आरोपित बेटे इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। इसके अलावा एनआइए ने छह दुकानें अवंतीपोरा में जब्त की हैं।

यह दुकानें 2018 में पुलवामा जिले के लेथपोरा स्थित सीआरपीएफ के शिविर पर हुए आतंकी हमले में लिप्त एक आरोपित की हैं। इसी मामले में सितंबर, 2020 में एक अन्य आरोपित आतंकी के पिता का मकान व उसकी जमीन को भी जब्त किया गया था।

कहां-कहां पर संपत्ति की कुर्क

एनआइए के अधिकारियों ने जम्मू कश्मीर के राजस्व विभाग और पुलिस कर्मियों के दल के साथ सोमवार की सुबह श्रीनगर के नरसिंहगढ़ रामबाग, कर्णनगर में स्थित मकान के अलावा सोईबुग में दो कनाल जमीन को जब्त किया है। यह मकान और जमीन सलाहुद्दीन के बेटों शाहिद यूसुफ और सैयद अहमद शकील के नाम पर पंजीकृत है।

तिहाड़ में बंद हैं शाहिद और शकील

शाहिद अक्टूबर, 2017 से और शकील अगस्त, 2018 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। यह दोनों सलाहुद्दीन और उसके नेटवर्क द्वारा देश-विदेश से विभिन्न माध्यमों के जरिए भेजी गई टेरर फंडिंग को प्राप्त कर कश्मीर में आतंकियों व अलगाववादी नेताओं को उपलब्ध कराते थे।

एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि सलाहुद्दीन के बेटों की संपत्ति गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के प्रविधानों के तहत जब्त की गई है। इस संबंध में नवंबर, 2011 में मामला दर्ज किया गया था। दोनों आरोपित जम्मू कश्मीर में आतंकी हिंसा फैलाने के लिए आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों के लिए विभिन्न माध्यमों से रकम जमा कर उसे राष्ट्रविरोधी तत्वों तक पहुंचाने का है।

शुरुआत में यह मामला दिल्ली पुलिस के विशेष सेल ने जनवरी, 2011 में दर्ज किया था। इसके बाद जांच एनआइए को सौंपी गई थी। इस मामले में एनआइए आठ आरोपितों के खिलाफ दो आरोपपत्र दायर कर चुकी है।

1993 में पाकिस्तान भाग गया था सलाहुद्दीन

सलाहुद्दीन वर्ष 1993 में पाकिस्तान भाग गया था और तभी से वह वहां पर है। वह कश्मीर में सक्रिय विभिन्न आतंकी संगठनों के साझा मंच यूनाइटेड जिहाद कौंसिल का चेयरमैन भी है। वह गुलाम जम्मू कश्मीर में बैठकर अपने नेटवर्क के जरिए जम्मू कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियां चला रहा है।

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