कुपवाड़ा में जमानत पर रिहा दाे नशा तस्करों को पहनाया जीपीएस, J&K पुलिस ने देश में पहली बार किया ट्रैकर का ऐसा इस्तेमाल
Jammu Kashmir News जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पुलिस ने दो नशा तस्करों को जीपीएस ट्रैकर पहनाया है। पुलिस ने दोनों को सख्त चेतावनी दी है कि यदि इन्हें निकाला गया या किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की तो उस स्थिति में जमानत रद हो जाएगी। दोनों आरोपियों पर कुछ और पाबंदियां लगाई गई हैं। वह पुलिस की अनुमति के बगैर कहीं बाहर जा भी नहीं सकते।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu Kashmir News: उत्तरी कश्मीर के जिला कुपवाड़ा में पुलिस ने शुक्रवार को जमानत पर रिहा हुए नशीले पदार्थों के दो कारोबारियों को जीपीएस ट्रैकर पहनाया है। इससे पूर्व नवंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के आरोपित हुर्रियत नेता गुलाम मोहम्मद बट को जीपीएस ट्रैकर लगाया गया था।
ये देश कर चुके हैं GPS ट्रैकर का इस्तेमाल
जीपीएस ट्रैकर का इस्तेमाल अमेरिका, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड समेत कई देशों में जमानत व पैरोल पर छूटे आरोपितों और घर में नजरबंद तत्वों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया जा रहा है। भारत में जम्मू कश्मीर पुलिस ने इसका उपयोग सबसे पहले शुरू किया है।
एसपी कुपवाड़ा शोभित सक्सेना ने बताया कि दो आरोपितों अब्दुल मजीद बट और आबिद अली बट को अदालत के निर्देशानुसार ही पैरों में जीपीएस ट्रैकर पहनाया गया है। इससे जमानत की अवधि के दौरान उनकी निगरानी सुगम हो जाएगी। वह पुलिस की अनुमति के बिना कही बाहर नहीं जा पाएंगे।
की छेड़छाड़ तो जमानत रद
वह इसे उतार भी नहीं सकते और न इसके साथ छेड़खानी कर पाएंगे,अगर करेंगे तो जमानत रद हो सकती है। उन पर कुछ और पाबंदियां भी रहेंगी।
उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि नशीले पदार्थों के कारोबारी और नार्को टेरेरिज्म मॉड्यूल के हैंडलर व सदस्य जमानत पर रिहा होने या जेल से छूटने के बाद दोबारा गैर कानूनी गतिविधियों में सक्रिय हो जाते हैं।
हर गतिविधि पर रहेगी नजर
जीपीएस ट्रैकर के कारण वह पुलिस की निगाह से नहीं बच पाएंगे। उनके पैरों में जीपीएस ट्रैकर रहेगा जो पुलिस को उनकी पल- पल की गतिविधि की जानकारी देगा। इससे पता चलेगा कि वह किस जगह, किस समय घूम रहे हैं,क्या वह उस जगह जाने के अधिकारी थे या नहीं।
जीपीएस ट्रैकर जमानत पर रिहा आतंकियों व अलगाववादियों एक मददगार हुर्रियत नेता गुलाम मोहम्मद बट को प्रदेश में सबसे पहले पहनाया था। यह जमानत पर रिहा होने वाले, पैरोल पर छूटने वाले आरोपितों को पहनाए जाने चाहिए ताकि उनकी निगरानी हो सके।यह भी पढ़ें- टेरर फंडिग मामले में तिहाड़ में बंद अलगाववादी का भाई भी चुनावी रण में, मुनीर ने बारामूला से भरा नामांकन; ये है एजेंडा
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