Move to Jagran APP

अभी खत्म नहीं हुई उमर सरकार की अग्निपरीक्षा, केंद्र के हाथ में है विशेष दर्जा बहाली के प्रस्ताव की असली चाबी

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव पारित किया जिसका भाजपा ने जमकर विरोध किया। केंद्र सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किया था। जानकारों का मानना है कि यह प्रस्ताव केंद्र के पास जाएगा और केंद्र सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगी। यह एक राजनीतिक दबाव का हिस्सा हो सकता है।

By naveen sharma Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 06 Nov 2024 08:49 PM (IST)
Hero Image
Jammu Kashmir News: जम्म-कश्मीर विधानसभा में पारित हुआ विशेष दर्जे का प्रस्ताव
नवीन नवाज, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में अलगाववाद और तुष्टिकरण की राजनीति फिर से परवान चढ़ने लगी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सदन में अपने बहुमत का लाभ उठाते हुए बुधवार को बिना अनुच्छेद 370 की पुर्नबहाली शब्द का इस्तेमाल कर, विशेष दर्जे की बहाली का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित करा, साबित कर दिया है, वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ इस होड़ में पीछे रहने के मूड में नही है।

भाजपा ने एक विधान एक निशान और राष्ट्रवाद के प्रति अपनी संकल्पबद्धता को दोहराते हुए इस प्रस्ताव विरोध कर बताया कि वह प्रत्यक्ष तो क्या परोक्ष तौर पर भी किसी को घड़ी की सुइयां पीछे मोढ़ने की अनुमति नहीं देगी। अनुच्छेद 370 एक मरा हुआ सांप है, जिसे वह एक गले से दूसरे गले में डाल, जहर फैलाने के षडयंत्र को सफल नहीं होने देगी।

5 अगस्त, 2019 को किया था आर्टिकल-370 निरस्त

केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त कर, जम्मू कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय को सुनिश्चित बनाया। जम्मू कश्मीर को राष्ट्र की मुख्यधारा के साथ जोड़ा और जम्मू कश्मीर में एक संविधान-एक निशान लागू होने के साथ ही स्थानीय लोगों को देश के अन्य भागों की तरह सभी संवैधानिक अधिकार मिले।

पांच अगस्त 2019 के केंद्र सरकार के फैसले से जम्मू कश्मीर में अपना साम्राज्य नष्ट होने से हताश राजनीतिक दलों का पहले ही दिन से प्रयास रहा है कि किसी न किसी तरीके से इस मामले को जिंदा रखा जाए। अनुच्छेद 370 की पुर्नबहाली का नारा इसी एजेंडे का नाम है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, पीपुल्स कॉन्फ्रेस समेत सभी क्षेत्रीय दल जो प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से एक वर्ग विशेष के तुष्टिकरण में यकीन रखते हुए कश्मीर केंद्रित राजनीति करते हैं, पहले ही कह चुके थे कि जब भी जम्मू कश्मीर की विधानसभा का सत्र होगा, वह विशेष दर्ज की बहाली का प्रस्ताव लाएंगे।

सोमवार को इस विषय में प्रस्ताव लाने का किया प्रयास

गत सोमवार को जब सत्र शुरु हुआ तो पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने इस विषय में प्रस्ताव लाने का प्रयास किया था । उसके बाद नेशनल कान्फ्रेंस पर भी अनुच्छेद 370 की पुर्नबहाली पर प्रस्ताव लाने का दबाव बढ़ गया था और उसने आज सदन में हंगामें और भाजपा के पुरजोर विरोध के बीच विशेष दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित कराया।

जम्मू-कश्मीर मामलों के जानकार अहमद अली फैयाज ने कहा कि इस प्रस्ताव के जरिए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बड़ी चतुराई से अपने गले का सांप उतारने का प्रयास किया है। वह अब इसे केंद्र सरकार को भेजेगी और केंद्र सरकार इसे स्वीकार करने को बाध्य नहीं है। वह इसे खारिज कर सकती है।

'अब यह एक नेशनल नरेटिव है'

केंद्र सरकार कभी भी अनुच्छेद 370 को नहीं बहाल करेगी,अब यह एक नेशनल नरेटिव है। केंद्र सरकार पर यही दबाव होगा कि वह विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का मान रखे और इसके लिए वह प्रदेश सरकार के साथ, जम्मू कश्मीर के विधायकों के साथ बातचीत करेगी और राज्य का दर्जा व कुछ अन्य सुविधाएं जो हिमाचल व अन्य राज्यों में हैं, मिल सकती हैं। इससे ज्यादा कुछ नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी जितना इसका विरोध करेगी, उतना नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपने मतदाताओं के बीच लाभ मिलेगा, वह कहेगी कि हमने अपना वादा पूरा किया है और भाजपा के कारण पूरा नहीं हो रहा है।

इसके अलावा जम्मू कश्मीर में एक कंपीटेटिव पॉलिटिक्स है और उसकी मजबूरी में नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए यह प्रस्ताव लाना जरूरी था। वह इसके आधार पर अपने विरोधियों को चुप कराएगी और आगे बढ़ेगी।

भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता सुनील शर्मा ने कहा कि संसद ने अनुच्छेद 370 को हटाया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रस्ताव की कोई बाध्यता नहीं है।

नेशनल कान्फ्रेंस और पीडीपी सरीखे दल यहां अलगाववाद और एक वर्ग विशेष की तुष्टिकरण की राजनीति को जारी रखना चाहते हैं, वह यहां फिर से अलगाववाद केा पैदाकरना चाहते हैं, आम कश्मीरी अवाम को गुमराह कर उसे बर्बादी की तरफ धकेलना चाहते हैं, वह हम नहीं होने देंगे।

यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में आर्टिकल 370 की बहाली का प्रस्ताव पारित, बीजेपी ने स्पीकर पर लगाए गंभीर आरोप

हमारा एजेंडा स्पष्ट है एक राष्ट्र एक विधान एक निशान। नेशनल कॉन्फ्रेंस अगर यह कहती है कि उसके पास बहुमत है तो वोट प्रतिशत के आधार पर हम उससे आगे हैं। हम देश की एकता अखंडता और सार्वभौमिकता पर किसी को भी राजनीति नहीं करने देंगे। हम ऐसे किसी भी प्रयास के खिलाफ खड़े हैं जो प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से अलगाववाद की तरफ ले जाता हो।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मीर सैफुल्लाह ने जम्मू कश्मीर के लिएविशेष दर्जे की बहाली संबंधी प्रस्ताव के पारित होने पर कहा कि हमने अपना एक वादा पूरा किया है। उन्होंने कहा कि अब हमारा अगला कदम संसद में इस विषय में प्रस्ताव लाने और चर्चा कराने के लिए होगा।

संसद में इसे किस तरह से लाया जाएगा, अब इस पर विचार किया जाएगा। आगामी सत्र में हमारे सांसद आगा सैयद रुहुल्ला इस विषय में कोई प्रभावी प्रयास करेंगे।

 कानूनी बाध्यता नहीं केवल कागज का टुकड़ा है: बीजेपी विधायक

भाजपा विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया और आरएस पठानिया ने कहा कि इस प्रस्ताव की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है, यह एक कागज का टुकड़ा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस सिर्फ लोगों में अलगाववादी भावनाओं को पैदा करने की कोशिश कर रही है जो असहनीय है। अनुच्छेद 370 का अध्याय अब समाप्त हो चुका है।

पांच अगस्त 2019 से पूर्व नेशनल कॉन्फ्रेंस ग्रेटर ऑटोनामी का नारा देती रही है। वर्ष 1996 में इसी नारे के साथ सत्ता में आयी थी। उसने इस वादे को पूरा करने के लिए 24 जून 2000 को राज्य विधानसभा में ग्रेटर ऑटोनॉमी का प्रस्ताव पारित किया था। उस समय भाजपा के विधायकों ने भी समर्थन किया था।

यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया। केंद्रीय केबिनेट ने इसका संज्ञान लिया और कहा कि यह संभव नहीं हे। इसके साथ ही इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उसके बाद यह मुद्दा कभी नहीं उठा। सिर्फ नेशनल कॉन्फ्रेंस के विरोधी उसे निशाना बनाने के लिए इस मामले का उल्लेख करते आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें- जय श्री राम, 5 अगस्त जिंदाबाद... जैसे नारों से गूंज उठा सदन, आर्टिकल-370 पर जमकर हुआ हंगामा

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।