Jammu Kashmir: प्रदेश के मुख्य सचिव का दावा, बोले- '2.5 लाख लोगों को चोर दरवाजे और सिफारिश से मिली नौकरियां'
जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने दावा किया है कि 2.5 लाख लोगों को चोर दरवाजे और सिफारिश से नौकरी मिली हैं। कुपवाड़ा में एक सभा के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे यह बताने में शर्म आती है कि वर्ष 2019 से पहले जम्मू कश्मीर में सत्तासीन रही विभिन्न सरकारों के दौर 2.5 लाख सरकारी नौकरियां ऐसे लोगों को दी गई जो उनके हकदार नहीं थे।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने वीरवार को दावा किया कि जम्मू कश्मीर में पहले सत्तासीन रह चुकी सरकारों के समय में 2.5 लाख लोगों को चोर दरवाजे और सिफारिश के आधार पर सरकारी नौकरी दी गईं।
सरकारी नौकरियां उन लोगों को दी गई जो नहीं हकदार
कुपवाड़ा में एक सभा के दौरान उन्होंने कहा कि मुझे यह बताने में शर्म आती है कि वर्ष 2019 से पहले जम्मू कश्मीर में सत्तासीन रही विभिन्न सरकारों के दौर 2.5 लाख सरकारी नौकरियां ऐसे लोगों को दी गई जो उनके हकदार नहीं थे। उन्हें नियमों को ताक पर रखकर सरकारी रोजगार दिया गया। अब यह दौर बीत गया है और मौजूदा प्रशासन अब सिर्फ योग्यता के आधार पर ही नौकरी प्रदान कर रहा है।
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नियमों के आधार पर सरकारी नौकरी मिल रही
पढ़े लिखे नौजवानों को उनकी योग्यता के आधार पर पूरी पारदर्शिता के साथ नियमों के आधार पर सरकारी नौकरी मिल रही है। उन्होंने कहा कि यहां कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि सरकारी विभागों में नौकरियां बंद हो गई हैं और भर्ती प्रक्रिया बंद कर दी गई है। यह सच नहीं है।
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सच तो यह है कि बीते तीन वर्ष में जम्मू कश्मीर में 30 हजार युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी दी गई है। अब सरकारी नौकरी किसी सिफारिश, भाई भतीजावाद या भ्रष्टाचार के जरिए नहीं मिलती। अब सिर्फ योग्यता ही मापदंड है।