Jammu Kashmir Terror: आतंकियों के खात्मे का अभियान तेज, तीन जगहों पर सर्च ऑपरेशन जारी; जंगलों में छिपे बैठे हैं आतंकी
जम्मू-कश्मीर में आतंकी अगर पैर पसार पा रहे हैं तो इसके पीछे कुछ ऐसे असामाजिक तत्वों का हाथ भी है जो उनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को सुरक्षाकर्मियों ने 9 मददगारों को अरेस्ट किया। ये मददगार आतंकियों को खाने-पीने की सामाग्री रास्ता बताने में मदद और पनाह देने का काम किया करते थे।
डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में इस दौरान सेना आतंकियों की तलाश के लिए तीन बड़े अभियान चला रही है। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ और उधमपुर तथा कश्मीर संभाग के अनंतनाग में सर्च अभियान चौथे दिन भी जारी है। इससे पहले अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के अहलान गडूल जंगलों में मुठभेड़ के दौरान आतंकियों की गोलीबारी से दो जवान शहीद हो गए थे। जबकि एक नागरिक की मौत हो गई थी।
पुलिस ने गिरफ्तार किए नौ मददगार
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकियों के नौ मददगार गिरफ्तार किए, जो आतंकियों को आसपास के इलाकों, मार्गों की जानकारी उपलब्ध कराने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने का काम करते थे। ये आतंकी मददगार तीन जिलों कठुआ, ऊधमपुर और डोडा में सक्रिय थे और पाकिस्तान में अपने हैंडलरों के भी लगातार संपर्क में थे।
इन मददगारों को पूरी जानकारी होती थी कि कब और कहां से घुसपैठ होने वाली है। भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने के बाद आतंकियों को सुरक्षाबलों की नजरों से बचाकर पहाड़ों पर बनाए गए ठिकानों तक ले जाने की जिम्मेदारी इन्हीं की होती थी। ये स्थानीय मददगार लंबे समय से आतंकियों की मदद कर रहे थे, जिनकी पनाह में रहकर आतंकी जम्मू-कश्मीर में फल-फूल रहे थे।
आतंकियों की करते हैं ये मदद
- मददगार आतंकियों को सुरक्षाबलों के बारे में भी तमाम जानकारी उपलब्ध करवाते थे
- ये सभी एक-दो वर्ष से नहीं बल्कि कई साल से आतंकियों के लिए गाइड के रूप में काम कर रहे थे
- ये मददगार आतंकियों को खाद्य सामाग्री और अन्य सामान उपलब्ध करवाते थे
- मददगार तीनों जिलों के मध्य में स्थित ‘कैलास माउंटेन’ पर ऊंचे पहाड़ों और जंगल तक पहुंचाते थे
- पहाड़ों का रास्ते बताने से लेकर अपने घर में पनाह देने का काम भी ये लोग करते थे
- हिरासत में मौजूद इन मददगारों की पृष्ठभूमि की पड़ताल हो रही है
जम्मू-कश्मीर में बड़े हमले
- 9 जून को रियासी में शिवखोड़ी से आ रही बस पर आतंकियों ने किया हमला, नौ श्रद्धालु की मौत
- 11 जून को कठुआ में आतंकी हमला, एक सीआरपीएफ जवान बलिदान
- 6 जुलाई को कुलगाम के दो गावों में मुठभेड़ में दो जवान बलिदान
- 7 जुलाई को राजौरी में सेना के शिविर में आतंकी हमला, एक जवान घायल
- 8 जुलाई को आतंकियों ने कठुआ जिले के बदनोता में सेना के वाहन पर हमला किया, पांच जवान बलिदान
- 16 जुलाई को आतंकी हमले में एक पुलिसकर्मी समेत पांच जवान बलिदान
- 10 अगस्त को कोकरनाग में आतंकी हमला, दो जवान बलिदान और एक ग्रामीण की मौत
छह आतंकियों के छिपे होने की आशंका
बसंतगढ़ के खनेड़ इलाके में रविवार को हुई मुठभेड़ के बाद आतंकियों की तलाश में सुरक्षाबलों ने सोमवार को दिनभर तलाशी अभियान जारी रखा।
जंगल में धंधु होने के कारण सुबह के समय अभियान में परेशानी हुई। 11 बजे के बाद मौसम में सुधार आया। सुरक्षाबल जंगलों के साथ ही लोगों से भी पूछताछ कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार आतंकियों के समूह में चार से छह आतंकी हो सकते हैं। ये आतंकी एक से दूसरे स्थान पर जाकर छिप रहे हैं।
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