'नहीं है भरोसा तो ला सकते हैं अविश्वास प्रस्ताव', जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामे पर बोले स्पीकर अब्दुल रहीम राथर
जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने भाजपा की विशेष दर्जे के प्रस्ताव को वापस लेने या पद छोड़ने की मांग को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी को उन पर भरोसा नहीं है तो उसे अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए। राथर ने भाजपा सदस्यों को सदन के वेल में घुसने और विधानसभा सचिव की कुर्सी पर रखे राष्ट्रीय प्रतीक को कुचलने पर भी फटकार लगाई।
श्रीनगर, पीटीआई। Jammu Kashmir News: जम्मू और कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने गुरुवार को सदन द्वारा पारित विशेष दर्जे के प्रस्ताव को वापस लेने या पद छोड़ने की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि अगर पार्टी को उन पर भरोसा नहीं है तो उसे अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए।
उन्होंने पार्टी को नारेबाजी को लेकर फटकार लगाई और कहा कि वह सदस्यों को सदन के वेल में घुसने और विधानसभा सचिव की कुर्सी पर रखे राष्ट्रीय प्रतीक को कुचलने को बर्दाश्त नहीं कर सकते।
'अध्यक्ष के पास नहीं होता अधिकार'
राथर ने कहा कि वे (भाजपा) अध्यक्ष से प्रस्ताव वापस लेने के लिए कह रहे हैं। अध्यक्ष के पास अधिकार नहीं हैं। सदन द्वारा पारित किसी भी चीज को सदन द्वारा ही रद्द किया जा सकता है। अध्यक्ष ऐसा नहीं कर सकते। इन मुद्दों पर अध्यक्ष के पास सीमित अधिकार हैं। उन्हें अपने सामने मौजूद तथ्यों के आधार पर अध्यक्षता करनी है, गणना करनी है और निर्णय देना है।विधानसभा ने बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें केंद्र से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा बहाल करने के लिए एक संवैधानिक तंत्र तैयार करने के लिए कहा गया।यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हाथापाई, अनुच्छेद 370 के लहराए पोस्टर; विधायकों में मारपीट के बाद मार्शल ने संभाला मोर्चा
इस विशेष दर्जे को 5 अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया गया था। विधानसभा में पारित इस प्रस्ताव का घाटी के राजनीतिक दलों ने स्वागत किया तो मुख्य विपक्षी भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की।
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