Jammu News: बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में आतंकवादी, जम्मू में आतंकियों के सात दल सक्रिय, इस जगह छिपें हैं दहशतगर्द
Jammu Kashmir News जम्मू में आतंकी फिर से पैर पसारने लगे हैं। आतंकियों के सात दल सक्रिय है और घने जंगलों में छुपे हुए हैं। जम्मू से आतंकियों का सफाया किया जा रहा है। साथ ही आतंकियों की जम्मू-कश्मीर में संपत्ति को कुर्क किया जा रहा है। बीते तीन माह में बारामुला में लगभग दो दर्जन आतंकी मददगारों की संपत्ति को अदालत की अनुमति से जब्त किया जा चुका है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू संभाग में आतंकियों के सात दल सक्रिय हैं। ये दल अलग-अलग इलाकों में बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। यह दावा पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद जैन ने डोडा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए किया। उन्होंने कहा कि राजौरी, पुंछ, डोडा और किश्तवाड़ में ये आतंकी सक्रिय हैं। तीन से चार दल डोडा, किश्तवाड़ में सक्रिय हैं। ये जंगल में छिपे हैं।
आतंकियों को ढेर करने के लिए लगातार अलग-अलग इलाकों में सेना और पुलिस मिलकर तलाशी अभियान छेड़े हुए हैं। जैश के तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मुठभेड़ के दौरान मार गिराना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है। सूत्रों का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकी इलाके में सक्रिय छह से सात दहशतगर्दों के समूह का हिस्सा हैं अथवा कोई नया ग्रुप घुसपैठ करके आया है। इस बारे में अभी जांच चल रही है।
दो पाकिस्तानी आतंकी ढेर
बुधवार को हुई गंदोह स्थित सिनू के जंगलों में हुई मुठभेड़ स्थल केमुठभेड़ में घायल हेड कांस्टेबल आशिक हुसैन की हालत अब स्थिर बताई जा रही है। उसका इलाज जीएमसी डोडा में चल रहा है। एडीजीपी आनंद जैन और डीसी डोडा हरविंदर सिंह ने जीएमसी पहुंच कर घायल से बातचीत की।इस महीने जम्मू क्षेत्र में यह दूसरी मुठभेड़ थी। इससे पहले 11 और 12 जून को कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में 15 घंटे तक चले अभियान में दो पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक जवान बलिदान हो गया था।
भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल
पुलिस ने वीरवार को बारामुला में आतंकियों के पांच सहयोगियों नौ कनाल (एक एकड़ से अधिक) जमीन कुर्क कर ली। यह पांचों 16 वर्ष से पाकिस्तान में हैं और वहीं से कश्मीर में अपने स्थानीय नेटवर्क के जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक उत्तरी कश्मीर के एक हजार से ज्यादा आतंकी 30 वर्षों के दौरान सुरक्षाबलों से पाकिस्तान या फिर गुलाम जम्मू-कश्मीर भागे हैं। यह सभी वहां नए आतंकियों को प्रशिक्षण देने, कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए गाइड का काम करने, जम्मू कश्मीर में हथियारों व नशीले पदार्थों की तस्करी करने और कश्मीर मामले पर पाकिस्तानी एजेंडे के मुताबिक भारत विरोधी दुष्प्रचार करने जैसी गतिविधियों में शामिल हैं।
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