Jammu: इस्लाम पर आपत्तिजनक वीडियो विरोध में श्रीनगर में प्रदर्शन जारी, पुलिस ने दे डाला अलटीमेटम
Jammu Latest News इस्लामिया कालेज में छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। उन्होंने एनआइटी के आरोपित छात्र के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। इस बीच पुलिस ने किसी भी तरह की भड़काऊ सामग्री को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट या अग्रेषित करने नहीं करने की चेतावनी जारी की है। चेतावनी को नहीं मानने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) श्रीनगर के एक छात्र द्वारा इंटरनेट मीडिया पर इस्लाम से संबंधित आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने पर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। हालात को देखते हुए एनआइटी ने बुधवार को सभी अकादमिक गतिविधियां बंद रखीं। संस्थान के परिसर में तो स्थिति लगभग शांत रही, लेकिन श्रीनगर के अमर सिंह और इस्लामिया कालेज में छात्रों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। उन्होंने एनआइटी के आरोपित छात्र के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। इस बीच, पुलिस ने किसी भी तरह की भड़काऊ सामग्री को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट या अग्रेषित करने नहीं करने की चेतावनी जारी की है। चेतावनी को नहीं मानने वालों पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
एनआइटी के एक छात्र ने गत दिनों एक यूट्यूब चैनल पर प्रसारित इस्लाम विरोधी सामग्री को इंटरनेट मीडिया पर अग्रेषित किया है। इसके बाद से एनआइटी परिसर में तनाव है। स्थानीय छात्रों ने उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करते हुए मंगलवार को अपनी कक्षाओं का बहिष्कार किया। एनआइटी प्रशासन ने उक्त छात्र को निलंबित कर दिया है और होस्टल में ठहरने पर भी रोक लगा दी है। उसके खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
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इस मुद्दे को लेकर श्रीनगर के कालेजों विशेषकर श्री अमर सिंह कालेज और इस्लामिया कालेज में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बीच पुलिस के साइबर सेल ने सभी के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें किसी भी तरह की आपत्तिजनक सामग्री इंटरनेट मीडिया पर नहीं प्रसारित करने की चेतावनी दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक, बीते कुछ समय से पाया गया है कि कुछ लोग इंटरनेट मीडिया पर ऐसी सामग्री को साझा कर रहे हैं जो कानून व्यवस्था कीक स्थिति को भंग कर सकती है। ऐसे तत्वों को कार्रवाई करने के लिए चिह्नित किया जा रहा है।
आज भी कश्मीरियों को शक की निगाह से देखा जा रहा: महबूबा
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि शेरे कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय (स्कास्ट) के सात छात्रों पर यूएपीए लागू करना दर्शाता है कि आजादी के बाद 76 वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी कश्मीरियों को शक की निगाह से देखा जाता है। उन्होंने कहा कि एनआइटी में ईश निंदा का आरोपित छात्र हो या स्कास्ट के छात्र, सभी को एक मौका और मिलना चाहिए। छात्रों का भविष्य नहीं बिगाड़ना चाहिए।
स्कॉस्ट के छात्रों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज करना अनुचित है। शोपियां में उन्होंने कहा कि भारत और आस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मैच के दौरान हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मुस्करा और हंस रहे थे। उन्होंने कहा कि कश्मीरी छात्रों पर यह जो मामला दर्ज किया गया है, वह भाजपा में असुरक्षा की भावना को दर्शाता है। भाजपा और केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में अपनी नीतियों के कारण विफल हो चुकी है।