JK Election Result 2024: 'चुनाव परिणाम कुछ भी हो, नियंत्रण दिल्ली का ही रहेगा', रिजल्ट से पहले ये क्या बोले इंजीनियर रशीद
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों पर इंजीनियर रशीद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी सरकार बने नियंत्रण दिल्ली का ही रहेगा। इंजीनियर रशीद ने कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी से भी मुलाकात की है जिसके बाद उनके कांग्रेस-नेकां गठबंधन का समर्थन करने की अटकलें तेज हो गई हैं। वहीं इंजीनियर रशीद को फारूक अब्दुल्ला बीजेपी का एजेंट बताते हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। अवामी इत्तेहाद पार्टी के चेयरमैन और बारामुला के सांसद शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणाम कुछ भी हो नियंत्रण दिल्ली का ही रहेगा। उन्होंने यह प्रतिक्रिया चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों पर व्यक्त की है। इन नतीजों में उन्हें एक से दो सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने भी इंजीनियर रशीद से उनके निवास पर मुलाकात की है। दोनों नेताओं की बैठक के बाद स्थानीय राजनीतिक गलियारों में इंजीनियर रशीद के कांग्रेस-नेकां गठबंधन का सहयोग करने की अटकलों ने जोर पकड़ लिया है। इंजीनियर रशीद ने टेलीफोन पर दैनिक जागरण से कहा कि मैं एग्जिट पोल में यकीन नहीं रखता। वोट तो आम लोगों ने दिया होता है, इसलिए आपको मतगणना का इंतजार करना चाहिए।
चुनाव परिणाम आया और मैं जीत गया
उन्होंने कहा कि बारामुला संसदीय चुनाव का नतीजा आने से पहले कोई मेरी जीत का दावा नहीं कर रहा था। मुझे तो कोई दौड़ में भी नहीं गिन रहा था। जब लोगों ने वोट दिया और चुनाव परिणाम आया तो मैं जीत गया।चन्नी से मुलाकात के बाद अटकलें तेज
कांगेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मुलाकात की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा कि संसद में मेरे लिए आवाज अगर किसी ने उठाई तो वह चरणजीत सिंह चन्नी ने ही उठाई है। वह आज मेरे घर आए थे। उन्होंने जो मेरे लिए आवाज उठाई, जो मेरा साथ दिया, उसके लिए मैने उनका आभार जताया है।
जब दो राजनीतिक लोग आपस में मिलते हैं तो राजनीति पर चर्चा जरूर करते हैं। हम दोनों के बीच भी विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा हुई है।
दिल्ली के हाथ में नियंत्रण
जम्मू कश्मीर में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना संबंधी सवाल के जवाब में इजीनियर रशीद ने कहा कि चाहे यहां त्रिशंकु विधानसभा हो या किसी एक राजनीतिक दल को बहुमत मिले, नियंत्रण नई दिल्ली के हाथ में रहेगा क्योंकि जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश है। जम्मू कश्मीर में किसी की भी सरकार बने, नियंत्रण दिल्ली के हाथ में रहेगा।
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