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JK Lok sabha Chunav 2024: उमर की तीसरी चुनावी हार से सभी हैरान, महबूबा मुफ्ती ने भी खाई मात; जितेंद्र-जुगल की जीत की हैट्रिक

Jammu Kashmir Lok sabha Chunav 2024 जम्‍मू कश्‍मीर में उमर अब्‍दुल्‍ला को तीसरी बार चुनावी हार मिली है। सिर्फ उमर ही नहीं पीडीपी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा। उन्हें नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ हुसैन लारवी ने हराया है। श्रीनगर संसदीय सीट नेशनल कान्फ्रेंस के आगा सैयद रुहुल्ला ने जीती है।

By naveen sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Tue, 04 Jun 2024 10:04 PM (IST)
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JK Lok sabha Chunav 2024: उमर की तीसरी चुनावी हार से सभी हैरान, महबूबा मुफ्ती ने भी खाई मात

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। Jammu Kashmir Lok sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में रिकॉर्ड मतदान ने जहां सभी को चौंकाया था तो वहीं बारामूला सीट पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला की हार ने सभी को हैरान कर दिया। उन्हें टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में बंद निर्दलीय उम्मीदवार इंजीनियर रशीद ने हराया।

यह उमर अब्दुल्ला की तीसरी चुनावी हार है। सिर्फ उमर ही नहीं, पीडीपी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा। उन्हें नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ हुसैन लारवी ने हराया है।

जुगल किशोर शर्मा ने जीत की लगाई हैट्रिक

अलबत्ता, ऊधमपुर-कठुआ संसदीय सीट पर भाजपा उम्मीदवार डा. जितेंद्र सिंह और जम्मू से भाजपा उम्मीदवार जुगल किशोर शर्मा ने जीत की हैट्रिक लगाई है। श्रीनगर संसदीय सीट नेशनल कान्फ्रेंस के आगा सैयद रुहुल्ला ने जीती है। कांग्रेस छोड़कर आए गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी ने सिर्फ तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और तीनों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। वह उमर अब्दुल्ला की हार पर जरूर दिल को तसल्ली दे रहे होंगे क्योंकि बारामूला में उन्होंने इंजीनियर रशीद को समर्थन दिया था।

सज्जाद गनी लोन भी हार गए चुनाव

पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन भी चुनाव हार गए हैं, वह भी बारामूला से मैदान में थे। संसदीय चुनाव में यह उनकी दूसरी हार है। इससे पूर्व वर्ष 2009 में उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा और हारा था। जम्मू-कश्मीर के पांच संसदीय सीटों में नेशनल कान्फ्रेंस के हिस्से में अनंतनाग-राजौरी व श्रीनगर संसदीय सीट आई है, जबकि एक सीट बारामूला पर निर्दलीय इंजीनियर रशीद जीते हैं। अन्य दो सीटों पर ऊधमपुर-कठुआ संसदीय सीट पर भाजपा विजयी रही है। सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी की जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी भी खाता खोलने में नाकाम रही है।

जम्‍मू और ऊधमपुर-कठुआ सीट पर उतरी थी भाजपा

जम्मू और ऊधमपुर-कठुआ सीट पर नेशनल कान्फ्रेंस व पीडीपी ने भाजपा के खिलाफ कांग्रेस के साथ गठजोड़ करते हुए अपना कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा था। भाजपा इन्हीं दो सीटों पर चुनाव लड़ी है। अन्य तीन सीटों पर कांग्रेस ने नेशनल कान्फ्रेंस का साथ दिया।

श्रीनगर में नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी और अपनी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला रहा। अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, नेशनल कान्फ्रेंस के मियां अल्ताफ हुसैन लारवी और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के जफर इकबाल मनहास के बीच मुकाबला रहा। भाजपा ने कश्मीर की तीनों सीटों पर पीपुल्स कान्फ्रेंस और अपनी पार्टी का समर्थन किया है।

बारामूला में रशीद के बेटे की इंजीनियरिंग आई काम

बारामूला में नेशनल कान्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स कान्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन और निर्दलीय इंजीनियर रशीद के बीच टक्कर थी। निर्दलीय इंजीनियर रशीद ने तिहाड़ जेल से ही अपना नामांकन जमा कराया था। उनके चुनाव प्रचार की कमान उनके पुत्र अबरार ने संभाली और युवाओं को अपने साथ जोड़ा। उन्हें स्थानीय मतदाताओं की सहानुभूति का भी पूरा लाभ मिला। पीडीपी के फैयाज अहमद मीर भी इसी सीट पर चुनाव लड़ रहे थे, वह चौथे नंबर पर रहे।

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उमर अब्दुल्ला ने अपना पहला संसदीय चुनाव 1998 में श्रीनगर से लड़ा और जीता था। उसके बाद उन्होंने 1999 और वर्ष 2004 में भी श्रीनगर से ही चुनाव लड़ा और जीता। इस बीच, उन्होंने वर्ष 2002 में गांदरबल और उसके बाद 2014 में सोनवार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारा था। मौजूदा लोकसभा चुनाव में उनकी हार उनके राजनीतिक कैरियर की तीसरी चुनावी हार है। उन्होंने श्रीनगर के बजाय बारामूला से चुनाव लड़ने का एलान कर सभी को हैरान किया था। उन्होंने कहा था कि भाजपा ने अपना पूरा ध्यान बारामूला में पीपुल्स कान्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को जिताने पर केंद्रित कर रखा है।

अनंतनाग-राजौरी में गुज्जर-पहाड़ी मतदाताओं का समीकरण

अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद लारवी ने कभी चुनाव न हारने का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा है। उनके दादा और पिता व उन्होंने 10 बार विधानसभा चुनाव लड़ा और कभी नहीं हारे। मियां अल्ताफ वर्ष 1987, 1996, 2002, 2008 और 2014 में लगातार पांच बार कंगन विधानसभा से चुनाव जीत चुके हैं।

नेशनल कान्फ्रेंस ने राजौरी-पुंछ और अनंतनाग में गुज्जर-पहाड़ी मतदाताओं के समीकरण को ध्यान में रखते हुए ही उन्हें मैदान में उतारा था। अल्ताफ लारवी गुज्जर और पहाड़ी समुदाय के एक बड़े वर्ग में धर्मगुरु की छवि रखते हैं। उन्होंने पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती को हराया। अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट पर तीसरे नंबर पर भाजपा समर्थित अपनी पार्टी के उम्मीदवार जफर इकबाल मनहास रहे हैं।

श्रीनगर में त्रिकोणीय रहा मुकाबला

श्रीनगर संसदीय सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला रहा। नेशनल कान्फ्रेंस के आगा सैयद रुहुल्ला ने अपने निकटतम विरोधी पीडीपी के उम्मीदवार वहीद उर रहमान पारा को 188416 वोटों से हराया। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद अशरफ मीर को 65954वोट मिले। मोहम्मद अशरफ मीर ने ही वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को सोनवार सीट पर हराया था।

जम्मू व ऊधमपुर-कठुआ सीट

भाजपा के कैडर की बूथ स्तरीय मेहनत रंग लाईजम्मू और ऊधमपुर-कठुआ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मुकाबला भाजपा बनाम कांग्रेस था। सभी की नजरें उधमपुर-कठुआ सीट पर थीं, क्योंकि पीएमओ में मंत्री डा. जितेंद्र सिंह को कांग्रेस के उम्मीदवार चौधरी लाल सिंह से कड़ी टक्कर मिल रही थी।

जितेंद्र सिंह को कहीं एंटी इंक्यूबेंसी का भी सामना करना पड़ रहा था, लेकिन भाजपा के कैडर की बूथ स्तरीय मेहनत उनके काम आयी और वह तीसरी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे। अलबत्ता, जीत का अंतर पहले से कम रहा है। जम्मू सीट पर भी भाजपा उम्मीदवार जुगल किशोर तीसरी बार विजयी रहे। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमन भल्ला को लगातार दूसरी बार हराया है। वर्ष 2019 में भी जम्मू सीट पर उनका मुख्य मुकाबला रमण भल्ला से ही था।

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बारामूला संसदीय निर्वाचन क्षेत्रविजयी उम्मीदवार- शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद- नेशनल कान्फ्रेंस के उमर अब्दुल्लापीपुल्स कान्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोनपीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी फैयाज अहमद मीरवर्ष 2019 में बारामूला संसदीय सीट नेशनल कान्फ्रेंस के माेहम्मद अकबर लोन ने जीती थी।

श्रीनगर संसदीय सीट

विजयी उम्मीदवार आगा सैयद रुहुल्ला- पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी वहीद उर रहमार पराजम्मू कश्मीर अपनी पार्टी मोहम्मद अशरफ मीरवर्ष 2019 में हुए संसदीय चुनाव में श्रीनगर में मात्र 14.43 प्रतिशत मतदान हुआ था और यह सीट नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष डा फारूक अब्दुल्ला ने जीती थी। उन्हें इस सीट पर पड़े कुल 186863 वोटों में से 106750 वोट मिले थे। उन्हें कुल मतदान के आधार पर 57.14 प्रतिशत वोट मिले थे। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को आगा सैयद मोहिसन को 70050 वोटों के अंतर से हराया था। पीडीपी उम्मीदवार को मात्र 19.64 प्रतिशत वोट मिले थे।

अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट

नेशनल कान्फ्रेंस के मियां अल्ताफ अहमद लारवीपीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी महबूबा मुफ्तीजम्मू कश्मीर अपनी पार्टी जफर इकबाल मनहासवर्ष 2019 में अनंतनाग संसदीय सीट पर मात्र नौ प्रतिशत मतदान हुआ था। पूरे क्षेत्र में सिर्फ 124896 वोट पड़े थे और इनमें से नेकां के विजयी उम्मीदवार हसनैन मसूदी को 40180 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के उम्मीदवार जीए मीर को 33504 और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफती को 30524 वोट मिले थे। नेकां के हिस्से में 32.17, कांग्रेस के हिस्से में 26.83 और पीडीपी के हिस्से में 24.44 प्रतिशत वोट आएथे।

जम्मू संसदीय सीट

भाजपा जुगल किशोर शर्माकांग्रेस रमन भल्ला

उधमपुर-कठुआ संसदीय सीट

भाजपा डा जितेंद्र सिंहकांग्रेस चौ लाल सिंह

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