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Kargil Vijay Diwas 2024: वीरों के सर्वोच्च बलिदान से भावी पीढ़ी प्रेरित, CDS बोले- खून बहाकर सीखे सबक न भूलें

Kargil Vijay Diwas 2024 कल कारगिल विजय दिवस है। द्रास में कारगिल युद्ध की रजत जयंती समारोह मनाया जा रहा है। इस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान भी पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि समय सशस्त्र बलों में बड़े सुधार हो रहे हैं। यह सुधार संगठनात्मक संरचनात्मक वैचारिक से लेकर सांस्कृतिक तक है। हमारी सेना लड़ाई के सदैव तैयार है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 01:02 AM (IST)
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Kargil Vijay Diwas 2024: रजत जयंती समारोह में शामिल हुए सीडीएस अनिल चौहान।
Kargil Vijay Diwas 2024: कल कारगिल विजय दिवस है। द्रास में कारगिल युद्ध की रजत जयंती समारोह मनाया जा रहा है। इस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान भी पहुंचे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि समय सशस्त्र बलों में बड़े सुधार हो रहे हैं। यह सुधार संगठनात्मक, संरचनात्मक, वैचारिक से लेकर सांस्कृतिक तक है। हमारी सेना लड़ाई के सदैव तैयार है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि कारगिल युद्ध में वीरों का सर्वोच्च बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनका बलिदान सिर्फ सैनिकों अपितु भावी पीढ़ियों को भी प्रेरित करता रहेगा। सीडीएस अनिल चौहान, थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ द्रास में मनाई जा रही कारगिल युद्ध की रजत जयंती समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हुए हैं।

'गलतियां दोहराने के लिए नहीं...'

कारगिल युद्ध की रजत जयंती पर सशस्त्र बलों के अधिकारियों व जवानों को बधाई देते हुए उन्होंने वीरवार को कहा कि कारगिल युद्ध ने सिर्फ सेना अपितु राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी लोगों के लिए सबक था। उन्होंने कहा कि खून बहाकर सीखे गए सबक को नहीं भूलना नहीं चाहिए। सीडीएस ने कहा कि गलतियां दोहराने के लिए नहीं अपितु उनसे सीख लेकर मजबूत होने का सबक सिखाती हैं।

'नई प्रथाओं को अपनाने के लिए रहें तैयार' 

इस समय सशस्त्र बलों में बड़े सुधार हो रहे हैं। यह सुधार संगठनात्मक, संरचनात्मक, वैचारिक से लेकर सांस्कृतिक तक है। इनका मकसद युद्ध में दक्षता हासिल करने के साथ सशस्त्र बलों को हर समय लड़ाई के लिए तैयार रखना है। भावी युद्धों की चुनौतियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमें पुरानी प्रथाओं को छोड़ नई प्रथाओं को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

'हमारे सशस्त्र बल नई ऊर्जा से उत्साहित'

उन्होंने देशवासियों को भी विश्वास दिलाया है कि देश की सुरक्षा करने के लिए हमारे सशस्त्र बल नई ऊर्जा से उत्साहित हैं। राष्ट्र अमृतकाल में कदम रख रहा है। भारत को विकसित बनाने के लिए देश के सभी हिस्से कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है।

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'हर चुनौती का सामना करने में सेना सक्षम'

पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने कहा कि वर्ष 1999 की तुलना में सेना मौजूदा समय में कई गुणा मजबूत हो चुकी है। वह किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। कारगिल विजय रजत जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे मलिक ने कहा कि सेना की मजबूती व लद्दाख में सड़कों, पुलों जैसे बुनियादी ढांचे में विकास से आज हम जमीन से आसमान तक पहुंच गए हैं।

मलिक लमोचन व्यू प्वायंट पर कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। कारगिल युद्ध के दौरान आई चुनौतियों के बारे में उन्होंने कहा कि उस समय कई कमियां सामने आई थीं। 25 वर्ष पहले सर्वेलांस की कमी के कारण घुसपैठ के बारे में समय पर जानकारी नहीं मिल सकी थी। आज हमारी सेना के बेड़े में आधुनिक हथियारों के साथ बेहतर संचार, सर्वेलांस यंत्र हैं।

'घुसपैठ करना संभव नहीं'

जिस तरह से 1999 में पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ की थी आज उसके लिए इस तरह से घुसपैठ करना संभव नहीं है। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना की कमान संभालने वाले पूर्व थलेसना अध्यक्ष ने डेरा डाल कर इस युद्ध में भारतीय सेना की जीत सुनिश्चत करने की रणनीति पर काम किया था।

ऐसे में वह युद्ध में सेना के साथ कंधे से कंधे मिलाकर लड़ने वाले क्षेत्र के निवासियों के योगदान को भी अच्छी तरह से जानते हैं। वीरवार को उन्होंने कारगिल के लोगों की सराहना करते हुए बताया कि युद्ध के चलते लद्दाख के पढ़े लिखे युवा भी सेना की मदद को आए थे।

सेना उनके जज्बे की सराहना करती है। पूर्व थलसेना अध्यक्ष ने द्रास के लमोचन व्यू प्वाइंट पर युद्ध के नायकों से बातचीत कर पुरानी यादों को ताजा करने के साथ सेना के बलिदानियों के परिजनों से बातचीत कर उनका मनोबल भी बढ़ाया।

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