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Kargil Vijay Diwas 2024: जांबाजों ने युद्ध के दौरान टाइगर हिल पर बनाया था इंडिया गेट, आज भी है मौजूद, जानिए पूरी कहानी

Kargil Vijay Diwas 2024 25 साल पूरे होने पर कारगिल विजय दिवस के अवसर पर रजत जयंती समारोह मनाया जा रहा है। लोग अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। अमर जवानों को श्रद्धांजलि देने पीएम मोदी कारगिल पहुंचे हैं। हमारे वीर जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ दिया था। इस खास दिन को हर साल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 04:34 PM (IST)
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Kargil Vijay Diwas 2024: टाइगर हिल के इंडिया गेट की कहानी, वीर जवानों ने जंग के दौरान बनाया था।
डिजिटल ब्यूरो, लद्दाख। आज कारगिल विजय दिवस है। 25 साल पूरे होने पर रजत जयंती को लेकर पूरे देश में इसकी धूम है। जगह-जगह शौर्य यात्रा निकाली जा रही है। आज ही के दिन हमारे जांबाज जवानों ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाकर देश को जीत दिलाई थी। 27 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध की समाप्ती हुई थी। इस खास दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

यह जीत आसान नहीं थी, हमारे जवानों ने अपने शौर्य और अदम्य साहस से हारी हुई बाजी पलट दी। जैसे ही टाइगर हिल पर भारतीय जवानों ने पाकिस्तानियों को खदेड़कर तिरंगा झंडा फहराया, इसे देखकर पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक गई। टाइगर हिल पर भारतीय जवानों ने फिर से कब्जा पा लिया।

4-5 जुलाई को टाइगर हिल पर कब्जा

टाइगर हिल पर कब्जा पाने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह टूट चुका था। इसके बाद दुश्मनों को भारतीय सेनाओं को देखने का विकल्प खत्म हो गया। टाइगर हिल पर हमारे वीर जवानों ने 4-5 जुलाई को कब्ज कर लिया था। युद्ध के दौरान भारतीय सेनाओं ने टाइगर हिल पर इंडिया गेट बनाया था, जो आज भी वहां मौजूद है।

कहां है इंडिया गेट

टाइगर हिल कारगिल सेक्टर के द्रास के उत्तर दिशा में कुछ किलोमीटर पर मौजूद चोटियों में से एक है। टाइगर हिल पूरब से पश्चिम तक 2200 मीटर तक फैली हुई है। यह कोन के आकार वाली चोटी है। इस चोटी की ऊंचाई 5062 मीटर है। टाइगर हिल के पश्चिम में 500 मीटर दूर एक ऐसी जगह है, जिसे ‘इंडिया गेट’ कहा जाता है।

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10 मई 1999 को ऑपरेशन विजय शुरू

बता दें कि करीब 1500 पाकिस्तनी सैनिकों ने दबे पांव तत्कालीन जम्मू और कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ की और वहां की पहाड़ियों पर कब्जा जमा लिया। पाकिस्तानियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया था। दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए 10 मई 1999 को ऑपरेशन विजय चलाया गया।

कारगिल युद्ध के हीरो

इस युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा, ग्रेनेडियर के पद पर तैनात योगेंद्र सिंह यादव, गोरखा राइफल्स में लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, 18 ग्रेनेडियर्स में लेफ्टिनेंट बलवान सिंह और कैप्टन एन केंगुरुसे ने बहादुरी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था।

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