कश्मीर में मारे गए आतंकियों से पहली बार बरामद हुई Steyer AUG राइफल, खासियत जान उड़ जाएंगे होश
बीत गुरुवार कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ कर रहे आतंकियों को जवानों ने ढेर कर दिया। इस हमले में जवानों ने दो दहशतगर्दों को ढेर कर दिया। उनके पास से हथियारों की एक बड़ी खेप बरामद हुई। खास बात है कि आतंकियों से पहली बार स्टेयर एयूजी राइफल बरामद हुई है। दैनिक जागरण ने जुलाई 2022 में आतंकियों के पास इस गन के होने का खुलासा किया था।
डिजिटल डेस्क, कुपवाड़ा। उत्तरी कश्मीर के केरन कुपवाड़ा में गुरुवार को मारे गए आतंकियों के पास से एक स्टेयर एयूजी राइफल भी मिली है।
हालांकि, कश्मीर में आतंकियों के पास इस राइफल के होने का दावा जुलाई, 2020 से ही किया जा रहा है, लेकिन इसकी बरामदगी पहली बार ही हुई है।मारे गए आतंकियो के पास से स्टेयर एयूजी (Steyer AUG) राइफल की बरामदगी के आधार पर कहा जा सकता है कि वे दोनों जैश-ए-मोहम्मद के पीएएफएफ दस्ते के सदस्य हो सकते हैं, क्योंकि दैनिक जागरण ने जुलाई 2020 में ही इसका खुलासा करते हुए बताया था कि पीएएफएफ के आतंकियों के पास ये राइफल है।
दो आतंकी हुए थे ढेर
गौरतलब है कि गुरुवार सुबह डोडा में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई फायरिंग में दो जवान घायल हो गए थे। इसके कुछ घंटों बाद उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ कर रहे जवानों ने दो आंतकियों को ढेर कर दिया। जिसके बाद आतंकियों से स्टेयर एयूजी समेत कई राइफल बरामद हुईं।
स्टेयर एयूजी (Steyer AUG) की खासियत
- ऑस्ट्रियाई निर्मित, स्टेयर एयूजी (आर्मी-यूनिवर्सल-गेवेर) एक बुलपप हमला राइफल है जो बेहतर गतिशीलता और सटीकता प्रदान करता है।
- बुलपप डिजाइन के साथ निर्मित यह राइफल 5.56 X 45 MM इंटरमीडियट कारतूस के लिए बनाई गई है।
- STEYR AUG गन का यूज न केवल दिन बल्कि रात में भी आसानी से किया जा सकता है।
- बंदूक की मैगजीन की बात करें तो इसमें क्रमानुसार 9, 30 और 42 राउंड एक साथ फायर किए जा सकते हैं।
- 'पुल थ्रू टिगर' की एडवांस टेक्नॉलॉजी के साथ निर्मित यह बंदूक टिगर के आधे खींचे जाने के बाद फायर करती है और यदि टिगर पूरा दबाया जाए तो ऑटोमेटिक फायरिंग शुरू हो जाती है।
- इस बंदूक की मारक क्षमता भी काफी एडवांस है, खास बात है कि इस गन को आसानी से कैरी किया जा सकता है।
- दुनिया भर के सशस्त्र और विशेष बल STEYR AUG पर भरोसा कर रहे हैं।
- कश्मीर में आतंकियों के पास पहली बार ये राइफल देखी गई है।
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