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Pulwama Encounter: पुलवामा कांड जैसे बड़ा धमाका करने की फिराक में थे लश्कर के आतंकी, ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने किया राजफाश

पुलवामा में सुरक्षाबलों ने आतंकियों की बड़ी साजिश नाकाम कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा का डिवीजनल कमांडर रियाज अहमद डार और रईस अहमद डार ने छह-छह किलो की दो शक्तिशाली आइईडी तैयारी की थी। जिससे वो सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की फिराक में थे। उनके मंसूबे का राजफाश हत्थे चढ़े तीन ओवर ग्राउंड वर्करों ने किया है। नकी निशानदेही पर बरामद दो आइईडी को नष्ट किया गया है।

By naveen sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 11 Jun 2024 08:09 AM (IST)
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पुलवामा कांड जैसे बड़ा धमाका करने की फिराक में थे लश्कर के आतंकी (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। लश्कर-ए-तैयबा का डिवीजनल कमांडर रियाज अहमद डार और उसका साथी रईस अहमद डार एक बार फिर पुलवामा कांड जैसा कोई बड़ा धमाका कर कश्मीर को दहलाने की फिराक में थे। अगर दो जून को सुरक्षाबलों को उनके ठिकाने का पता नहीं चलता तो वे कुछ बड़ा कर जाते।

दोनों मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए। उन्होंने छह-छह किलो की दो शक्तिशाली आइईडी तैयार कर ली थी जिन्हें पुलवामा में सुरक्षाबलों के वाहनों या फिर किसी सुरक्षा शिविर को निशाना बनाने के लिए लगाने वाले थे।

तीन ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने किया राजफाश

उनके मंसूबे का राजफाश हत्थे चढ़े तीन ओवर ग्राउंड वर्करों ने किया है। उनकी निशानदेही पर बरामद दो आइईडी को नष्ट किया गया है। रियाज और रईस अहमद दोनों ही क्रमश: 10 लाख व पांच लाख के इनामी आतंकी थे।

दोनों जिला पुलवामा में काकपोरा के रहने वाले थे। रियाज आठ वर्ष से सक्रिय था। यह दोनों निहामा पुलवामा में अपने किसी संपर्क सूत्र के पास छिपे हुए थे जहां दो जून की रात को सुरक्षाबलों ने इन्हें घेर लिया था।

उसके बाद हुई मुठभेड़ जो तीन जून दोपहर को समाप्त हई जिसमें ये दोनों आतंकी मारे गए। इनका ठिकाना बना मकान तबाह हो गया।

आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद

दोनों के पास से एसाल्ट राइफलें, एसाल्ट राइफल के कारतूस, पिस्तौल पर अन्य साजो सामान भी मिला था। संबंधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दोनों आतंकियों के मारे जाने के बाद मुठभेड़ की जगह से मिले सुरागों के आधार पर जाच की गई तो पता चला कि इनके तीन ओवर ग्राउंड वर्कर निहामा में ही रहते हैं।

उनकी पहचान बिलाल अहमद लोन,सज्जाद गनई और शाकिर बखीर लोन के रूप में हुई। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया और इनसे पूछताछ की गई। तीनों ने बताया कि वह रियाज और रईस समेत लश्कर के विभिन्न आतंकियों के लिए लंबे समय से काम कर रहे थे।

वह लश्कर के आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकानों के अलावा उनके हथियारों को भी एक जगह से दूसरी जगह सुरक्षित पहुंचाते थे।

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आइईडी तैयार थी बस धमाका करना बाकी था

पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि रियाज व रईस ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए बड़ा षड्यंत्र रचा था। उसी को अमली जामा पहनाने की तैयारी के लिए वह निहामा आए थे और सुरक्षाबलों की घेराबंदी में फंस गए। पूछताछ में पता चला कि उन्होंने शाकिर बशीर को दो आइईडी सौंपी थी।

यह दोनों आइईडी शाकिर बशीर ने निहामा में बाग में छिपाकर रखी थी। प्लास्टिक के कंटेनर में रखी गई आइइडी के साथ अन्य विस्फोटक भी थे। दोनों आइईडी पूरी तरह तैयार थी और इन्हें किसी जगह रखकर धमाका करना शेष था। शाकिर के अनुसार, रियाज चाहता था कि यह आइईडी किसी ऐसी जगह लगई जाए जहां सुरक्षाबलों को भारी नुकसान पहुंचे।

संबधित अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों आइईडी को बरामद करने के बाद सुरक्षित धमाके के साथ नष्ट कर दिया गया है। शाकिर व उसके साथ पकड़े गए अन्य दो ओवर ग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ जारी है।

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